बेटी से घर, बेटी से परिवार, बेटी से दुनिया, बेटी से समाज। जी हां, हर वाक्य बेटी के अनमोल जीवन की बखान करता है। बदलते वक्त के साथ बेटियों को लेकर समाज भी बदला है। पहले जहां ‘हम दो और हमारे दो’ वाली कहावत परफेक्ट परिवार की परिभाषा मानी जाती थी, वहीं अब बेटा हो या बेटी फर्क नहीं पड़ता वाली बेपरवाही समाज में लड़की पैदा होने की मौजूदगी को पुख्ता करता है, लेकिन कई बार ऐसा होता है, जब परिवार में बेटियों को बोली गई कुछ बातें उन पर ये तो लड़की है वाली सोच थोपने जैसी प्रतीत होती है। आइए विस्तार से जानते हैं उन बातों को बारे में, जो आपको अपनी बेटी से नहीं बोलनी चाहिए।
न करें बेटों से तुलना
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अपने भाई को देखो, पड़ोसी की बेटी को देखा है, कितना पढ़ती है, तुम्हारी दोस्त के तुमसे ज्यादा नंबर आए हैं, इस तरह के वाक्यों का प्रयोग बेटी के समक्ष न करें। ऐसा करने से आप सीधे तौर पर यह बता रही हैं कि आपकी बेटी दूसरों के मुकाबले कमजोर है और आप उसे उसके जैसा नहीं बल्कि किसी तीसरे के जैसा बनाना चाहती हैं। आप यह भी महसूस कराती हैं कि उसमें कोई खूबी नहीं सिर्फ खामियां हैं। आपकी बेटी को यह भी महसूस हो सकता है कि आप उससे प्यार नहीं करते हैं, आपको उसकी कोई परवाह नहीं है और आप उसे समझने की बजाए और तकलीफ में उसका सहारा नहीं बन सकती हैं। ऐसे में बेटी कभी-भी आपसे अपने दिल की बातें साझा नहीं करेगी। वक्त का आप अपने इन्हीं वाक्यों के कारण बेटी से दूर हो जायेंगी।
घर के काम भी सीखो
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लड़कियों को बचपन से नानी-दादी या फिर परिवार में किसी न किसी महिला या फिर पुरुष से यह बात जरूर सुनने को मिलती है कि घर का काम भी सीखो। देखा जाए, तो घर का काम सीखना जरूर भी है, लेकिन न सिर्फ लड़कियों के लिए, बल्कि लड़कों के लिए भी। ताकि वह अपने काम के लिए कभी किसी पर निर्भर न रहें। इसलिए कभी-भी आप केवल घर में मौजूद लड़की को बचपन से इस बात के लिए दबाव न डालें कि घर का काम भी सीखो। कोशिश करें कि आप हर चीज में बेटी को बराबरी का अधिकार दें। अगर घर में बेटा है, तो उसे भी समान रूप से घर के काम सिखाएं। अगर नहीं है, तो आप अपनी बेटी को यह सीख दें कि परिवार के हर सदस्य को घर का काम आना चाहिए, ताकि उसके मन को ठेस न पहुंचे।
कम खाया करो
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लड़कियों की बॉडी शेमिंग की शुरुआत कई बार घर से होती है, जब शादी या फिर किसी त्योहार के मौके पर घर में मौजूद लड़की को यह जरूर सुनाई देता है कि कम खाया करो, कितनी मोटी हो गई है आपकी बेटी, अरे! तुम इतना खाने वाली हो, तो दूसरा क्या खाएगा। अगर आपने बतौर माता-पिता इस तरह की बातें अपनी बेटी के लिए सुनती हैं, तो तुरंत सामने वाले व्यक्ति को इसके लिए टोके और उन्हें यह जरूर बताएं और अपनी बेटी का साथ दें। कई बार दूसरों की तीखी टिप्पणी से अधिक बुरा अपनों की चुप्पी लगती है। इस तरह की लाइनें आपकी बेटी के जीवन का घाव बन सकती हैं।
शादी के बाद घूमना-फिरना
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अक्सर घरों में ऐसा होता है कि जब भी बेटी घर से बाहर घूमने की बात करती है या फिर दोस्तों के साथ कई घूमने की बात कहती हैं, तो यह सुनने को मिलता है कि शादी के बाद घूमना-फिरना। इस तरह की बातों से आप अपनी बेटी की तरफ अविश्वास दिखाते हैं। अगर आपको बेटी के लिए बाहर का माहौल सुरक्षित नहीं लगता या फिर आपको बेटी के दोस्त नहीं पसंद, तो आप खुलकर इस मामले में बेटी से बात करें। ऐसी बातें न कहें जिससे आपकी बेटी को लगे कि माता-पिता उस पर यकीन नहीं करते हैं।
मैंने तुम पर इतना खर्च कर दिया है
कभी भी अपनी बेटी के परवरिश का हिसाब न लगाएं। उसके सामने यह नहीं बोलें कि तुम पराया धन हो और हमने तुम पर इतना खर्च कर दिया है। इस तरह के शब्द बेटी के साथ आपके रिश्ते में जीवन भर की दूरी लेकर आते हैं। आपकी बेटी को आपके साथ की जरूरत हो। बेटी को अपना अभिमान मानें। उसमें कभी-भी कोई फर्क न करें। क्योंकि आप फर्क करेंगी, तो समाज भी करेगा। अगर माता-पिता अपनी बेटी के साथ खड़े रहते हैं, तो समाज की कोई भी उंगली उसकी तरफ उठ नहीं सकती है।