सस्टेनेबल खिलौने की बात की जाए,तो दादी और नानी के कपड़े से बनाए हुए खिलौनों की याद आ जाती है। किस तरह कपड़े की गुड़िया बनाकर दादी और नानी अपनी कहानी का पिटारा घोल देती थी। लेकिन बदलते दौर में तकनीकी के आने से मिट्टी और कपड़ों के खिलौनों की अहमियत को अनदेखा किया जा जा रहा है। गेम्स और मोबाइल के प्रति बच्चों की दिलचस्पी अधिक बढ़ रही है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे माता-पिता बच्चों का झुकाव और रुचि सस्टेनेबल खिलौने की तरफ बढ़ा सकती हैं।
सस्टेनेबल खिलौने के जरिए कहानी से जुड़ाव

सस्टेनेबल खिलौने के जरिए बच्चों को कहानी सुनाना, बहुत ही अच्छा तरीका माना गया है। यह एक तरह से बच्चों के लिए एंटरटेनमेंट का साधन होता है और साथ ही उन्हें पर्यावरण की अहमियत भी समझाता है।आप बच्चों को कपड़े की किसी गुड़िया के जरिए धरती के रक्षक सैनिक की कहानी सुना सकती हैं।
जीवन की सीख

इस तरह बच्चों को कहानी के जरिए जीवन की सीख, पर्यावरण की रक्षा करना और साथ ही कपड़ों के खिलौने की अहमियत भी समझाते हैं और बच्चों को जुड़ाव भी इस तरह के खिलौनों से बढ़ता है। अगर आप चाहें तो इस तरह की कहानियों के साथ खिलौने बनाना सिखाने वाली वर्कशॉप, क्लास या स्कूल प्रोजेक्ट भी तैयार किया जा सकता है
खुद बनाएं खिलौने सस्टेनेबल

पुरानी चीजों से DIY खिलौने बना सकती हैं, जैसे गत्ते का घर या कपड़े की कठपुतली। इससे रचनात्मकता बढ़ती है और बच्चा उस खिलौने से जुड़ता है। खाली टॉयलेट पेपर रोल या किचन पेपर रोल के जरिए कागज की कई सारी चीजें बना सकती हैं। इसके अलावा लकड़ी के छोटे टुकड़ों को विभिन्न आकारों में काटें। बच्चों को इन टुकड़ों से इमारतें, घर या अन्य संरचनाएं बनाने के लिए प्रेरित करें। यह खिलौना बच्चों को संतुलन, आकार और रचनात्मकता सिखाने में मदद करता है। बच्चों को मिट्टी से आकार बनाने के लिए प्रेरित करें। इससे भी बच्चों का जु़ड़ाव बढ़ता है।
सस्टेनेबल टूटे खिलौने को जोड़ना

टूटे हुए खिलौनों को जोड़कर सस्टेनेबल खिलौने बनाना एक बेहतरीन तरीका है पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का, और साथ ही बच्चों में रचनात्मकता व मरम्मत की सोच पैदा कर सकती हैं। बच्चों को प्रेरित करें कि वे नए खिलौने की एक कहानी बनाएं। आप इस काम में बच्चों की मदद कर सकती हैं, इससे बच्चे किसी और का साथ पाकर इस काम को और भी दिलचस्पी के साथ करेंगे। आप उनके साथ बैठकर खुद टूटे हुए खिलौनों को जोड़ते हुए एक कहानी बना सकते हैं। इससे उनकी भाषा और सोच का भी विकास होता है और उन्हें इस बात की सीख मिलती है कि टूटे हुए खिलौने को जोड़कर नया खिलौना लेने की बजाय पुराने खिलौनों को ठीक करें।
बच्चों के साथ खेलना
बच्चों को सस्टेनेबल खिलौनों की कीमत समझने के लिए उनके साथ खेलना भी एक अच्छा तरीका है। आप खेल के जरिए बता सकते हैं कि कैसे मिट्टी और लकड़ी हमारे पर्यावरण का जीवन है। आप प्लास्टिक के खिलौने के साथ उनकी तुलना कर सकती हैं। आप ऐसा गेम खेल सकती हैं, जहां उन्हें पेड़ों या फिर नदी के नाम बताना हो और फिर हर एक नाम बताने पर आप उन्हें लकड़ी के खिलौने उपहार में दें।