बुर्जुगों का कहना है कि बच्चों के साथ हमेशा प्यार और दोस्ती का रिश्ता बनाना चाहिए। वहीं नए जमाने की नई सोच यह कहती हैं कि परिवार में बच्चा हो या फिर कोई बड़ा कभी भी किसी के साथ अपेक्षा वाला रिश्ता नहीं बनाना चाहिए। इसकी शुरुआत बचपन से ही करनी चाहिए। बच्चों के साथ बिना किसी अपेक्षा वाला रिश्ता बनाने के लिए कुछ प्रमुख सिद्धांत हैं। यह रिश्ते को और भी मजबूत करता है और रिश्ते को सच्चाई में लेकर आता है। आइए चाइल्ड काउंसलर श्वेता से जानते हैं, इस बारे में विस्तार से।
आजादी का सम्मान करना

बच्चों को उनके सोच में आजादी देने की जरूरत होती है। माता-पिता को बच्चों के विचारों, भावनाओं और इच्छाओं का समन्ना करना चाहिए। परिवार का माहौल खुशनुमा रखना चाहिए। साथ ही माता-पिता को इस बात की उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि जैसा वह सोचते हैं, ठीक वैसी ही सोच उन्हें भी रखनी चाहिए। माता-पिता को बच्चे से किसी भी बात की चाहत या अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए। बच्चों पर किसी भी बात को थोपना नहीं चाहिए।
आपसी यकीन का ध्यान रखना

यह बहुत जरूरी है कि बच्चों के साथ विश्वास का रिश्ता कायम रखा जाए। बच्चों को यह यकीन होना चाहिए कि किसी भी रिश्ते को लेकर उन्हें किसी से कोई अपेक्षा या उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। उनका सच्चा साथी वे खुद हैं। माता-पिता को बच्चे को यह यकीन दिलाना चाहिए कि वे अपनी परेशानियों, खुशियों और उलझनों को बिना डर के खुद उनका सामना कर सकते हैं साथ ही अगर कोई समस्या बड़ी दिखाई दे रही है, तो उसका सामना माता-पिता और बच्चों को साथ मिलकर करना है।
सकारात्मक नजरिया अपनाना

बच्चों की हर छोटी-बड़ी उपल्बधियों और प्रयासों की सराहना करना जरूरी है। उन्हें यह महसूस कराना जरूरी है कि उनका प्रयास ही सबसे बड़ी चीज है। बच्चों को यह अहसास दिलाएं कि जीवन का नजरिया हमेशा सकारात्मक रखना चाहिए। बच्चों को यह महसूस कराना चाहिए कि उनका प्रयास ही सबसे अधिक मायने रखता है। परिणाम से बड़ी कोशिश होती है। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और उनकी खुद से उम्मीद बढ़ती है।
सुनने की कला और सकारात्मक सीमा

अपने बच्चे को सुनना भी आपके लिए बहुत जरूरी है। आपको अपने बच्चे के साथ सुनने की कला का निर्माण करना होगा। जब आप बच्चों को पूरी तरह से सुनती हैं, तो उन्हें यह महसूस होता है कि आप उनका और उनकी बातों का सम्मान करते हैं। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और इससे उनके रिश्ते और भी बेहतर और अच्छे बनते हैं। अपेक्षा का न होना यह नहीं बताता कि आप अपने बच्चे के लिए कोई सीमा नहीं रखें। बच्चों के लिए सकारात्मक सीमा निर्धारित करना और उन्हें समझाना कि क्या ठीक है और क्या नहीं, यह रिश्ते में सुरक्षा की भावना प्रदान करता है।
उम्मीद कम करना

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों से अपनी इच्छाएं और अपेक्षाएं कम करें। उन्हें स्वतंत्र रूप से विकसित होने और अपनी पसंद के अनुसार चुनने का अवसर देना चाहिए। जब आप उनसे अपनी इच्छाएं और अपेक्षाएं पूरी करने का दबाव नहीं डालते, तो वे आपके साथ एक स्वाभाविक और बिना दबाव वाले रिश्ते को महसूस करते हैं।