त्योहारों का आनंद अपनों के साथ आता है, लेकिन अगर परिवार के बीच या फिर दोस्तों के बीच किसी तरह का मनमुटाव होता है, तो कहीं न कहीं त्योहार का मजा फीका हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि खासकर त्योहार के समय हमें एक दूसरे के बीच होने वाले गीले-शिकवे को भूलना चाहिए। इंसान का स्वभाव है कि सुख बांटने से बढ़ता है और दुख बांटने से कम होता है और त्योहार के समय अकेलेपन के साथ खुशियों का रंग नहीं खेला जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर क्यों त्योहारों पर गिले-शिकवे भूलना जरूरी होता है।
त्योहार पर दूर होगा अधूरापन
आप जरा सोच कर देखें कि त्योहार का मौका होने पर भले ही आपने अपने आस-पास के परिसर में चकाचौंध कर रखी है, लेकिन अगर आपके साथ खुशियों की मिठाई खाने के लिए किसी का साथ न हो, तो भला आपको कैसा लगेगा। इस अधूरेपन का अहसास उन लोगों को सबसे अधिक होता है, जो लोग अपने परिवार से दूर पढ़ाई और काम के सिलसिले में दूर रहते हैं और वक्त न होने के कारण त्योहार के मौके पर परिवार के पास नहीं आ पाते हैं। इस अधूरेपन की कमी को कोई भी नहीं भर सकता है। अगर आप त्योहार के मौके पर पर भी गिले और शिकवे को दूर नहीं करेंगे, तो त्योहार के मौके के साथ जीवन के अकेलेपन को कभी भी दूर नहीं कर पाएंगी।
‘माफ करना’ गलती स्वीकार करने में जीवन का सुख
कहते हैं कि माफ करने वाला और गलती स्वीकार करने वाले का दिल सबसे बड़ा होता है। आम दिनों के साथ त्योहार के दिनों में भी आपको अपना दिल बड़ा करते हुए अपनों की गलती को माफ कर देना चाहिए और अगर किसी कारण आप अपनी गलती स्वीकार कर लेते हैं, तो इससे आप अंदर से खुद को राहत पहुंचा पाएंगी। त्योहार के दिनों में ऐसा करना आपको अपने रिश्ते के और भी करीब लाएगा। क्योंकि दिल से मांगी हुई माफी कभी जाया नहीं जाती है। बुर्जुगों का कहना है कि माफ करने और गलती स्वीकार करने से आप सामने वाले के जीवन में खुशी लाने के साथ खुद को भी अंदरूनी तौर पर सुकून पहुंचाते हैं।
दो पल की जिंदगी
कल क्या पता किनके लिए आंखें तरस जाएंगी ! जी हां, जिंदगी दो पल की है और दुनिया बहुत छोटी है। ऐसे में किसी के लिए अपने मन में गिले-शिकवे रखकर आप खुद को सबसे अधिक तकलीफ देते हैं और आप यह क्यों नहीं सोचते हैं कि हर किसी की जिंदगी में कोई न कोई परेशानी जरूरी है ऐसे में आपको सामने वाले की भावनाओं का सम्मान करते हुए गिले-शिकवे को भुला कर आगे बढ़ना चाहिए। रिश्तों की माला में हर एक मोती आपस में जुड़े रहने पर ही अपनी शोभा से किसी के जीवन में खुशियों की रोशनी लाती है और आप अपने परिवार के जीवन में भी मोती के चमक बरकरार रख सकती हैं।
अपने ही देंगे साथ
चाहे कुछ भी हो, लेकिन मुसीबत के वक्त अपने ही काम आते हैं। परिवार और दोस्त भले ही मनमुटाव के कारण आप एक-दूसरे से मुंह फेर लेते हैं, लेकिन मुसीबत पड़ने पर परिवार ही एक-दूसरे के लिए सहारा बनते हैं। इसी सोच के साथ आपको भी त्योहारों के मौके पर मनमुटाव के कारण आयी हुई दूरी को मिटाकर दोनों हाथों से रिश्तों को स्वीकार करना चाहिए। किसी भी तरह का मनमुटाव आपके रिश्ते में कलह पैदा नहीं कर सकता है। गिले-शिकवे से नाराजगी रहती है, लेकिन आपसी संबंध की मधुरता कभी खत्म नहीं होती है
करीब आने का मिलेगा मौका
जाहिर सी बात बात है कि अगर आप अपने दोस्त और परिवार के बीच किसी भी तरह के तनाव और गिले-शिकवे को खत्म करने की कोशिश करते हैं, तो इससे आपको एक-दूसरे के करीब आने का अवसर मिलता है। इससे वक्त के साथ आपके रिश्ते में आयी परेशानी और उलझन भी खत्म हो जाती है। त्योहार के मौके पर आपको एक दूसरे के करीब आने का अवसर मिलता है और कई बार यह भी होता है कि जब आप आपसी मनमुटाव खत्म करती हैं, तो आपका रिश्ता पहले से अधिक मजबूत हो जाता है।