इन दिनों आप गौर करें, तो सोच बदली है। अब ननद भाभी या देवरानी-जेठानी में तकरार नहीं, बल्कि एक आपसी समझ और बॉन्डिंग नजर आ रही है। आइए समझें विस्तार से।
बॉन्डिंग है कमाल की

अगर आप गौर करें, तो किसी दौर में यह सोच हावी रहती है कि ननद-भाभी या देवरानी-जेठानी केवल आपस में लड़ती हैं या एक दूसरे को पसंद नहीं करती हैं, जबकि यह एक अच्छी बात है कि सोशल मीडिया पर लगातार ननद और भाभी या देवरानी-जेठानी के रिश्ते को नए आयाम मिलते नजर आते हैं। वे सोशल मीडिया पर बेहतरीन रील्स बनाती नजर आती हैं और एक दूसरे के साथ मस्ती करती हुईं और हंसती-हंसाती नजर आती हैं। न कि एक दूसरे की बुराई करती हुईं। साथ ही कई सारे क्रिएटिव आइडियाज लेकर भी काम भी कर रही हैं, रील्स में ही सही यह ट्रेंड साफतौर पर दिख है है कि दोनों एक दूसरे की हमराज बन रही हैं। बिजनेस पार्टनर भी
अब ननद और भाभी या देवरानी-जेठानी केवल घर में एक परिवार जैसी नहीं, बल्कि बिजनेस पार्टनर के रूप में भी नजर आ रही हैं और सोशल मीडिया पर ऐसे कई उदाहरण मौजूद नजर आ रहे हैं, जिसमें साफतौर पर नजर आ रहा है कि दो महिलाएं आपस में मिल कर नए करियर को अंजाम दे रही हैं, यह नहीं कि वह किचन पॉलिटिक्स में फंसी हुई हैं। वे हर दिन एक दूसरे के साथ नए-नए आडिया पर काम कर रही हैं, अच्छे से चीजों को सीख रही हैं और एक दूसरे को सीखा भी रही हैं, कई तरह के बदलाव आ रहे हैं, दोनों अब दोस्त बन रहे हैं और एक दूसरे के पक्ष में बात कर रही हैं और एक दूसरे को बढ़ते हुए देखना चाह रही हैं।
इमोशनल सपोर्ट
अब ऐसा भी नहीं है कि केवल बिजनेस तक ही इन महिलाओं का प्यार या सपोर्ट सीमित है, बल्कि जरूरत पड़ने पर घर में अगर आपस में या उनमें से किसी को भी इमोशनल सपोर्ट की जरूरत हो रही है, तो एक दूसरे की चुगली करने या बुराई करने या नीचा दिखाने की जगह दोनों एक दूसरे का पूर्ण सपोर्ट करती हुईं नजर आ रही हैं, जब-जब किसी दुविधा में दोनों में से कोई भी एक रहती हैं, इमोशनल सपोर्ट देने में महिलाएं आगे रहती हैं और काफी सपोर्ट करती हैं और प्यार देती हैं और इसका नतीजा यह है कि अब एक घर में भी वह एक टीम जैसी नजर आती हैं, जिससे दोनों को ही इमोशनल सपोर्ट मिल रहा है और साथ ही काफी प्यार भी मिल रहा है।
भाई से ज्यादा भाभी करीबी

गौरतलब है कि जब भाई से अपने मन की बात कहने में हिचकने वालीं लड़कियां, अब अपनी भाभी से मन की बात कर रही हैं और उन्हें अपना हमराज मान रही हैं, वे यह समझ रही हैं कि भाभी से दिल की बात करना गलत नहीं होगा। वे भाई से अधिक भाभी पर विश्वास कर रही हैं, देवरानी-जेठानी दिल खोल के अपने मन की बात कर हैं, क्योंकि वे जानती हैं अपने भाई से ज्यादा एक औरत ही औरत को समझ सकती हैं।
साथ में अच्छा समय बिताना

अब महिलाएं आपस में एक साथ मिलकर खाना बना रही हैं सारे कामों को एक साथ मिल कर साझा भी कर रही हैं, क्योंकि अब वे आपस में इस बात को भी समझ चुकी हैं कि एक दूसरे पर सिर्फ काम थोपना नहीं, बल्कि एक दूसरे को समझ कर आगे बढ़ने से ही होगा। हर दिन के काम एक बड़ी जिम्मेदारी है और इसे बांटने से ही होगा और एक दूसरे के साथ घुल-मिल कर ही रहना होगा। अब वे आपस में गपशप ही नहीं कर रही हैं, बल्कि साथ में कॉफी टाइम के लिए भी समय निकालती हैं और एक दूसरे की रुचियों को भी बढ़ावा देने का काम कर रही हैं। साथ ही एक दूसरे से खुलकर और सम्मानपूर्वक बातचीत कर रही हैं और एक दूसरे के साथ मतभेदों को बढ़ने देने के बजाय, उन्हें सुलझाने की कोशिशें भी कर रही हैं और एक-दूसरे के नजरिए को समझने की भी। साथ ही साथ एक दूसरे में कोई दिखावटीपन नहीं रख रही हैं, इससे दोनों के संबंध और गहरे होते जा रहे हैं।
बीएफएफ बॉन्डिंग
एक दौर था, जब घर की बातों को शेयर करने के लिए हम बाहर दोस्त ढूंढते थे, लेकिन अब घर पर ही महिलाएं, एक दूसरे के साथ बीएफएफ वाली बॉन्डिंग करती हुईं नजर आती हैं और प्यार लुटाती हैं और अब उन्हें कहीं भी बाहर जाने की जरूरत बिल्कुल नहीं, बल्कि हंसती-खेलती वे आपस में ही प्यार करती और एक दूसरे के साथ समय बिताती नजर आती हैं।
सोशल मीडिया है बेस्ट

आप गौर करें, तो सोशल मीडिया पर एक अलग बयार चली है। आप सोच कर देखें, तो सोशल मीडिया पर जब वे कॉन्टेंट तैयार करती होंगी तो उन्हें और किसी काम की फुरसत नहीं मिलती होगी और इसी बहाने दोनों की क्रिएटिव बॉन्डिंग भी हो रही है।