img
हेल्प
settings about us
  • follow us
  • follow us
write to us:
Hercircle.in@ril.com
terms of use | privacy policy � 2021 herCircle

  • होम
  • कनेक्ट
  • एक्स्क्लूसिव
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प

search

search
all
communities
people
articles
videos
experts
courses
masterclasses
DIY
Job
notifications
img
Priority notifications
view more notifications
ArticleImage
रहन-सहन

मिलिए इन 4 सोलो महिला ट्रैवलर्स से, जिनके लिए ‘घूमना’ बना उनकी ‘आजादी’ का ब्रांड

अनुप्रिया वर्मा |  अगस्त 27, 2022

इधर हमने प्लानिंग बनाई नहीं, अभी बस रहने के ठिकानों के लिए इंटरनेट सर्च कर ही रही होती हैं कि एक के बाद, एक परिवार वालों की नसीहतें शुरू हो जाती हैं। लड़की हो, अकेले कहां जाओगी, कुछ गड़बड़ हो गई तो, लेकिन जब हमारा दिल ही आजाद है, तो ऐसी बंदिशों में क्यों बांधना खुद को...कुछ ऐसी ही महिला सोलो ट्रैवलर से हम आपको मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने लगेज में परिवार की नसीहतों का बैगेज नहीं, बल्कि आजादी फोल्ड करके निकल पड़ीं, दुनिया को सिर्फ और सिर्फ अपनी जूम लेंस से देखने। और उनकी जूम लेंस ने देखा कश्मीर सुरक्षित है वीमेन ट्रैवलर्स के लिए, लोग करते हैं आपकी मदद और सबसे अहम बात दिल से महसूस होती है आजादी, तो आइए विस्तार से इन सारे अनुभवों को जानें 

 

कश्मीर में हर कदम पर मिला प्यार : तरुशी चौधरी 

तरुशी पेशे से पॉडकास्टर और कॉन्टेंट स्ट्रैटजिस्ट हैं। लेकिन घूमना उनका पैशन हैं। खासतौर से सोलो ट्रैवलिंग करने में माहिर हैं। जब हमारी बातचीत हुई, उसके एक दिन पहले भी वह मधीगीरी नाम की जगह से सोलो ट्रैवल करके लौटीं। वह बताती हैं “ जब कोविड के बाद महामारी आयी, तो मैं लगातार जरूरतमंद लोगों के लिए कुछ न कुछ काम कर रही थी, उस वक्त मुझे ऐसा लगा कि थोड़ा ब्रेक लूं और अकेली ही निकल जाऊं। शुरू में थोड़ा सा डर लगा था मुझे। लेकिन फिर उस डर को मैंने मजे में बदल दिया और पूरे चार महीने मैंने सोलो ट्रैवलिंग किया। मैंने हिमाचल प्रदेश की ऐसी जगहों को शुरुआत में एक्सप्लोर करना शुरू किया, जो ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं। पोझा, तीरहन और ऐसी कई जगहों पर गयी। मेरे लिए हैरानी की बात यह रही कि मैंने जो इतनी डर की बातें सुनी थी कि लड़की होकर कैसे मैनेज करूंगी, मैंने सब कर लिया। लोगों ने आगे बढ़ कर मदद की, हर कदम पर वह अगले जगह के बारे में बता देते थे। यहां तक कि मुझे स्कूटी भी ऑफर किया, जब मैंने बताया कि अकेली हूं तो। सो, मुझे तो ऐसा लगा कि टूरिस्ट जगहों पर लोग अधिक वेलकमिंग होते हैं। मेरे लिए कश्मीर एक बिग सरप्राइज रहा। मैंने अपनी नजर से जो देखा, वह मैं जरूर बताना चाहूंगी। किसी भी खबर पर मत जाइए, कश्मीर महिलाओं की सोलो ट्रिप के लिए शानदार जगह है। मुझे वहां के लोकल्स ने, वहां के बस ड्राइवर और ऐसे कौन से लोग होंगे, जिन्होंने मदद नहीं की, जिस होटल में मैं रुकी, वह काफी महंगी थी,लेकिन मुझे उन्होंने कम में दी, क्योंकि मैं अकेली आई थी, फिर वहां चावल ही अधिक खाते हैं लोग, मैंने कहा कि मेरे लिए रोटियां मिल जाएंगी, उन्होंने मुझे बनवा कर दिया। मैंने वहां न केवल सस्ते में ट्रिप पूरी की, बल्कि लोगों का प्यार भी पाया। मैं तो यह भी राय दूंगी कि जब आप जिस जगह जायें, स्थानीय लोगों के घरों या गेस्ट हॉउस में रुकें, लग्जरी की जगह रियलिटी को महत्व देंगी, तो असली मजा सोलो ट्रिप का ले पाएंगी। 

तरुशी ने बीर-बिलिंग-सोझा-तिरहन-कसौल-कजा-स्पिति-वैली-लेह-लद्दाख-कश्मीर-देहरादून-हरिद्वार-गुवाहाटी में सोलो ट्रिप के चार महीने बिताये। 

सेल्फ डिस्कवरी : तरुशी कहती हैं, मैंने कुछ जोड़ी कपड़े में, बिना ऐसेसरीज के पूरे चार महीने निकाले, तो मैंने महसूस किया कि शॉपिंग जो मैं करती रहती हूं, बेकार की चीजें हैं, असली खुशी तो घूमना है, दुनिया देखना है, इसके बाद मैंने पिछले दो सालों से कोई खरीदारी नहीं की है। साथ ही मैंने यह जाना कि जब मुझसे उस वक्त वाकई में कोई पूछता था कि आप कैसी हो, मैं कहने के लिए सच में महसूस करती थी कि मैं खुश हूं।  मुझे मेरे इस पैशन ने वाकई, खुद में इंडिपेंडेंट होना सिखाया और असल में आजादी के मायने सीखा दिए हैं। 

सेफ डेस्टिनेशन : कश्मीर जाइए और जन्नत की खूबसूरती को महसूस कीजिए 

 

जिंदगी में महत्वपूर्ण निर्णय खुद लेने का हुनर सिखाती है सोलो ट्रिप : क्रपिका सिंह जाट 

वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी इन इंडिया में कम्युनिकेशंस लीड के रूप में काम कर रहीं क्रपिका अपने काम में काफी डेडिकेटेड तो रहती हैं, लेकिन योग और ट्रैवलिंग उन्हें एक अलग शांति देता है। वह समय-समय पर सोलो ट्रिप्स के लिए जाती हैं। मैसूर,गोवा, हिमाचल प्रदेश और भारत की कई जगहों के साथ-साथ, विदेश में नेपाल, जर्मनी, इंग्लैंड,पेरिस और ऐसी कई जगहों पर सोलो ट्रिप्स करती रही हैं। क्रपिका कहती हैं “ मेरा मानना है कि सोलो ट्रिप से न सिर्फ आप अपने अंदर के डर को खत्म करते हैं, बल्कि खुद को इंडिपेंडेंट भी बनाते हैं कि जिंदगी में कुछ भी आएगा, उसे खुद के दम पर कर लेंगे, किसी पर निर्भर न रहने की कला, एक अलग ही आजादी का एहसास कराती है। मुझे नेपाल और जर्मनी दोनों में ही काफी मजा आया। नेपाल में मैंने एवरेस्ट कैम्प में हिस्सा लिया। बिना किसी काम, पारिवारिक जिम्मेदारियां या किसी भी तरह के बैगेज से दूर, आपको खुद में एक अलग ही इंसान देखने को मिलता है। मैंने महसूस किया कि नेपाल में महिलाएं पुरुषों से अधिक काम करके, घर में आय लाती हैं, जबकि पुरुष ज्यादातर वहां गाइड बन जाते हैं। मेरे लिए महिला सशक्तिकरण का इससे अद्भुत उदाहरण नहीं हो सकता था। साथ ही आप उनके कल्चर से भी वाकिफ होते हैं, मेरे लिए अपने देश को समझने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता है।

सेल्फ डिस्कवरी : मैंने अपने बारे में आज तक यही समझा था कि मैं इंट्रोवर्ट हूं, लेकिन जब मैंने सोलो ट्रिप्स शुरू किये, दुनिया देखी तो लोगों से घुलने मिलने लगी और मेरे इस स्वभाव में बदलाव आया, मैंने खुद में नया मैं पाया। मैंने यह भी समझा कि आपको किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है, खुद पर मेरा विश्वास और बढ़ा है और अब मुझे लाइफ के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में किसी और की राय की जरूरत नहीं होती है। मेरे लिए यही आजादी के सही मायने हैं। मेरा मानना है कि महंगे होटल की जगह लोकल लोगों के बीच रुकें, तो आप जिंदगी में मैनेजमेंट भी अच्छे से समझ पाएंगे। 

सेफ डेस्टिनेशन : नेपाल, गोवा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, जर्मनी 

 

एक तो सोलो ट्रिप और वो भी ‘लंदन’जिंदगी का बेस्ट अनुभव : रीना पारीक 

पॉकेट एफ एम में सीनियर क्रिएटिव कॉन्टेंट के रूप में जुड़ीं रीना पारीक के लिए यह किसी लाइफ अचीवमेंट से कम नहीं था। वह बताती हैं, यह मेरा पहला सोलो ट्रिप था और वह भी सीधा विदेश। लंदन जाने के लिए मैंने खुद से एक-एक काम किया, खुद से सारे तरीके समझे, वह एक सेल्फ लर्निंग थी मेरे लिए, वीजा से लेकर सबकुछ खुद से किया था। मैंने जब शुरू में पापा को बताया था, मुझे याद है वह चौंक गए थे। लेकिन फिर उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया कि मैं जाऊं। इंग्लैण्ड में मैंने महसूस किया कि वहां भारत, पाकिस्तान या ऐसे किसी भी एशियन कंट्री से आये लोग, एशियन कहलाते हैं। मेरे साथ एक मजेदार वाकया हुआ, नॉटिंघम में मैंने एक मैच देखा था, उसके बाद सब बंद हो गया था, ट्रेन बंद था, कोच स्टेशन भी बदल गया था, एक कोच स्टेशन पर गयी, फिर मुझे लीड्स जाने के लिए कुछ मिल नहीं रहा था, फिर एक बंदा आया, उन्होंने मुझे पूरी जानकारी दी, उन्होंने फिर ड्राइवर को भी बताया कि इन्हें सही से जगह पर पहुंचा देना। वहां मेरे कई देशों के लोगों से बातचीत हुई और दोस्त बनाये, मालदीव भी मैं सोलो ट्रिप पर गई थी और वह अनुभव भी मेरे लिए अद्भुत रहा। 

सेल्फ डिस्कवरी : मेरे लिए यह दुनिया देखने से अधिक खुद को एक्सप्लोर करने का मौका था, मैंने जो आजादी महसूस किया कि जब आप अकेले घूमने निकलते हैं, तो पूरी दुनिया आपकी दोस्त हो जाती है, आप दूसरे अनजान लोग, अनजान देश से आये लोगों से मिलते हैं, उनको अपने बारे में बताते हैं, उनके बारे में जानने की कोशिश करते हैं। मेरा 22 दिन का ट्रिप था। मेरा मानना है कि जीवन में एक बार हर लड़की को सोलो ट्रिप्स पर जाना चाहिए, इससे आपको अपने अंदर की खूबियों के बारे में पता चलता है, खुद की कमियों से भी मिलने और उबरने का मौका मिलता है। मैं जल्द ही नॉर्थ ईस्ट को एक्सप्लोर करना चाहती हूं। 

सेफ डेस्टिनेशन : इंग्लैण्ड और मालदीव जैसी जगह मेरे लिहाज से काफी सेफ है। 

 

बेटी की जिद्द ने मुझे सोलो ट्रेवलर बना दिया : रंजना सिंह 

रंजना सिंह प्रिंसिपल हैं और अपने काम के प्रति हमेशा जिम्मेदार और समर्पित रही हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी बेटी की जिद्द पर श्रीलंका का सोलो ट्रिप किया। वह बताती हैं, मुझे कभी नहीं लगा था, मैं ऐसा कुछ कर पाऊंगी, लेकिन मैं खुश हूं कि मेरी बेटी जो कि काफी सोलो ट्रिप्स करती हैं, उसने मुझे प्रोत्साहित किया, तो मैंने श्रीलंका की प्लानिंग की, हालांकि एयरपोर्ट पहुँचने पर मैं थोड़ी नर्वस थी। लेकिन श्रीलंका इतना वेलकमिंग है कि मुझे वहां काफी मजा आया।  वहां मैंने काफी और भी देशों से आई सोलो ट्रैवलर्स से बातचीत की और मुझे काफी मजा आया। महिलाओं के साथ हमेशा ऐसा होता है कि घर परिवार, काम की जिम्मेदारियों के बीच अपने लिए जगह नहीं निकाल पाती हैं, लेकिन इस ट्रिप ने मुझे एहसास कराया, असली आजादी अपने मन को सुनना है, फिर उम्र को कोई बाधा नहीं बनाइए और किसी पर भी निर्भर होने की जरूरत नहीं है। 

सेल्फ डिस्कवरी : जिंदगी बेहद खूबसूरत है, उन्हें सिर्फ पारिवारिक जिम्मेदारियों और काम के बीच बर्बाद न करें, हर महिला में आत्म-निर्भरता के गुण होते हैं, वह आसानी से कहीं भी एडजस्ट हो सकती हैं, मैंने खुद में इस सोलो ट्रिप में महसूस किया कि आप का लोगों पर विश्वास तो बढ़ेगा ही, आप खुद पर भी विश्वास करना सीखेंगी, खुद से हर सिचुएशन को सॉल्व करना, धैर्य रखना और खुश होना सीखेंगी। मैं आगे भी ऐसी सोलो ट्रिप करूंगी। 

सेफ डेस्टिनेशन : मेरा मानना है कि श्रीलंका बिल्कुल सेफ है लड़कियों के सोलो ट्रिप के लिए।

शेयर करें
img
लिंक कॉपी किया!
edit
reply
होम
हेल्प
वीडियोज़
कनेक्ट
गोल्स
  • © herCircle

  • फॉलो अस
  • कनेक्ट
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प
  • हमें जानिए
  • सेटिंग्स
  • इस्तेमाल करने की शर्तें
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • कनेक्ट:
  • email हमें लिखें
    Hercircle.in@ril.com

  • वीमेंस कलेक्टिव

  • © 2020 her circle