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रहन-सहन

साल में कम से कम एक बार कंफर्ट जोन को कहें बाय-बाय, दुनिया लगेगी नयी-सी

अनुप्रिया वर्मा |  मई 21, 2023

एक ही ढर्रे पर चली जा रही है जिंदगी, आप इससे बोर तो हो रही हैं, लेकिन आप अपने कंफर्ट से बाहर निकलना नहीं चाहती हैं, क्योंकि आपने खुद को इस कदर कंफर्ट की आदत दे दी है कि आपको थोड़ी-सी भी तकलीफ होती है, तो आप उसे सहन नहीं कर पाते या पाती हैं। नतीजा, आप कुछ भी नया सीखने की चाहत खोने लगती हैं। कभी अगर आपके सामने कोई चुनौती आये, तो आप उससे घबराने  लगती हैं। इसलिए बेहद जरूरी है कि साल में एक बार ही सही, आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर आएं और ऐसी दुनिया में जाएं, जो आपकी रोजमर्रा की दुनिया से बिल्कुल अलहदा है। ऐसे में आप खुद लौट को महसूस करेंगी या करेंगे कि आपकी जिंदगी में क्या बेहतरीन बदलाव आये हैं। वे बदलाव क्या-क्या हो सकते हैं। आइए आपको बताएं। 

आपमें घट जाती है चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत 

आप जब कंफर्ट जोन में होते हैं, तो आप अपने आस-पास एक दुनिया बसा लेते हैं और फिर आपको उससे इतर कुछ करने की चाहत ही नहीं होती। दरअसल, आपका दिमाग भी कंफर्ट जोन में चला जाता है, उसे स्ट्रेस लेने की आदत नहीं रहती है। दिमाग को फिर बदलाव करने में कोई दिलचस्पी नहीं रह जाती है। इससे आपकी कल्पनाशीलता और चुनौतियों का सामना करने की ताकत खत्म हो जाती है। आपका दिमाग इस बात के लिए तैयार ही नहीं होना चाहता है कि बाहर निकलने पर, आप अपनी रूटीन दुनिया से कुछ अलग करें। आपको फिर भले ही महसूस न हों, लेकिन धीरे-धीरे आपको जीवन में आई छोटी-सी परेशानी बड़ी चुनौती नजर आने लग सकती है। लेकिन आपको उनका सामना करने की हिम्मत खुद में गौण होती महसूस होगी। इसलिए अपने इस बंधन को तोड़ते हुए, साल में एक बार किसी ऐसी जगह पर जाएं, जहां आपको वास्तविक चुनौतियों का सामना होता हुआ दिखे। जैसे जब आप पहाड़ों पर जाएंगी या जाएंगे और वहां देखेंगे या देखेंगी कि अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए, किस तरह हर दिन पहाड़ों पर चढ़ कर वे काम कर रहे हैं। कभी सूखे में जाएं, तो वहां की जिंदगी को देखें तो निश्चिततौर पर आपकी जिंदगी में नयापन आएगा और आपको खुद में ऊर्जा महसूस होगी। कंफर्ट जोन से बाहर आते ही, आपमें जोखिम लेने की प्रवृति बढ़ जाती है। आप कुछ अनिश्चित स्थिति का सामना करने के लिए तैयार होते हैं। कुछ नया और क्रिएटिव सीख पाने की कोशिश करते हैं।  

ट्रेवल करने का माध्यम भी हो कंफर्ट से बाहर 

भले ही आपके पास इतने पैसे हों कि आप हवाई यात्राएं ही करती हों या करते हों और अपने परिवार को भी किसी तरह की तकलीफ ट्रेवल के दौरान नहीं देना चाहते हों, लेकिन तब भी अगर आपके साथ कोई बुजुर्ग यात्री नहीं हैं, तो अपने बच्चों के साथ साल में एक यात्रा ट्रेन से कीजिए, यकीन मानिए, भारत में ट्रेन यात्राओं में ऐसी कई दिलचस्प कहानियां देखने को मिलती है कि आपको पूरा भारत इसमें नजर आएगा। आप एक नयी दुनिया से वाकिफ होंगे। हो सकता है कि आगे चल कर, यह आपके बच्चों के प्रोजेक्ट्स के भी काम आये। रेल यात्रा का अनुभव हर बच्चे के लिए जरूरी है।  एक बार कभी रोड ट्रिप की प्लानिंग करें। इससे आपको सड़क के माध्यम से कई राज्यों और इलाकों को समझने का मौका मिलेगा। यकीन मानिए, आप अपने कई तरह के डर पर भी काबू पाएंगे। 

डर के आगे जीत है 

पूरे भारत में कई ऐसे स्पॉट्स हैं, जहां पर एडवेंचर्स स्पोर्ट्स होते हैं, जैसे रिवर राफ्टिंग के वीडियो आपने सिर्फ इंटरनेट पर देखे होंगे, एक बार कभी अपने कंफर्ट जोन से निकल कर,कुछ एडवेंचर स्पोर्ट्स ट्राई करके देखिए, यकीन मानिये, आप जिंदगी में फिर किसी भी परेशानी से डरना भूल जायेंगे। 

चीजों को बर्बाद करना और फिजूलखर्ची की आदत शायद सुधर जाये 

आप जब ऐसी जगहों पर जाते हैं, जहां जिंदगी जीनी आसान नहीं होती है, वहां आपको जब नजर आएगा कि एक व्यक्ति कैसे अपने परिवार के लिए, छोटे-छोटे काम करने के लिए सुबह से शाम मेहनत कर रहा है, आप खुद को ब्लेस्ड महसूस करेंगे और शायद हो सकता है कि आपको समझ आये कि  जिंदगी में आप कितने खुश हैं और आपमें फिजूलखर्ची और चीजों की बर्बादी करना बंद कर दें, शायद किसी की मेहनत का असर आप पर हो जाए। 

आलस को कीजिए किक आउट 

आपका जो दिमाग होता है, वह मूल रूप से आलस्य से भरपूर होता है, क्योंकि इसे बहुत अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है, यह कुछ भी अलग नहीं करना चाहता है। यह नहीं जानता कि आपकी अच्छी आदतें कौन-सी हैं, बुरी आदतें कौन सी हैं। इसलिए वह चाहेगा कि आप जो कर रहे हैं, वहीं करें। अपने दिमाग को शॉक देना जरूरी है। सो, अपने व्यस्त शेड्यूल से बाहर निकलें और अपने दिमाग को शॉक दें।   



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