अगर आप ट्रेकिंग की शौकीन हैं, तो आपके लिए भारत में ऐसे कई ट्रेक्स हैं, जिनका मजा आपको लेना चाहिए। आइए जानें विस्तार से।
क्या होता है ट्रेकिंग

जिनको ट्रेकिंग पर जाना पसंद है, उन्हें इस साहसिक खेल में काफी मजा आता है। इसमें आपको ऊंचे पहाड़ों पर चल कर जाते हैं और ऊंचाइयों को छूते हैं। जब भी आप ट्रेकिंग की यात्रा पर निकलते हैं, तो आप न केवल नई ऊंचाइयों को छूते हैं, बल्कि पहाड़ों के मनमोहक दृश्यों में भी खो जाते हैं। यह मन, शरीर और आत्मा पर गहरा प्रभाव डालता है, जिससे आपको भरपूर आनंद और व्यक्तिगत विकास का अवसर मिलता है। साथ ही यह आपको ताजी हवा, मनोरम दृश्य और शांत वातावरण भी देता है और इससे आपको शांति का ही एहसास होता है। साथ ही तनाव के स्तर को कम करते हैं और मानसिक स्पष्टता को भी बढ़ावा देते हैं। इसलिए ट्रेकिंग जरूर करने के बारे में सोचना चाहिए।
संदकफू

संदकफू, सिंगालीला रिज का सबसे ऊंचे बिंदु और पश्चिम बंगाल की सबसे ऊंची चोटी है, जो इसे ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक स्वप्निल गंतव्य बनाती है। इस ट्रेक से प्रसिद्ध स्लीपिंग बुद्धा संरचना के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं, साथ ही दुनिया की चार सबसे ऊंची चोटियों, माउंट एवरेस्ट, कंचनजंगा, ल्होत्से और मकालू का मनोरम दृश्य भी दिखाई देता है। यात्रा के दौरान, आप खूबसूरत हिमालयी परिदृश्यों और मनमोहक गांवों से गुजरेंगे, जो आपको इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति का अनुभव कराएंगे। इस ट्रेक को और भी अनोखा बनाता है कि आपको आरामदायक टीहाउस में ठहरने का मौका मिलता है, एक ऐसा अनुभव जो आपको भारत में किसी और ट्रेक पर शायद ही मिले। आप भारत-नेपाल सीमा पर पैदल चलेंगे। यह ट्रेक भारत के सेपी से शुरू होता है और आपको पता भी नहीं चलेगा कि आप खुद को नेपाल में पा लेंगे। रास्ते में सूर्योदय और सूर्यास्त के नज़ारे बेहद मनमोहक हैं। संदकफू की चोटी से, आप बादलों के समुद्र के ऊपर उगते सूरज को देख सकते हैं, जो एक अविस्मरणीय अनुभव बनाता है।
कश्मीर में तरसर मरसर ट्रेक

यह ट्रेक जो कि कश्मीर में है, यह भारत के सबसे खूबसूरत ट्रेक में से एक है, जो धीरे-धीरे आपको कश्मीर की घाटियों के रहस्यमयी आकर्षण से रूबरू कराता है। इस ट्रेक का मुख्य आकर्षण झीलें, तरसर और मरसर, और साथ ही मनमोहक सुंदरसर झील हैं। इन झीलों को और भी खास बनाता है उनका रंग दिन भर बदलता रहता है, जो धूप और मौसम के अनुसार गहरे नीले से फिरोजी रंग में बदल जाता है। इन शांत झीलों के दर्शन के साथ-साथ, आप शांत सुंदरसर चोटी के भी दर्शन कर सकती हैं और इन झीलों की सैर के दौरान आप कोलाहोई ग्लेशियर के नजारों का भी आनंद ले सकती हैं। तरसर मरसर ट्रेक कश्मीर के पहलगाम जिले के एक मनमोहक स्थान और अरु गांव से शुरू होता है और आपको मुलायम हरे-भरे घास के मैदानों से होकर ले जाता है। इस ट्रेक में आप जैसे-जैसे आगे बढ़ती जाएंगी, हर कदम आपकी आंखों को सुकून देता है, मनमोहक नजारे और शांत वातावरण यहां कमाल करते हैं।
फूलों की घाटी ट्रेक

अगर बात फूलों की घाटी वाले ट्रेक की बात करें, तो यह उत्तराखंड के सबसे बेहतरीन मानसून ट्रेक में से एक है, जहां आपको रंग-बिरंगे खिले हुए फूलों का एक विशाल विस्तार देखने को मिलेगा। यह यात्रा पुलना से शुरू होती है और रास्ते में मनमोहक सुंदरता की एक दुनिया खोलती है। यह ट्रेक आपको फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान से होकर ले जाता है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल और भारत का सबसे बड़ा वनस्पति उद्यान है, जहां विभिन्न प्रकार के पौधे और वन्य जीवन पाए जाते हैं। आप खुद देखेंगे कि जैसे-जैसे आप घाटी से गुजरेंगी, आपको जीवंत फूल दिखाई देंगे, जो एक मनोरम दृश्य बनाते हैं। इस ट्रेक का एक और आकर्षण गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी के दर्शन हैं, जो देश के सबसे ऊंचे गुरुद्वारों में से एक है और शांत हेमकुंड झील के किनारे स्थित है। आप झील में एक ताजा डुबकी लगा सकती हैं और साथ ही गुरुद्वारे में प्रार्थना भी कर सकती हैं या बस आसपास के सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
रूपिन पास ट्रेक
रूपिन दर्रा भारतीय हिमालय के सबसे मनोरम और चुनौतीपूर्ण ट्रेक में से एक है। बावता से शुरू होकर हिमाचल प्रदेश के सांगला में समाप्त होने वाला यह ट्रेक आपको मनोरम दृश्यों और रोमांचकारी दर्रों से होकर ले जाता है। इस ट्रेक को और भी खास बनाते हैं रास्ते में पड़ने वाले मनमोहक झरने, खासकर तीन-स्तरीय रूपिन झरना। यात्रा का एक और रोमांचक हिस्सा रूपिन झरने के ठीक बगल में ट्रेकिंग करना है, एक ऐसा अनुभव जो वाकई जादुई और अन्य ट्रेक से अलग लगता है। जैसे ही आप रूपिन दर्रे के अंतिम पड़ाव पर पहुंचते हैं, रास्ता बर्फ से ढका होता है, जिससे आखिरी चढ़ाई रोमांचक और फलदायी दोनों हो जाती है। प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, यह ट्रेक स्थानीय संस्कृति की झलक भी प्रदान करता है। आप जाखा गांव से गुजरेंगे, जिसे हैंगिंग विलेज भी कहा जाता है, क्योंकि इसके घर एक चट्टान के किनारे पर बसे हुए प्रतीत होते हैं।
दूधपत्री

जब हम कश्मीर में ट्रेकिंग की बात करते हैं, तो कश्मीर के शानदार ट्रेक्स में से एक है, दूधपत्री। यह एक शानदार ट्रेक माना जाता है। पीर पंजाल पर्वतमाला के नीचे बसा, घाटी से होकर बहने वाली शालिगंगा नदी के साथ, दूधपथरी ट्रेक मनोरम दृश्य और प्रकृति में एक शांतिपूर्ण जगह है और सुकून से भरी हुई है। यात्रा दूधपथरी से शुरू होती है, जो अपने हरे-भरे घास के मैदानों और मनमोहक परिदृश्यों के लिए जाना जाता है। रास्ते में, आपको क्रिस्टल-क्लियर मीठे पानी की झीलें दिखाई देंगी, जो कश्मीर ग्रेट लेक्स ट्रेक की तरह ही मंत्रमुग्ध कर देने वाली हैं। आप तोसामैदान से भी गुजरेंगे, जो एक विशाल और सुंदर घास का मैदान है, जो अब एक वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा है, जहां दुर्लभ हिमालयी पक्षी और जानवर रहते हैं। प्रकृति की इतनी सुंदरता और समृद्ध वन्य जीवन के साथ, दूधपथरी ट्रेक निश्चित रूप से भारत के सर्वश्रेष्ठ ट्रेक में से एक है और पहाड़ों में सुकून की तलाश करने वाले हर किसी के लिए यह एक जरूरी यात्रा है।