बाथरूम में ऐसी कई चीजें होती हैं, जिन्हें आपको रीसायकल करने या सस्टेनेबल तरीके से इस्तेमाल करने के बारे में सोचना चाहिए। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
साबुन हो केमिकल फ्री

आपको ऐसे साबुन की तलाश करनी चाहिए, जो कि केमिकल फ्री हों और उन्हें इस्तेमाल करने में आपको अधिक तकलीफ नहीं हो और ऐसे साबुन आपकी त्वचा को भी नुकसान न पहुंचाएं। साबुन की एक टिकिया तरल साबुन या शॉवर जेल की तुलना में कम पैकेजिंग का उपयोग करती है और इसके उत्पादन में कम पानी लगता है, साथ ही इसका कार्बन फुटप्रिंट कम होता है, इसलिए भी यह एक अच्छा विकल्प होता है। अच्छी बात यह होती है कि यह उतने ही प्रभावी ढंग से साफ-सफाई करता है, जितनी अच्छी खुशबू देता है, साथ ही आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप जो भी साबुन चुनती हैं, वह सस्टेनेबल हों और सही ऑयल का इस्तेमाल करती हों।
टूथब्रश
टूथब्रश भी अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए। टूथब्रश की यह खूबी होती है कि यह आप हर दिन इस्तेमाल करते हैं, इसलिए इसका सस्टेनेबल होना बेहद जरूरी है। सो, इसके लिए आपको ऐसे ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए, जो काफी अच्छे हो, बैम्बू टूथब्रश बेहद जरूरी और अच्छे भी रहते हैं। आपको शायद ही इसके बारे में जानकारी हो कि हम पूरी जिंदगी में कम से कम 300 टूथब्रश इस्तेमाल करते हैं, इसलिए ऐसे टूथब्रश का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। आप चाहें तो इलेक्ट्रॉनिक टूथब्रश का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
वेट वाइप्स का इस्तेमाल न के बराबर

हम इस बारे में गौर नहीं कर पाते हैं, लेकिन वेट वाइप्स बेहद जरूरी होते हैं और अच्छे भी होते हैं, लेकिन ये वेट वाइप्स पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचा देते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यूनाटेड किंगडम में 93 प्रतिशत सीवेज ब्लॉकेज का कारण वेट वाइप्स होते हैं और फैटबर्ग, वसा, वाइप्स और बालों के जमे हुए ढेर पाइप को जाम कर देते हैं, इसलिए भी इनका इस्तेमाल पूरी तरह बंद करना चाहिए। और बेहतर होगा कि वॉशेबल बैम्बू पैड्स या वॉशक्लॉथ की मदद ली जाये और इन्हें दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाए।
प्लास्टिक को बिग नो
आपको करना यह है कि प्लास्टिक को बिग नो कहना है और प्लास्टिक की सारी चीजों को हटा देना है। यह बेहद जरूरी है। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपके अपने बाथरूम में कितने सिंगल-यूज कंटेनर हैं। आपको इस बात को भी ध्यान में रखना है कि जो भी रीसाइकिल या बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग में आते हैं, उनका ही इस्तेमाल किया जाये। साथ ही थोक में उत्पाद खरीदने की कोशिश करें। फिर ऐसी चीजें चुनें, जो दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले कंटेनर में डाले जा सकें। प्लास्टिक की चीजें, जैसे सोप डिश या हैंड वॉश बोतल ऐसी सारी चीजों का इस्तेमाल बंद करें।
टॉवल
टॉवल भी एक खास चीज है, जो आपके बाथरूम में अच्छे से इस्तेमाल होता है, सो आपको टॉवल का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। यह हर रूप में आपको सस्टेनेबल तरीके से ही रखना होगा, तभी आप इसका सही से इस्तेमाल कर सकेंगी। लोग बाथरूम में रसोई की तुलना में 40 प्रतिशत कम रीसाइकिल करते हैं, जबकि शैम्पू कंटेनर, ब्लीच की बोतलें, एरोसोल या टॉयलेट रोल ट्यूब, ऐसी कई चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल आपको रीसाइकिलिंग के लिए आसानी से कर लेना चाहिए। अपने बाथरूम में दूसरा रीसाइकिलिंग बिन, बास्केट या हैंगिंग बैग रखना भी अच्छा कदम होगा, चीजों को रीसायकल करने के लिए। तो एक अच्छा तरीका यह है कि आप सभी कंटेनरों को धोकर यह स्पष्ट कर लें कि अंदर कोई उत्पाद न बचा हो।
कम पानी का इस्तेमाल

कई बार हमें जरूरत नहीं होती है, फिर भी हम पानी का इस्तेमाल करते रहते हैं, हमें इन चीजों से भी बचने की कोशिश करनी चाहिए। आपके घर का दो तिहाई पानी बाथरूम में इस्तेमाल होता है, इसलिए आप जो भी इस्तेमाल करते हैं, उसका आपके घर के पानी की बर्बादी पर बहुत बड़ा असर हो सकता है। इसलिए अपने शॉवर के समय को कम करने से पानी और ऊर्जा के इस्तेमाल में बचत होगी। इसके साथ ही साथ अपने इको-फ्रेंडली बाथरूम को बेहतर बनाने के सबसे आसान तरीकों में से एक है इको नल लगाना। ये नल अक्सर इको कार्ट्रिज या फ्लो एरेटर जैसी विशेष सुविधाओं से लैस होते हैं, जो पानी बचाने में मदद करते हैं। तो अगर उदाहरण की बात की जाए, तो इको कार्ट्रिज पानी के उपयोग को 50 प्रतिशत तक कम कर देते हैं, जिससे आपके पानी के बिल में काफी कमी आती है और साथ ही स्थानीय जल प्रणालियों पर दबाव भी कम होता है। फ्लो एरेटर हवा को पानी के साथ मिलाते हैं, जिससे पानी की एक स्थिर धारा बनती है और कुल उपयोग कम होता है।
ऊर्जा बचाने वाली लाइट्स

इस बात का आपको ध्यान रखना चाहिए कि बाथरूम अक्सर एक ऐसी जगह होती है, जहां लोग लाइट्स ऑफ करना बिल्कुल भूल जाते हैं और इसकी वजह से कई बार पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इस बात की जानकारी आपके लिए अच्छी होगी कि LED बाथरूम राउंड मिरर के ट्रेंड के साथ, आप अपनी ऊर्जा खपत को काफी हद तक कम कर सकती हैं। ये मिरर बिल्ट-इन LED लाइट और प्रॉक्सिमिटी सेंसर के साथ आते हैं, जिसका मतलब है कि ये तभी सक्रिय होते हैं, जब आप कमरे में होते हैं। इससे ऊर्जा बचाने में मदद मिलती है, क्योंकि लाइटें अनावश्यक रूप से ऑन नहीं रहती हैं। साथ ही LED लाइटिंग पारंपरिक बल्बों की तुलना में ज्यादा ऊर्जा-कुशल भी होती है और बहुत कम बिजली की खपत करती है और लंबे समय तक चलती है। इस पर्यावरण-अनुकूल लाइटिंग समाधान को चुनना आपके बाथरूम को ज्यादा टिकाऊ बनाने का एक आसान तरीका है।
रेनोवेट करने के समय रखें ये ख्याल
यदि आप अपने बाथरूम को रेनोवेट बनाने की योजना बना रहे हैं, तो सस्टेनेबल बाथरूम फिक्स्चर चुनना जरूरी है और इसके लिए रिसाइकिल किए गए ग्लास और रीपर्पस की गई लकड़ी जैसी सामग्री काउंटर, फ्लोरिंग और पर्यावरण के अनुकूल और स्टाइलिश विकल्प हैं। ये चीजें न केवल नए संसाधनों की मांग को कम करती हैं, बल्कि कचरे को कम करने में भी मदद करती हैं। ऐसे उत्पादों का चयन करना जो टिकाऊ हों और जिन्हें उनके जीवन के अंत में रीसायकल किया जा सके, पर्यावरण के अनुकूल बाथरूम बनाने का एक और महत्वपूर्ण तत्व है।