घर की खूबसूरती बढ़ाने में शीशा काफी खास भूमिका निभाता है, क्योंकि आजकल डेकोर के लिए इनका अलग-अलग तरह से उपयोग होता है, आइए जानते हैं इनके लुक्स और डिजाइन के बारे में विस्तार से।
शीशे के महत्व के बारे में
शीशा अगर दर्पण के रूप में देखा जाए, तो इसमें सकारत्मक ऊर्जा होती है और अगर सही दिशा में इसे लगाया जाए, तो सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जबकि यह मानना है जानकारों का कि अगर आपके घर में नकारात्मकता है, तो शीशे को गलत तरफ लगाने से यह और भी अधिक बढ़ सकता है। माना जाता है कि लिविंग रूप में एक शीशा लगाना अच्छा होता है, क्योंकि यह ऊर्जा को बढ़ावा देता है, वहीं शीशे को इस रूप में लगाना चाहिए कि बाहर की हरियाली और फूल इसमें नजर आये, तो इससे घर में अच्छी ऊर्जा बढ़ती है। लकड़ी के फ्रेम वाले दर्पण या शीशे सबसे अच्छे माने जाते हैं। एक बात यह भी मानी जानती है कि आपको बेडरूम में या फिर अध्ययन वाले रूम में इसे बिल्कुल नहीं लगाना चाहिए।
शीशे का अलग-अलग प्रयोग डेकोर में
शीशा या आईना की खूबी यह होती है कि शीशा आपके घर की रौनक को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा देता है। यह आपके लिविंग रूम को एक अद्भुत सुंदरता देता है, इसलिए शीशे को कई रूपों में उपयोग होता है। इसके अलावा, घर के खूबसूरत लैम्प के रूप में, घर की शो पीस और ऐसी कई चीजों के लिए इसका इस्तेमाल हो सकता है। शीशे की बात की जाए तो दर्पण का उपयोग प्राकृतिक प्रकाश फैलाने और स्पेस की फीलिंग दिलाने के लिए भी की जाती है। वही यदि आपके पास एक छोटा-सा लिविंग रूम है, तो फायरप्लेस के ऊपर एक बड़ा सा मिरर लगाना अच्छा होता है, वहीं रौशनी को और अधिक बढ़ाने के लिए, उन जगहों में दर्पण लगाने की कोशिश करनी चाहिए, जहां प्राकृतिक प्रकाश अधिक मंद रोशनी वाले क्षेत्रों में प्रकाश को प्रतिबिंबित करता है।
फायर प्लेस के ऊपर मिरर
फायर प्लेस के लिए सबसे सही होता है कि मिरर लगाया जा सकता है। डेकोरेटिव मिरर की बात करें तो फायरप्लेस के ऊपर जब मिरर होते हैं, तो यह एसथेटिक फील देता है, इसकी वजह यह है कि मिरर किसी स्थान को अच्छी ऊर्जा से भर देती है, खासकर जब यह आपके बगीचे को प्रतिबिंबित करती है, क्योंकि यह क्रिएटिव सर्कल को पूरा करता है।
छोटे कमरे में मिरर है जरूरी
छोटे कमरे की खूबसूरती को बढ़ाने में मिरर की अहम भूमिका होती है, क्योंकि जो लार्ज मिरर होता है, वो डेप्थ देता है हुए छोटे कमरे को बड़ा लुक देता है।
खिड़की की ऑपोजिट तरफ मिरर
जब भी बात होती है कि मिरर या शीशे को लगाना होता है, तो डेकोरेशन के लिहाज से पोजीशन बहुत मायने रखता है, यह विशेष रूप से छोटे बैठक कक्ष (छोटा लिविंग रूम) के या छोटे भोजन कक्ष (डाइनिंग स्पेस) के के लिए उपयोगी है, जहां आप कमरे में प्राकृतिक रोशनी बढ़ाने में मदद करती है। एक खिड़की के सामने रखा गया मिरर प्राकृतिक रोशनी और एक छोटे कमरे में ग्रीनरी को खास बना देता है।
फ्रेम के रूप में मिरर
फ्रेम के रूप में मिरर को रखें, तो यह भी एक अच्छा लुक देता है। अगर स्टाइल की बात करें तो फ्रेम करना मिरर के लिए अच्छा लुक होता है। अगर एक विकल्प के रूप में बात करें तो महंगी तस्वीरों के विकल्प के रूप में फ्रेम अच्छा होता है, इसको सही तरीके से प्लेस किया जाए तो काफी अच्छा लुक आता है।
किचन में शीशे वाली टाइल्स
किचन को एक खास लुक देने में शीशे वाली टाइल्स अच्छी होती है, ग्लैमरस अंदाज देने में ये टाइल्स कमाल लगते हैं। छोटे किचन में जब लाइट और स्पेस को मैनेज करता है। एक काम ऐसे भी किया जा सकता है कि अगर किचन के दीवार या कैबिनेट्स पर आप शीशे का इस्तेमाल करके डेकोरेटिव बना सकती हैं। यह किचन को मॉडर्न लुक देने में बहुत मदद करता है। एंटिक लुक देने में भी मिरर्ड फर्नीचर कमाल का काम करता है।
ऐक्सेंट मिरर्ड
किसी भी मिरर को डेकोरेट करने का यह मतलब नहीं होता है कि आपको कुछ ओवल डिजाइन वाले मिरर को हैंग कर देना है। आप चाहें तो मिरर को साइडबोर्ड वाले बेड फ्रेम्स के रूप में भी क्रिएट कर सकती हैं, यह आपके वॉल को नया डाइमेंशन देता है। इसे आप अपने घर के किसी भी प्राइम लोकेशन में लगा सकती हैं। इसकी एक खास बात यह भी होती है कि इसका मेन्टेन्स करना भी उतना कठिन नहीं होता है, आप इसे आसानी से धो पोंछ कर साफ कर सकती हैं।
आर्टवर्क के रूप में मिरर
जैसे आप अपनी दीवारों पर कोई आर्ट सजाने की कोशिश करती हैं, तो आप काफी अच्छे फ्रेम्स को भी सजाने का काम कर सकती है, अच्छे फ्रेम्स इसका लुक बढ़ा देते हैं। साथ ही आप गैलेरी में भी दीवारों को सजाने का काम करती है। खासतौर से अगर आपका घर आर्किटेचुअल स्टाइल में या फिर बोल्ड डिजाइन में हो तो यह कमाल लगती है।
बेडरूम में डेकोरेटिव आइडिया
अमूमन किसी भी मिरर को बेड रूम में लगाना नहीं चाहिए, लेकिन अगर आपका बेड रूम बड़ा है तो आपको अपने बेडरूम में कुछ टेक्सचर वाले मिरर लगा लेने चाहिए। अगर बात डेकोरेशन की हो, तो ऐसे मिरर लगाने जरूरी है कि कभी भी मिरर आपके सोते समय बाधा न पहुंचाए। यह आपकी नींद को डिस्टर्ब करेगा। साथ ही आपकी लाइट को भी डिस्टर्ब कर सकता है। आप चाहें तो मिरर हेड बोर्ड्स आइडियाज का इस्तेमाल ऐटिक बेडरूम के लिए कर सकती हैं, जहां पर वॉल स्पेस काफी कम होता है।
मिरर ट्रे
आज कल मिरर वाले यानी शीशे वाले ट्रे का इस्तेमाल भी खूब हो रहा है, लोग डाइनिंग टेबल पर डाइनिंग टेबल से जुड़ीं चीजें रखने के लिए इसका सबसे अधिक इस्तेमाल करते हैं, साथ ही सेंट्रल टेबल पर प्लांट्स रखने के लिए भी मिरर ट्रे का इस्तेमाल खूब किया जाता है।
दो खिड़कियों के बीच में डेकोरेटिव टच
इस बात का आपको खास ख्याल रखना होगा कि डेकोरेटिव टच के लिए अगर दो खिड़कियों के बीच में एक मिरर लगाया जाए, तो इससे भी लुक खूबसूरत नजर आता है, यह विंटेज लुक तो देता ही है, साथ ही यह घर की इंटीरियर में भी खासियत देता है। इसके अलावा, आप चाहें तो ऐसी खिड़की चुन सकती हैं, तो आपको मिरर वाली फीलिंग दे दे।
सेंट्रल टेबल और साइड टेबल
आजकल सेंट्रल टेबल और साइड टेबल पर भी मिरर वर्क का काम किया जाता है, यह आपके घर के लुक को और अधिक बेहतर करने की कोशिश करता है। साइड टेबल पर भी आप काफी खूबसूरत तरीके से चीजों को सजाने के लिए रख सकती हैं।
कैसे हुआ था आईने का आविष्कार
दरअसल, 1835 में जर्मन रसायन विज्ञानी जस्टस वॉन लॉबिग ने यह किया था, उन्होंने कांच की एक सतह पर मैटेलिक सिल्वर की पतली परत लगा कर आईने को ईजाद किया था, इससे पहले शीशा इतना प्रचलित नहीं था। पहले लोग पानी में चेहरा देख कर काम चला लेते थे। एक रिपोर्ट के अनुसार 8000 साल पहले तुर्की में इसका इस्तेमाल होता था, उस वक़्त आईने को जादुई उपकरण माना जाता था। वहीं चार हजार से तीन हजार ईसा पूर्व मेसोपोटामिया और मिस्र में तांबे को पॉलिश करके बनाए गए शीशे का इस्तेमाल सबसे अधिक होता था। इसके करीब 1,000 साल बाद दक्षिण अमेरिका में पॉलिश किए गए पत्थर से शीशे बनाने का चलन शुरू हुआ।