नवजात शिशु की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है, इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि उनके कमरे को खूबसूरत तरीके से सजाया जाये, लेकिन इस बात का खास ध्यान रखा जाये कि कमरे में दिमागी रूप से विकसित होने वाली सारी चीजें उपलब्ध हों। आइए जानें विस्तार से।
कमरे की होती है आखिर क्या भूमिका

दरअसल, अगर कॉग्निटिव ग्रोथ यानी कि संज्ञानात्मक विकास की बात करें, तो यह एक छोटे से अंकुर की तरह होती है, जो हर नए अनुभव के साथ अंकुरित होता और बढ़ता है। इसमें बच्चे की सीखने की क्षमता, समस्या-समाधान कौशल, स्मृति और रचनात्मकता शामिल होती है। तो होगा यह कि एक अच्छी तरह से डिजाइन किया गया कमरा संज्ञानात्मक विकास के अवसरों का खजाना हो सकता है। जैसे अगर सोच समझ कर रखी गई शेल्फ है, और उस पर खिलौने रखे गए हैं, तो बच्चे उसे ढूंढ़ने जैसी क्रियाओं से जुड़ेंगे और उन्हें कार्य समस्या-समाधान कौशल सीखने में मदद मिलेगी और फिर अगर बात की जाए कि कमरे में विभिन्न आकृतियों और पैटर्न वाली चीजें लगाई जाएं, तो एक रंगीन कमरा रचनात्मकता इसे और खास बना देता है।
जी हां, अगर कमरे में थोड़ी भी रचनात्मकता दिखाई जाये, तो इससे कल्पनाशील सोच यानी कि क्रिएटिव सोच को पूर्ण रूप से बढ़ावा मिलता है।
सामाजिक और भावनात्मक विकास
बच्चों को अपने भावनात्मक और सामाजिक विकास के लिए निजी जगह और सामाजिक मेलजोल के बीच संतुलन की जरूरत होती है। तो आपको यह समझने की जरूरत है कि खेलने और बातचीत के लिए जगह वाला कमरा सामाजिक कौशल को बढ़ावा दे सकता है। जैसे कि एक छोटा टी सेट या खिलौनों का गैराज वाला प्ले कॉर्नर आपके बच्चे के लिए प्लेडेट्स आयोजित करने, सामाजिक मेलजोल और टीम वर्क को बढ़ावा देने के लिए एक आदर्श जगह के रूप में शामिल हो सकती है। अगर भावनात्मक पहलू के रूप में देखें, तो बच्चों का कमरा उनका सबसे सुरक्षित आशियाना होता है, क्योंकि यह एक ऐसी जगह है, जहां वे खुलकर अपनी बात कह सकते हैं। इसलिए यह एक ऐसा कमरा होता है, जो उनकी रुचियों और व्यक्तित्व को दर्शाता हो, ऐसे में उनके आत्म-सम्मान और पहचान की भावना को बढ़ा सकता है।
शारीरिक विकास भी है एक हिस्सा

गौर करें, तो शारीरिक विकास बच्चे के विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू है और यह सिर्फ पार्क में दौड़ने या खेल खेलने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बच्चे का कमरा उसके लिए फिटनेस जोन भी हो सकता है। जैसे कि मैजिकल नेस्ट में, ऐसा फर्नीचर डिजाइन करवाएं, जो न सिर्फ सुरक्षित और मजबूत हो, बल्कि गतिशीलता को भी बढ़ावा दे। जैसे कि कम ऊंचाई वाला बिस्तर आपके बच्चे को स्वतंत्र रूप से ऊपर-नीचे चढ़ने-उतरने की सुविधा देता है, जिससे उसके मोटर स्किल्स बेहतर होते हैं।
इंटरैक्टिव चीजें अधिक करें शामिल
इस बात का ख्याल रखना पेरेंट्स को बेहद जरूरी है कि एक बच्चे से जितना भी इंटरैक्शन होता है, यानी बच्चों से जितनी भी बातचीत की जाए, बच्चा उतना ही समझदार होता है, इसलिए बच्चे के कमरे को चॉक की दीवारों और एक्टिविटी रग्स जैसे इंटरैक्टिव तत्वों से सजाएं, खेलने, पढ़ने और कला के लिए अलग-अलग जगह बनाएं और रंगों का इस्तेमाल सोच-समझकर करें, ताकि बच्चे सुकून से रहने की कोशिश करें। साथ ही यह भी जरूरी है कि खिलौनों और किताबों के लिए सही तरीके से यानी कि आसानी से पहुंचा जा सकने वाला स्टोरेज, बैठने की जगह वाला रीडिंग कॉर्नर और उनकी कलाकृतियां और तस्वीरें प्रदर्शित करने वाली जगह पर्सनल टच के साथ मौजूद हों। इसके अलावा, एक रंगीन सेंसरी कोना बनाने की भी कोशिश जरूर करें। एक बात आपको और जानने की जरूरत है कि बच्चे के कमरे में मिरर जरूर होने चाहिए, यह सोच कभी दिमाग में मत रखियेगा कि बच्चों को आइना नहीं दिखाना चाहिए, बल्कि बच्चों को जरूर मिरर दिखाना चाहिए, इससे आत्म-जागरूकता विकसित करने में मदद मिलती है और इसके लिए आपको नीचे की ओर, बच्चों के लिए सुरक्षित दर्पण लगाना ही चाहिए।
मूड का रखें खास ख्याल

एक बात का आपको ध्यान जरूर रखना चाहिए कि सफेद और साथ ही साथ खुशनुमा रंगों का प्रयोग किया जाए, साथ ही पीला, नीला और हरा जैसे चमकीले रंग रचनात्मकता और सीखने को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जबकि पेस्टल जैसे हल्के रंग शांति प्रदान कर सकते हैं। इसलिए इनका उपयोग करें, साथ ही रंगों को रणनीतिक रूप से शामिल करें और साथ ही आपको इस बात का भी ख्याल रखना है कि कला, बिस्तर या अन्य सहायक वस्तुओं के माध्यम से आकर्षक रंगों का प्रयोग किया जाए।
रखें इन बातों का भी ख्याल
कमरे को खेलने, पढ़ाई और आराम के लिए अलग-अलग हिस्से में बांट दें और यह न केवल जगह को व्यवस्थित करता है, बल्कि आपके बच्चे को विभिन्न गतिविधियों के बीच संतुलन बनाने का महत्व भी सिखाता है। साथ ही ऐसी चीजें शामिल करें, जो सीखने और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करें। यह एक शैक्षिक दीवार स्टिकर, एक विश्व मानचित्र या डूडलिंग और लेखन के लिए एक चॉकबोर्ड दीवार हो सकती है। कमरे को अपने बच्चे की कलाकृति या तस्वीरों से सजा दें और इन सबके ऊपर आपको इस बात का खास ख्याल रखना है कि आपको बच्चे की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना है और इससे ज्यादा आपको और कुछ भी सोचने की जरूरत नहीं है।