सर्दी के मौसम में आपको अपने घर का भी अच्छी तरह से ध्यान रखना चाहिए और घर को ठंड से सुरक्षित रखना चाहिए। खासतौर से जब आपके घर में छोटे बच्चे रहते हैं। इसलिए ठंड में घर की रक्षा करने के लिए जरूरी टिप्स जरूर अपनाना चाहिए। इन तरीकों को अपनाकर आप अपने घर और परिवार को ठंड से सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं, ठंड से खुद और परिवार को सुरक्षित रखने के 10 जरूरी टिप्स।
ठंड में दरवाजों और खिड़कियों की सीलिंग का ध्यान

ठंड के मौसम में दरवाजों और खिड़कियों की सीलिंग का भी आपको ध्यान रखना जरूरी है। ठंडी हवा अक्सर दरवाजे और खिड़कियों की दरारों से अंदर आती है। रबर सील या weather strip लगाएँ। खासतौर पर अगर आपके घर में बच्चा और बुर्जुग रहते हैं, तो आपके लिए यह करना जरूरी हो जाता है। आप अपने घर के दरवाजों और खिड़कियों के लिए फोम, कम्प्रेशन या फिर वी-टाइप की वेदर स्ट्रिप्स लेकर आ सकती हैं। यह आपको आसानी से मिल जाएगा। ध्यान रखें कि खिड़की के फ्रेम और दीवार के बीच किसी भी तरह की दरार या गैप को सील करने के लिए कौल्किंग लगा सकती हैं। दरवाजे के निचले हिस्से पर जहां से हवा अंदर आ सकती है, वहां पर आप एक डोर स्वीप लगाएं। ध्यान रखें कि रात के समय खिड़कियों को बंद रखें और सैश लॉक लगाकर गैप को बंद करें। इस वजह से घर में ठंडी हवा नहीं आएगी।
ठंड में मोटे पर्दे लगाएं

आपको ठंड के समय घर में मोटे पर्दे लगाने चाहिए। ठंडी हवा खिड़की या दरवाजे से घर में प्रवेश नहीं करें। इसके लिए आपको खिड़कियों पर मोटे या थर्मल पर्दे लगाना चाहिए। इससे ठंडी हवा घर के अंदर नहीं आती है और गर्मी कमरे के अंदर बनी रहती है। इसके साथ ही ठंड में मोटे पर्दे इस्तेमाल करने से ऊर्जा की भी बचत होती है और साथ ही हीटर कम चलाना पड़ता है, जिससे बिजली या गैस का बिल कम आता है। यह भी ध्यान रखें कि मोटे पर्दे बाहर की आवाजों को भी कुछ हद तक कम कर देते हैं। साथ ही मोटे पर्दे कमरे में अंधेरा करने में भी काफी मददगार होते हैं। ठंड में फर्श पर कारपेट या दरी बिछाना का फायदा

कारपेट या दरी फर्श से आने वाली ठंडक को रोकती है, जिससे पैरों में ठंडक नहीं लगती और कमरा थोड़ा गर्म महसूस होता है। यह एक तरह से इंसुलेटर का काम करती है,यानी कमरे की गर्मी बाहर नहीं जाने देती और हीटर की गर्मी लंबे समय तक टिकी रहती है। ठंड के मौसम में यह बच्चों के लिए काफी अच्छे तरीके से काम करती है। कारपेट पर चलना, बैठना या बच्चों का खेलना ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित होता है, क्योंकि यह नरम होती है। साथ ही सर्दी में यह कौजी माहौल देती है।
सनलाइट के करीब जाना

सूरज की रोशनी शरीर में विटामिन D बनाने में मदद करती है, जो हड्डियों, इम्यून सिस्टम और मूड के लिए ज़रूरी है। इसके साथ ही धूप शरीर को प्राकृतिक गर्मी देती है, जिससे हाथ-पैरों की ठंडक कम होती है और रक्त संचार सुधरता है। नियमित रूप से धूप में बैठने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है। धूप से कमरों में मौजूद नमी और सीलन भी घटती है, जिससे सर्दी-खांसी जैसी समस्या कम होती हैं। सनलाइट इसलिए भी जरूरी है कि सुबह धूप में 15 से 20 मिनट तक बैठे रहने से ठंड में काफी फायदा होता है।
ठंड में रात में खिड़की बंद करने का फायदा
बंद खिड़कियां ठंडी हवा को अंदर आने से रोकती हैं और कमरे की गर्मी को बाहर निकलने नहीं देती हैं, जिससे कमरा ज्यादा देर तक गर्म रहता है। खुली खिड़की से ठंडी हवाएं आने पर शरीर का तापमान जल्दी गिरता है, जिससे सर्दी-जुकाम या खांसी हो सकती है। अगर आप हीटर या ब्लोअर इस्तेमाल करते हैं, तो बंद खिड़कियां उसकी गर्मी को कमरे में बनाए रखती हैं, जिससे ऊर्जा और बिजली दोनों की बचत होती है। ठंड में गर्म और बंद कमरा शरीर को रिलैक्स महसूस कराता है, जिससे नींद बेहतर आती है।
ज्यादा ठंड होने पर थर्मल इन्सुलेशन करवाने के फायदे

सबसे पहले यह जान लें कि थर्मल इन्सुलेशन का मतलब क्या होता है। इसका मतलब यह होता है कि दीवारों, छत, खिड़कियों और फर्श को ऐसे मटेरियल से ढकना जो गर्मी को बाहर निकलने और ठंड को अंदर आने से रोकता है। इन्सुलेशन से घर का तापमान स्थिर रहता है, यानी कमरा जल्दी ठंडा नहीं होता। हीटर या ब्लोअर कम चलाना पड़ता है, जिससे बिजली का बिल घटता है। बाहर की ठंडी हवा और नमी को अंदर आने से रोकता है। कई इन्सुलेशन मटेरियल आवाज को भी रोकते हैं, जिससे घर और शांत हो जाता है।
हीटर का सही इस्तेमाल करें
ठंड के मौसम में हीटर का सही इस्तेमाल करना जरूरी है। बिजली या गैस हीटर को सीमित समय के लिए चलाएं और कमरे को वेंटिलेशन दें ताकि हवा बंद न हो। हीटर को हमेशा रात में कुछ देर के लिए चलाकर फिर बंद कर दें। इससे आपका कमरा ठंड के बीच में हीटर की सहायता से गर्म रहेगा। हीटर को हमेशा दीवारों, पर्दों, बिस्तर या कपड़ों से कम से कम 3 फीट दूर रखें। इससे आग लगने का खतरा नहीं रहता। हीटर ऑक्सीजन कम कर देता है, इसलिए थोड़ी देर के लिए खिड़की या दरवाजा थोड़ा खुला रखें ताकि हवा का संचार बना रहे। सोते समय हीटर बंद कर दें या टाइमर मोड पर सेट करें। लगातार गर्मी से हवा सूख जाती है, जिससे सांस या त्वचा में परेशानी हो सकती है। हीटर को बच्चों और जानवरों की पहुंच से दूर रखें ताकि जलने या दुर्घटना का खतरा न हो। छोटे कमरे के लिए छोटी हीटर का चुनाव करें और बड़े कमरे के लिए बड़ा हीटर लें।
ठंड में किचन और बाथरूम वेंटिलेशन ध्यान से करें
आपको यह ध्यान रखना है कि किचन और बाथरूम के वेंटिलेशन पर ध्यान देना है। एक्सॉस्ट फैन का उपयोग सिर्फ जरूरत पड़ने पर करें, ताकि घर की गर्म हवा बाहर न निकले।खाना बनाते समय निकलने वाली भाप, धुआँ और तेल की गंध अगर बाहर नहीं जाए तो दीवारों पर नमी जम जाती है और फफूंदी लग सकती है। गैस स्टोव जलने से कमरे की ऑक्सीजन कम होती है। थोड़ी हवा आने देने से ऑक्सीजन का स्तर सही रहता है और कार्बन मोनोऑक्साइड का खतरा कम होता है। अगर पानी गरम किया जा रहा है (गैजर या हीटर से), तो थोड़ी हवा अंदर-बाहर होने से ऑक्सीजन बनी रहती है और गैस जमने का खतरा नहीं रहता।
ठंड में घर के अंदर पौधे रखें
इनडोर पौधे हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, धूल और जहरीले तत्वों (toxins) को सोखकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इससे घर की हवा ताज़ा और सेहतमंद रहती है। पौधे अपने पत्तों से थोड़ी-थोड़ी नमी छोड़ते हैं, जिससे सर्दियों में हवा ज़्यादा सूखी नहीं होती — गला और त्वचा सूखने की समस्या कम होती है। सर्द मौसम में जब बाहर हरियाली कम हो जाती है, तब घर के अंदर पौधे एक ताजा और खुशमिज़ाज माहौल देते हैं। बहुत ज़्यादा पानी न दें — ठंड में मिट्टी देर से सूखती है। पत्तों पर जमी धूल को हल्के कपड़े से साफ करते रहें ताकि पौधे “सांस” ले सके।
गर्म कपड़ों का रखें ख्याल
गर्म कपड़े जैसे स्वेटर, कोट या जैकेट पहनने के बाद धूल और पसीना उनमें रह जाता है। इन्हें पहनने के बाद ब्रश या हल्के हाथ से झाड़ें और कुछ समय हवा में रखें ताकि गंध और नमी की परेशानी न हो। ऊनी कपड़े गुनगुने या ठंडे पानी में ही धोएं, गर्म पानी से ऊन सिकुड़ सकती है। ठंड में कपड़ों को धोने के बाद धूप में सीधे न सुखाएं, वरना रंग फीका पड़ सकता है। छाँव में या किसी हवादार जगह पर सुखाएं।