यूपी के मिशन शक्ति के तहत कानपुर की सीडीओ सौम्या पांडे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए सफलता की कहानी लिख रही हैं। 2017 बैच की आईएएस अधिकारी सौम्या पांडे की सफलता की यात्रा युवावस्था में ही शुरू हो गई थी। आइए जानते हैं विस्तार से।
अपने करियर में एक दशक से भी कम समय में उन्होंने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सफलता की कहानियां लिखी है। महिलाओं को रूढ़िवादी घरों से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करने और उनकी मदद करने से लेकर स्वयं सहायता समूहों से खुद को जोड़कर इस महिला अधिकारी ने कूड़े से भरे शहरों को साफ-सफाई के जरिए नंबर 2 पर लाकर खड़ा कर दिया है।
साथ ही साधारण सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस लाकर शिक्षा के स्तर में भी सुधार किया है। महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी को और भी आगे बढ़ाते हुए और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति के जरिए उन्होंने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित प्रेरणा कैंटीन की स्थापना भी की, जो कि सभी सरकारी कार्यालयों, ब्लॉक,तहसीलों, थानों और आरटीआई कार्यालयों और अस्पतालों में सेवाएं प्रदान करती हैं। प्रेरणा जनपद योजना के तहत महिलाएं सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटें और कैंटीन चलाती हैं। साथ ही स्कूल के लिए यूनिफॉर्म भी तैयार करती हैं।
महिलाओं के जीवन में सुधार करने के साथ महिला अधिकारी पांडे ने नगर पालिका स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण परियोजना की भी शुरुआत की और यह सब कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ। जब स्वच्छता समय की मांग थी। पांडे ने सोशल मीडिया फीडबैक के साथ घर-घर जाकर अभियान चलाए, जिसके परिणाम भी सामने आया। उनके इस सफाई अभियान के बाद उत्तर प्रदेश में स्वच्छता सर्वेक्षण में उनका जिला 571 वें स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच गया। इस तरह महिला अधिकारी पांडे जमीनी स्तर पर महिलाओं के विकास के साथ जिले को भी सफल बनाने का लगातार प्रयास कर रही हैं।