ग्रामीण इलाकों में महिलाएं बिजनेस के जरिए राज्य के विकास में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। इससे कहीं नहीं कहीं महिलाएं खुद के विकास के साथ राज्य के विकास को भी गति देने में प्रमुख योगदान दे रही हैं। जाहिर सी बात है कि इस दौरान महिलाओं को वित्तीय बाधाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में एक वेबसाइट ने इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय बाधाओं का सामना करने के बाद भी महिलाओं ने बिजनेस के कारण बचत की अच्छी आदतें विकसित की हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
महिलाओं ने अपने बिजनेस के जरिए व्यवसायों में फिर से निवेश किया है। इनमें से एक बड़ी संख्या स्वयं सहायता समूहों के जरिए से काम करती है। इसके साथ महिलाओं को अपने बिजनेस को बनाए रखने और उसमें विस्तार देने के लिए सामूहिक वित्तीय सहायता का लाभ भी मिल रहा है और महिलाएं इसका लाभ भी बखूबी उठा रही हैं। इस मामले में डीबीएस बैंक इंडिया ने एक रिपोर्ट सामने लायी है, जो कि महिलाओं के वित्तीय व्यवहार पर प्रकाश डालती है। इसके अनुसार मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की 411 महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन में पाया गया है कि महिलाएं बिजनेस करने के साथ अपनी कमाई का 90 प्रतिशत हिस्सा सुरक्षित रखती हैं। हालांकि महिलाओं के लिए बचत की राशि भिन्न होती है। इसमें से 50 प्रतिशत अपनी मासिक आय के लिए निकालने के बाद 50 प्रतिशत के करीब बचत करती हैं। इससे साबित होता है कि महिलाएं बेहतर वित्तीय योजना की आवश्यकता को दर्शाती हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले ग्रामीण महिलाओं के विकास को लेकर एक अध्ययन सामने आया था। इसके अनुसार सोशल मीडिया महिलाओं के आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह इससे साबित होता है कि सोशल मीडिया के जरिए 80 प्रतिशत महिलाएं बिजनेस करती हैं। यह रिपोर्ट भारत के 24 जिलों और 792 बिजनेस महिलाओं पर आधारित है। 71 प्रतिशत महिलाओं ने सोशल मीडिया को अपने बिजनेस के लिए प्रभावशाली माना है। 80 प्रतिशत महिलाएं अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल बखूबी कर रही हैं।