पर्यावरण की सखी बनकर भी ग्रामीण महिलाएं कमाई कर सकती हैं। जी हां, हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बात की जानकारी दी है कि राज्य सरकार 10 हजार पर्यावरण सखियों को प्रशिक्षित करेगी। साथ ही पर्यावरण की रक्षा के साथ महिलाओं को रोजगार देने का अवसर भी प्रदान करेगी। एक तरफ यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी और साथ ही पर्यावरण के महत्व को भी बढ़ाती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के कारण राज्य सरकार कहीं न कहीं सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का काम करेगी और साथ ही पर्यावरण के संरक्षण में भी मदद करेगी। इसके साथ ही पर्यावरण सखी बन कर महिलाएं धुआं मुक्त रसोई की भी अहमियत को समझ पायेंगी। पर्यावरण सखी बनाने के साथ सरकार की तरफ से हर गांव में सूर्य सखी बनाने का भी फैसला किया गया है। इसके तहत प्रदेश में 3 हजार के करीब की सौर ऊर्जा से जुड़ी सुविधा भी शुरू की जाएगी। हर ब्लॉक में इसकी स्थापना की जाएगी।
राज्य सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत कई महिलाओं को रोजगार देना है। 3 हजार से अधिक सौर ऊर्जा की स्थापना के साथ ही 3 हजार से अधिक महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार देने का रास्ता खुलता है। एक तरह से सौर ऊर्जा शॉप की स्थापना करने पर कई सारी सुविधाएं भी मिलेंगी। यहां सौर ऊर्जा उपकरण मिलने के साथ ही उनकी मरम्मत की भी व्यवस्था होगी। इसके साथ ही सोलर फूड प्रोसेसिंग मशीन, सोलर ड्रायर और सोलर डीप फ्रीजर के निर्माण से तकरीबन 20 हजार से अधिक महिलाओं के करियर को रफ्तार से आगे बढ़ाएगा। पर्यावरण सखी की ट्रेनिंग के साथ 57 हजार ग्राम पंचायतों में भी सूर्य सखियों की तैनाती की जाएगी। इन सारी इकाइयों के जरिए सौर पैनल, बैटरी और अन्य अत्याधुनिक उत्पादों के निर्माण पर केंद्रित रहेगी। इन सारे उत्पादों से 20 हजार से अधिक महिलाओं को छोटा व्यवसाय करने का विश्वास भी देता है और महिलाएं खुद को अपने पैरों पर खड़ा करती हैं। गौरतलब है कि साल 2024 से 2025 में लखनऊ में एक सौर उत्पाद निर्माण की इकाई शुरू की गयी। इस वजह से 414 महिलाओं को लाभ हुआ।