किसी भी अगर टेक्निकल या तकनीकी काम की बात आती है, तो पहन जेहन में लोगों के यही बात आती है कि अरे ! कोई पुरुष जुड़ा होगा इससे। फिर बात अगर पूरे गैरेज चलाने की हो, तो और गलतफहमियां हो जाती हैं कि यह तो पुरुषों का ही काम है और उनके द्वारा ही चलाया जा रहा होगा। ऐसे में इंदौर का एक ऐसा गैराज, जो सिर्फ महिलाओं द्वारा संचालित होता है, एक मिसाल है। आइए जानें विस्तार से।
क्या है यंत्रिका गैराज

यंत्रिका सर्विस, इंदौर में महिलाओं द्वारा संचालित एक मोटरसाइकिल गैराज है, जिसका संचालन समान सोसाइटी द्वारा स्थापित यंत्रिका सर्विस सेंटर द्वारा किया जाता है। इसकी स्थापना महिलाओं को गैर-पारंपरिक रोजगार के अवसर और सामाजिक-आर्थिक न्याय प्रदान करने के लिए की गई थी। इस केंद्र की स्थापना बाइक मैकेनिक पेशे में पुरुषों के वर्चस्व को दूर करने और महिलाओं को तकनीक-आधारित आजीविका से जोड़ने के लिए की गई थी।
मुख्य उद्देश्य
दरअसल, यह गैराज महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का काम कर रहा है और इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को गैर-पारंपरिक नौकरियों में आजीविका प्रदान करना, पितृसत्तात्मक ढांचे और आर्थिक विषमताओं को चुनौती देना है। इस पहल को अंजाम समान सोसायटी द्वारा दिया गया है। दरअसल, यह सामाजिक परिवर्तन करने की कोशिश कर रहा है और साथ ही यह महिलाओं और पुरुषों के बीच एक समान अधिकार बनाने की कोशिश कर रहा है। महिलाओं को प्रौद्योगिकी-आधारित रोजगार से जोड़कर और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देना चाहती है। वहीं चुनौतियों को पार करके भी अपनी पहचान बनाने की कोशिश है, यह महिलाओं को अपने परिवारों, सामाजिक संशयवाद और कमतर आंके जाने जैसी चुनौतियों और उनके समर्पण के सम्मान दिलाने की कोशिश है।
महिलाओं को किया जाता है ट्रेंड
महिलाओं को गैर-पारंपरिक आजीविका से जोड़कर सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से इंदौर में महिलाओं को मैकेनिक का प्रशिक्षण दिया गया है। बाइक मैकेनिक के काम में अब तक कौशल और रोजगार की तुलना में पुरुषों का ही दबदबा रहा है। बाइक मरम्मत करने वाले सभी गैराज पूरी तरह से पुरुषों द्वारा संचालित होते हैं और उनके पुरुष मैकेनिक ही होते हैं। लेकिन इंदौर में पहली बार, समान सोसाइटी द्वारा एक महिला मैकेनिक द्वारा संचालित गैराज शुरू किया गया और लोगों की सोच पूरी तरह से बदल दी गई है।
महिलाएं करती हैं सबकुछ रिपेयर

यह आपके लिए जानना जरूरी है कि मैकेनिक गैराज यंत्रिका पर दो पहिया वाहनों की रिपेयरिंग से लेकर सर्विस तक का सारा काम महिलाएं खुद करती हैं। गौरतलब है कि वाहन रिपेयरिंग व सर्विस का पूरा काम महिलाओं के ही हवाले है। महिलाएं भी यहां हर छोटे बड़े काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं। अब तक समान सोसायटी ने पहले तीन सौ महिलाओं को चालक का प्रशिक्षण दिया, जिनमें से 200 महिलाएं बतौर ड्राइवर इंदौर में वाहन दौड़ाकर अपना परिवार पाल रही हैं। इंदौर में तीन महिला मैकेनिक गैराज यंत्रिका संचालित हैं। एक पिपलियाहाना क्षेत्र और दूसरा पालदा में और तीसरा विदुरनगर में। इनका मानना है कि देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे गैराज खुलने चाहिए और वे खुद इसकी कोशिश करेंगे। गौरतलब है कि ये महिलाएं केवल पहले गृहिणियां थीं, लेकिन उन्हें इस काम में ट्रेंड कर आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है।
* all photo credit : @saman community social media