केरल की महिलाओं ने ‘हरित कर्म सेना' नामक महिला-नेतृत्व वाले समूह के माध्यम ने कचरा प्रबंधन का अनोखा तरीका खोज निकाला है। आइए जानें विस्तार से।

Image courtesy :@haritham.kerala.gov.in
ऐसे दौर में जहां ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंता जताई जा रही है, हमसे और आपसे छोटी-सी ही उम्मीद की जा रही है कि छोटे-छोटे कदम उठा कर हम अपने पर्यावरण की रक्षा करें और इसी सोच और उद्देश्य को अगर कोई अंजाम देता है, तो उनके कदम की सराहना होनी ही चाहिए। जी हां, हम बात कर रहे हैं केरल की महिलाओं की, जिन्होंने ‘हरित कर्म सेना' के माध्यम से कचरा प्रबंधन का खास तरीका खोज निकाला है। इस समूह में शामिल महिलाएं घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करती हैं और उसे अच्छे से छांटती हैं। राज्य सरकार का कहना है कि अब केरल कचरा फेंकने के लिए लैंडफिल या डंपिंग साइट पर निर्भर नहीं है, बल्कि कचरे का प्रबंधन स्रोत पर ही किया जा रहा है। खास बात यह है कि आप इन्हें सिर्फ स्वच्छता कार्यकर्ता न समझें, बल्कि यह खास उद्यमी भी हैं, जो उपयोगकर्ता शुल्क, खाद की बिक्री और रीसाइक्लिंग अनुबंधों से कमाई कर रही हैं, वाकई महिला सशक्तिकरण का इससे बेहतरीन उदाहरण तो कुछ और हो ही नहीं सकता। बता दें कि हरित कर्मसेना केरल के स्थानीय स्व-सरकारी निकायों में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत एक उद्यम है। वर्ष 2017 में, केरल सरकार द्वारा कार्यान्वित हरितकेरलम मिशन परियोजना के अंतर्गत, स्थानीय स्व-सरकारी निकायों में हरित कर्मसेना का गठन किया गया था। इसके अंतर्गत हरित कर्म सेना के सदस्यों द्वारा, स्थानीय स्वशासन निकायों द्वारा सरकारी आदेश के आधार पर निर्धारित उपयोगकर्ता शुल्क वसूल कर, घरों और संस्थानों से साफ किए गए अजैविक कचरे और कुछ मामलों में जैविक कचरे का घर-घर जाकर संग्रहण किया जाता है। साथ ही नियमित अंतराल पर एकत्रित अजैविक कचरे को सामग्री संग्रहण केंद्र में पहुंचाया जाता है। यहां से, कचरे को छांट कर संसाधन पुनर्प्राप्ति केंद्र में भेजा जाता है। फिर उन्हें पुन: उपयोग या पुनर्चक्रण के लिए सौंप दिया जाता है।