लता मंगेशकर का लोकप्रिय गीत 'मेरी आवाज ही मेरी पहचान है', हर गीतकार के जीवन की सच्चाई को प्रस्तुत करता है। हालांकि गीतकार, संगीतकार धनश्री गणात्रा के जीवन की डोर स्वर औरआवाज से बंधी हुई है। जी हां, कुछ साल पहले गाने की प्रैक्टिस के दौरान धनश्री गणात्रा बेहोश हो गई और जब उन्हें होश आया, तो उन्होंने अपनी आवाज खो दी थी। धनश्री को लगा कि उनकाजीवन खत्म हो गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और साधना के जरिए फिर से अपनी आवाज से मुलाकात कर पाई हैं। चलिए मिलते हैं, धनश्री से और जानते हैं कि कैसे संगीत उनके लिए जीने की वजह बना है।