हमारे दिमाग में हमेशा ही यह बात रहती है कि 10 महीने से अधिक उम्र के बच्चे को ऐसी क्या चीजें दी जाएं, जिससे उनको पोषण भी मिले और उनका पेट भी भरे। खासतौर से जब उनके दांत आने वाले हों, तब और अधिक खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
दांत निकलने की प्रक्रिया में मदद

जैसे-जैसे आपका शिशु बड़ा होता है और उसके दांत निकलते रहते हैं, ऐसे में उन्हें कुछ फूड आयटम्स जरूर देने चाहिए, जैसे उसे केला, चीकू, सेब और खीरा जैसे साबुत फल और सब्जियां खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जो कि मसूड़ों के लिए आरामदायक होते हैं। साथ ही दांत निकलते समय भोजन चबाना आपके शिशु के मसूड़ों के लिए भी एक बेहतरीन व्यायाम भी होता है और उभरते हुए नए दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही साथ भोजन को छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेना अच्छा होता है और फल और सब्जियां आहार में देने से पोषण मिलता है और साथ ही साथ शिशु के मल त्याग में भी मदद मिलती है।
घर के खाने की आदत डालना

साथ ही साथ अच्छी बात यह भी होती है कि टीथिंग के दौरान, जब आप बच्चे को और भी तरह का खान-पान देती हैं, तो इससे भी बच्चों में कम उम्र से घर में खाने की आदत लगती है और एक बात का आपको और ध्यान रखना है कि आपको अपने शिशु के लिए विशेष भोजन तैयार करने की जरूरत अब नहीं होनी चाहिए। यह वह वक्त है, जब आपका शिशु आपके घर के बर्तन से सब कुछ खाना शुरू कर सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अब भी आपको अपने बच्चे को भोजन में मसाले नहीं देने हैं और इसलिए और मसाला डालने से पहले उसका हिस्सा अलग रख दें। दरअसल, बच्चे को इस वक्त या अपने शिशु को 'घर के खाने' से परिचित कराने का एक शानदार तरीका यह है कि आप उसके लिए अलग रखे गए हिस्से में अपने नियमित भोजन के एक या दो चम्मच मिला दें। इससे धीरे-धीरे आपके बच्चे को आपके घर के बने खाने के इन नए और अद्भुत स्वादों के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी।
शिशुओं के लिए सख्त खाद्य पदार्थ

टीथिंग के समय भी आपको एक बात का और ख्याल रखना है कि साबुत मेवे, कच्चे मटर और मक्का आदि जैसे कुछ खाद्य पदार्थों को आपके शिशु के एक साल का होने तक नहीं देना चाहिए, क्योंकि ये गले में अटक सकते हैं। इसलिए, इस उम्र में साबुत रूप में खाना आपके शिशु के लिए सुरक्षित नहीं है। हां, यह सच है कि यह पौष्टिक होते हैं, लेकिन बेहतर होगा कि आप इन्हें अपने शिशु को देने से पहले मैश या प्यूरी बना लें, जैसे कि सांभर ऐसे ही खाद्य पदार्थों का एक उदाहरण है।
जानें कुछ जरूरी बातें
बता दें कि आप इस उम्र में अपने शिशु के आहार में सीमित मात्रा में नमक डालना शुरू कर सकती हैं, क्योंकि उन्हें नियमित रूप से घर के बने खाने की आदत हो रही है। लेकिन कुछ बाल रोग विशेषज्ञ आपके शिशु के एक साल का होने तक इसे न देने की सलाह देते हैं। इसलिए अपने शिशु के भोजन में नमक डालने से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित है।
कुछ खास डिशेज टीथिंग के दौरान ऐसे बनाएं

अपने बच्चे को आपको कुछ आसान से और ऐसी डिशेज बना कर खिलानी हैं, जिससे उन्हें टीथिंग में आसानी हो और इस दौरान उन्हें पूरा पोषण भी मिले। आइए जानें।
पनीर पुलाव
पनीर बच्चे के लिए हेल्दी माना जाता है, इसे पौष्टिक का स्रोत माना जाता है। तो इसका पुलाव बच्चे के लिए अच्छा होगा। तो एक मापने वाले कप में आधा कप चावल लें और चावल को दो बार धो लें। इसे 15 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। अलग रख दें। सब्जियों, पुदीने और धनिये के पत्तों को धोकर काट लें। प्याज को लंबाई में काट लें और टमाटर को बारीक काट लें। सब कुछ तैयार रखें। एक छोटे प्रेशर कुकर में घी गरम करें और इसमें सिर्फ जीरा डालें और इसे 2 मिनट तक भूनें और फिर प्याज के साथ अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें। फिर सुनहरा भूरा होने तक अच्छी तरह से भूनें। फिर इसमें टमाटर डालें। टमाटर की कच्ची महक जाने तक उन्हें भूनें। फिर सब्जियों और धनिया-पुदीना के पत्ते डालें। इन्हें एक साथ मिलाएं और 3 मिनट तक भूनें। अब इसे प्रेशर कुकर में डाल दें और पानी डाल कर ढक्कन बंद कर दें, फिर इसे मध्यम आंच पर दो सीटी आने तक पका लें। फिर इसमें कटे हुए पनीर के टुकड़ों को एक छोटे चम्मच तेल में सुनहरा होने तक तल लें। प्रेशर निकल जाने पर, कुकर खोलें और तले हुए पनीर के टुकड़े डालकर अच्छी तरह मिलाएं, पनीर को मैश करके खिलाएं।
दाल खिचड़ी
दाल खिचड़ी बच्चों को दांत निकलते वक्त खिलाने से बहुत उन्हें राहत मिलती है। आपको यह खिलाने के लिए सबसे पहले प्याज और टमाटर को बारीक काट लेना है, फिर सभी सब्जियों को धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेना है। हरी मिर्च को चीर लें। हरा धनिया मोटा-मोटा काट लें। अलग रख दें। चावल और मूंग दाल को धोकर 20 मिनट के लिए गुनगुने पानी में भिगो दें। एक प्रेशर कुकर में घी और तेल गरम करें। जीरा डालें। जीरा चटकने दें। फिर प्याज़ डालें। सुनहरा भूरा होने तक अच्छी तरह भूनें। फिर टमाटर डालें। टमाटरों को तब तक भूनें जब तक कि टमाटर की कच्ची महक न चली जाए और वे गूदेदार न हो जाएं। कटी हुईं सब्जियां, हल्दी पाउडर और जरूरत के अनुसार नमक डालें। फिर अच्छी तरह मिलाएं। फिर भीगे हुए चावल और मूंग दाल डालकर अच्छी तरह मिलाएं। हरा धनिया डालें। अच्छी तरह मिलाएं। जरूरत के अनुसार पानी डालें और उबाल आने दें। फिर प्रेशर कुकर का ढक्कन बंद कर दें और सभी चीज़ों को मध्यम आंच पर तीन से चार सीटी आने तक पकाएं। फिर प्रेशर निकल जाने पर, कुकर खोलें और चावल को चम्मच से धीरे-धीरे चलाएं, फिर जरूरत हो तो ऊपर से घी डालें।
चावल का सूप
चावल का दलिया/चावल का सूप शिशुओं के लिए आसानी से पचने वाला भोजन है और यह कार्बोहाइड्रेट और विटामिन का एक बेहतरीन स्रोत है और टीथिंग में ये भी बच्चे को सूथिंग का एहसास देगा। आप अतिरिक्त पोषक तत्वों के लिए इस सूप में मसली हुई दाल या सब्जियों का स्टॉक भी मिला सकती हैं। यह बच्चे को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसके अलावा, बार्ली वॉटर के रूप में जौ आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होता है। बुखार या गर्मी के मौसम में इसका सेवन सबसे अच्छा होता है, क्योंकि माना जाता है कि यह शरीर और दांतों को ठंडक पहुंचाता है। अगर आपके परिवार में ग्लूटेन से एलर्जी का कोई इतिहास नहीं है, तो अपने बच्चे को कम मात्रा में ही जौ खिलाएं।
हेल्दी क्रैकर्स

अब अगर बात करें हेल्दी क्रैकर्स की तो, ओट्स को फूड प्रोसेसर में डालें और तब तक ब्लेंड करें, जब तक वे मैदे जैसा बारीक न हो जाये। फिर इसमें हल्का-सा नमक डालें, फिर तब तक ब्लेंड करें जब तक आटा न बन जाए। फिर बेलन की मदद से, आटे को पार्चमेंट पेपर के दो टुकड़ों के बीच 1/4 इंच मोटा बेल लें। फिर
पतले आटे को आयतों में काट लें। अब कुकी कटर से गोल या अपनी पसंद के किसी भी आकार में काट लें। जाहिर है कि आप चाहेंगी कि ये छोटे हाथों के लिए पकड़ने में आसान हों। बस कटे हुए बिस्कुट के साथ नीचे का पार्चमेंट पेपर उठाएं और बेकिंग शीट पर रख दें। 350°F पर 25 मिनट तक बेक करें, बीच में पलटते हुए, सुनहरा भूरा होने तक। कम से कम एक घंटे के लिए कूलिंग रैक पर ठंडा होने दें।
कूकीज
घर पर बने टीथिंग बिस्कुट बनाने के लिए, एक मिक्सर में रोल्ड ओट्स डालें और बारीक पीस लें।
फिर केले, जैतून का तेल और वनीला एक्सट्रेक्ट डालकर एक चिपचिपा आटा गूंथ लें। एक चॉपिंग बोर्ड लें और उस पर पार्चमेंट पेपर बिछा लें, फिर आटा रखें और पार्चमेंट पेपर की एक और शीट से ढक दें। बेलन की मदद से इसे थोड़ा मोटा बेलकर 11 इंच चौड़ा और 9 इंच ऊंचा आयताकार आकार दें। कटर की मदद से 12 सीधी पट्टियों में काटें। फिर कटर से 2 क्षैतिज कट लगाएँ। प्रत्येक बिस्किट का आकार 1/2 इंच चौड़ा और 3 इंच लंबा होता है। पार्चमेंट पेपर को आटे के साथ सीधे बेकिंग ट्रे पर रखें। ओवन को 200°c (400°f) पर पहले से गरम करें और बिस्किट को 200°c (400°f) पर 20 मिनट या पकने तक बेक करें। फिर इसे ठंडा होने दें। और बच्चों को घर पर बने टीथिंग बिस्किट का आनंद लेने दें।
हलीम लड्डू
बता दें कि टीथिंग समय में बच्चे के लिए ज्वार, खजूर, हलीम और रागी देना अच्छा होता है, क्योंकि ये सबकुछ आयरन से भरपूर होते हैं और बच्चों के लिए बहुत अच्छे होते हैं। हलीम लड्डू आपके बच्चे की आयरन की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बेहतरीन मिठाई है। इसके अलावा, ओट्स की चिक्की भी बहुत अच्छी होती है। ओट्स और अखरोट की चिक्की जैसी सेहतमंद सामग्रियों से भी चिक्की बनाकर खिलाया जा सकता है।
Note : कोई भी आहार शुरू करने से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ या चिकित्सक से जरूर सलाह ले लें।