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होम / एन्गेज / खानपान / रेसिपी

अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस: 8 लोकप्रिय पहाड़ी खाने की रेसिपी से करें पहाड़ों की सैर

प्राची |  दिसंबर 11, 2024

लेखक सोहनलाल द्विवेदी की कविता 'पर्वत कहता शीश उठाकर' पर्वत के महत्व को हमारे जीवन में दर्शाता है। इस कविता के माध्यम से उनका कहना है कि पर्वत कहता शीश उठाकर तुम भी ऊंचे बन जाओ। मानव के जीवन में पर्वत एक तरफ जहां गर्व से सिर उठाने की सलाह देता है, तो वहीं पर्वत यानी की पहाड़ों की सैर सुकून और खुद की खोज की तरफ लेकर जाती है। आज यानी कि 11 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के मौके पर हम भी आपको पहाड़ों के बीच में ले जाने की कवायद कर रहे हैं। पहाड़ों का जिक्र आते ही जहां प्रकृति का खूबसूरत नजारा दिखाई पड़ता है, तो वहीं पहाड़ी खाने का स्वाद भी हमारे दिल को महका जाता है। आइए इस मौके पर जानते हैं पहाड़ों के स्वादिष्ट खान-पान के बारे में विस्तार से।

भांग की चटनी

उत्तराखंड के परंपरागत व्यंजनों में से एक भांग की चटनी है। पहाड़ों में हर घर में यह चटनी बनती है। भांग की चटनी को बनाने के लिए सबसे पहले 3 बड़े चम्मच भांग के दाने लेने के बाद इसे धीमी आंच पर भून कर फिर  स्वादानुसार हरी मिर्च, 4 से 5 लहसुन की कलियां, एक कप धनिया पत्ती, एक चम्मच नींबू का रस और स्वादानुसार नमक मिलाएं और इन सारी सामग्री को सिलबट्टे पर पीस लें। ध्यान रखें कि सिलबट्टे पर ही इस चटनी को पीस लें। आप इसका सेवन पराठे, रोटी और चावल के साथ कर सकती हैं।

झंगोरे की खीर की रेसिपी

त्योहार और व्रत के समय पर झंगोरे की खीर को अक्सर बनाया जाता है। पहाड़ों के होटलों में भी झंगोरे की खीर की मांग काफी अधिक होती है। झंगोरे का मतलब होता है सांवा, जो कि चावल का एक प्रकार है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले झंगोरे को 2 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। इसके बाद दूध को उबालने के लिए रखें और फिर भिगोए हुए झंगोरे को दूध में गाढ़ा होने तक पकाएं और अपने पसंद के ड्रायफूट रस मेवे और शक्कर मिलाकर आप इसका सेवन कर सकती हैं। याद रखें कि झंगोरे की खीर को चावल की खीर की तरह ही बनाया जाता है। 

पहाड़ी रायता

पहाड़ों के खान-पान की सबसे बड़ी खूबी यह है कि सब्जी में मिलाए जाने वाले मसाले से लेकर चटनी तक, हर सामग्री को सिलबट्टे पर पीसा जाता है। यह माना जाता है कि पत्थरों पर पीसने के कारण मसालों का स्वाद दोगुना बढ़ जाता है। इसे बनाने के लिए 3 हरी मिर्च, 3 लहसुन की कली, 3 टेबल स्पून पीली सरसों के बीज, धनिया पत्ती के साथ इन सभी को मिलाकर सिलबट्टे पर पीस लें और इसमें स्वादानुसार हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। इसके बाद मूली और ककड़ी को ग्रेट कर लें और फिर इसमें दही के मिश्रण के साथ सारे पिसे हुए मसाले को मिलाएं। तैयार है आपके लिए पहाड़ी स्वादिष्ट रायता।

पहाड़ी नमक

आपको यह सुनने में थोड़ी हैरानी हो रही होगी कि आखिरकार पहाड़ी नमक क्या होता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि पहाड़ी नमक के आगे चाट मसाला भी स्वाद में फीका लगने लगता है। आप इस पहाड़ी नमक को चाट,सलाद या फिर अपने पसंद के किसी भी खाने की सामग्री में स्वाद बढ़ाने के लिए मिला सकती हैं। इसे बनाने के लिए हल्दी, स्वादानुसार नमक, जीरा, 10 लहसुन की कलियां, और स्वादानुसार हरी मिर्च को एक साथ मिलाकर सिलबट्टे पर पीस लें। ध्यान दें कि इस पहाड़ी नमक को आपको सूखा ही पीसना है। आप जरूरत के हिसाब से एक या दो चम्मच से अधिक पानी इसमें न मिलाएं। आप इस नमक को तीन से चार दिन के लिए डिब्बे में बंद करके भी रख सकती हैं। 

चना माद्रा

काबुली चने से बनाए जाने वाली यह एक स्वादिष्ट रेसिपी है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले चने को रात भर भिगो कर रख दें। इसके बाद पानी, काबुली चना और मीठा सोडा मिलाकर 5 से 6 सीटी आने तक उबाल लें। इसके बाद आधा दालचीनी, 2 बड़ी इलायची, 1 टेबल स्पून धनिया पाउडर, 4 से 5 काली मिर्च, आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर एक साथ दरदरा पीस लें। एक पैन में घी डालें। घी के गर्म हो जाने पर जीरा, हींग,पीसा हुआ खड़ा मसाला, दाल चीनी और हल्दी पाउडर को एक साथ मिलाकर अच्छी तरह से पका लें। इसके बाद 2 चम्मच किशमिश,नमक और 3 चम्मच दही डालकर चने में उबाल आ जाने तक इसे पकाएं। इसके बाद अंत में ऊपर से घी मिलाएं। इस तरह तैयार है आपका स्वाद से भरपूर चना मद्रा। आप चावल या फिर रोटी के साथ इसका सेवन कर सकती हैं।

बबरू

इसे बनाने के लिए आपको 250 ग्राम गुड़ , 300 ग्राम गेहूं का आटा,4 चम्मच सौंफ, आधा चम्मच ड्राई यीस्ट, आधा कप नारियल का बुरादा और तेल। इसे बनाने के लिए सबसे पहले गुड़ को बारीक करके उसे एक कप पानी की सहायता से अच्छी तरह से पका लें। इसके बाद एक बड़े पैन में गेहूं का आटा, ड्राई यीस्ट, सौंफ और नारियल का बुरादे को अच्छी तरह से मिला लें। आपने जो गुड़ का पानी बनाया है, उसकी सहायता से गेहूं के आटे का गूंथ लें और फिर इसे 3 से 4 घंटे के लिए साफ कपड़े से ढक कर रख दें। अब हाथों से छोटी- छोटी लोई बनाएं ओक अंगुली से इसे दबा लें। इसके बाद एक पैन में तेल गर्म करें और हर एक बबरू को सुनहरा होने तक तेल में तलें। इस तरह आप बबरू को घर पर बना सकती हैं। साथ ही 8 से 10 दिन तक आप इसे डिब्बे में बंद करके रख सकती हैं। जान लें कि त्योहार के लिए या फिर घर में किसी पार्टी के लिए आप बबरू का स्वाद खाने की थाली में परोस सकती हैं।

आलू पालदा

पहाड़ की इस रेसिपी को बनाने के लिए 3 बड़े आलू, बड़ा प्याज पतला काटा हुआ, स्वादानुसार हरी मिर्च,3 कप दही, 3 टेबल स्पून घी, एक टेबल स्पून जीरा,1 इंच दालचीनी, पांच से छह लौंग और इलायची, 2 टेबल स्पून कच्चा चावल, हल्दी, धनिया पाउडर, गरम मसाला और नमक स्वादानुसार मिला लें। इसे बनाने के लिए चावल को पानी में भिगों लें। इसके बाद इलायची मिलाकर चावल को बारीक पीस लें। फिर दही में पानी मिलाकर इसे अच्छी तरह से फेंट लें। दूसरी तरफ एक पैन में घी, जीरा, दालचीनी, लौंग और हींग डालकर एक मिनट तक भूनें और इसके बाद कटा हुआ प्याज और हरी मिर्च मिलाने के साथ गरम मसाला, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, नमक स्वादानुसार मिलाए। इसके बाद कटे हुए आलू डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। इसके बाद आलू अच्छी तरह से पका लें। आलू के पक जाने के बाद दही-चावल का मिश्रण मिला लें। धनिया पत्ती के साथ उसे सजाएं और इसका गर्म-गर्म सेवन करें।

सिड्डू

पहाड़ की इस लोकप्रिय डिश को बनाने के लिए सबसे पहले गुनगुने पानी में यीस्ट और एक चम्मच चीनी मिलाएं। इसके बाद 20 मिनट के लिए इस पानी को ऐसे ही रखें। दूसरे बर्तन में गेहूं का आटा, नमक स्वादानुसार लें और फिर यीस्ट के पानी से इस आटे को अच्छी तरह से गूंथ लें और फिर किसी साफ कपड़े से ढक कर तीन घंटे के लिए रख दें। दूसरी तरफ मटर, 50 ग्राम भुनी हुई मूंगफली, 100 ग्राम अखरोट और 6 लहसुन की कलियां, स्वादानुसार हरी मिर्च और नमक को मिलाकर एक साथ पीस लें। इस मिश्रण में पनीर को मिलाएं और अच्छी तरह से मिक्स करें। इसके बाद गूथे हुए आटे से छोटी लोई बनाएं और गुजिया के आकार में मूंगफली के मिश्रण को इसमें भरें और अच्छी तरह से बंद कर दें। 15 से 20 मिनट के लिए स्टीम पर कुक करें या फिर आप इसे भांप पर भी पका सकती हैं। आप इसका सेवन अपने पसंद के किसी भी चटनी के साथ कर सकती हैं। 

अरसाइ

पहाड़ों में खाई जाने वाली लोकप्रिय मीठी डिश अरसा भी है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले चावल को 8 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रख दें। इसके बाद चावल को साफ कपड़े में निकाल कर इसे सूखा लें। इसके बाद चावल को पीस लें और फिर उसे बारीक पीस लें। दूसरी तरफ धीमी आंच पर गुड़ के टुकड़े से चाशनी बनाएं और जैसे ही चाशनी तैयार होती है वैसे ही पिसे हुए चावल के मिश्रण को धीरे-धीरे डालें और चम्मच से चलाते रहें। इसके बाद चावल के आटे को अच्छी तरह से मिला लें। गैस बंद कर दें और चावल के आटे से तैयार की गई इस सामग्री से छोटी छोटी लोई बनाकर उसे चपटा करके अरसा बनाएं। अंत में तेल या फिर घी में अरसे को सुनहरा होने तक तलें। आप इस अरसे का सेवन गर्म या फिर ठंडा भी कर सकती हैं। 

 

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