राजस्थान में कई तरह की सब्जियां हैं, जो कि खाने के स्वाद को चार गुना बढ़ा देती है। दूसरी तरफ राजस्थान की कई सारी सब्जियां ऐसी होती हैं, जो कि आसानी से रसोई के कुछ सामानों के साथ बन जाती हैं और आप इसे आसानी से घर पर बना सकते हैं। राजस्थान की रसोई अपने अनूठे मसालों, सूखे मेवों, देशी घी और देसी स्वाद के लिए लोकप्रिय हैं। साथ ही राजस्थान में सीमित हरी सब्जियों के कारण मसालेदार, सूखी और लंबे समय तक टिकने वाली सब्जियां का चलन अधिक मिलता है। आइए जानते हैं विस्तार से ऐसी ही 5 तरह की सब्जियों की रेसिपी के बारे में।
राजस्थान की लोकप्रिय गट्टे की सब्जी

गट्टे की सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले बेसन में दही, तेल और अजवाइन, लाल मिर्च, हल्दी, स्वादानुसार नमक और एक चम्मच तेल मिलाकर सख्त आटा गूंथ लें। इसके बाद एक पतला लंबा रोल बनाकर गर्म पानी में इसे अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद आप रोल ठंडा होने पर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर के काट लें। इसी टुकड़ों को गट्टा कहते हैं। इसके बाद आप अलग से दही लें और उसमें सभी तरह के सूखे मसाले हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर मिलाकर अलग से रख लें। दूसरी तरफ कढ़ाई में तेल गर्म करें और जीरा चटकाकर अदरक-लहसुन को भूनने के बाद दही वाला मिश्रण डालकर उसे धीमी आंच पर पकाएं। इसके बाद अंत में उबले गट्टे को डालकर 10 से 15 मिनट तक अच्छी तरह से पकाएं। आप इस सब्जी को रोटी, चावल या बाजरे की रोटी के साथ सेवन कर सकती हैं।
राजस्थानी केर-सांगरी की सब्जी बनाने की पूरी रेसिपी

राजस्थान की लोकप्रिय प्रसिद्ध सूखी सब्जी रेगिस्तानी इलाकों में मौजूद केर और सांगरी से बनती है। इसके लिए आपको सूखी केर और सांगरी को रातभर पानी में भिगो दें और तेज गर्म पानी में 2 घंटे के लिए रखें। इनको उबालकर अतिरिक्त पानी निकाल दें और फिर कढ़ाई में तेल गरम करें और साथ ही में हींग और मसाले भूनें। आपको इसके बाद उबली हुई केर-सांगरी डालकर मध्यम आंच पर मिलाएं। आपको इसे 10 से 15 मिनट तक अच्छे से सूखने तक पकाएं। यह खासतौर से बाजरे की रोटी के साथ खाई जाती है और लंबे समय तक खराब नहीं होती है।
राजस्थान की पापड़ की सब्जी बनाने की विधि विस्तार से

अगर आपके पास घर में कोई सब्जी मौजूद नहीं है, तो आप आसानी से पापड़ की सब्जी बना सकती हैं। इसे बनाने के लिए दही में बेसन और मसाले मिलाकर अच्छी तरह से फेंट लें। इसके बाद कढ़ाई में तेल गर्म करके जीरा, मेथी दाना का तड़का लगाएं। फिर दही वाला मिश्रण डालें और थोड़ा गाढ़ा होने तक अच्छी तरह से पकाएं। इसके बाद पापड़ को हल्का-सा तवे पर सेंक कर छोटे टुकड़े कर लें। इन्हें ग्रेवी में डालें और फिर 2 से 3 मिनट के लिए धीमी आंच पर पकाएं। आपको यह ध्यान रखना है कि पापड़ डालने के बाद ज्यादा न पकाएं। अगर आप ज्यादा पकाती हैं, तो पापड़ गल जाएगा। आप इस पापड़ की सब्जी को चावल या फिर फूली हुई रोटियों के साथ बहुत पसंद की जाती है।
पंचमेल दाल की सब्जी बनाने की रेसिपी विस्तार से

पंचमेल दाल की सब्जी में कई तरह की दालों का मिश्रण होता है, जो कि आपकी सेहत को एक साथ ढेर सारा प्रोटीन देता है। राजस्थान की पहचान दाल बाटी का असली स्वाद भी इसी पंचमेल दाल से आता है। पंचमेल दाल की सब्जी बनाने के लिए आपको मूंग दाल, मसूर दाल, तूर दाल, चना दाल, उड़द दाल बराबर मात्रा में लेना है। इन सभी दालों को धोकर आधे घंटे के लिए भिगो कर रख दें। इसके बाद कुकर में पानी के साथ इसे 3 सीटी लगाएं। कढ़ाई में घी गर्म करें और फिर जीरा-हींग का तड़का लगाएं और लहसुन के साथ इसे अच्छी तरह से भूनें। इन सभी मसालों को आपको एक साथ मिलाना है। और उबलती हुई दाल में मिला देना है। आप दाल में ऊपर से घी का तड़का डालकर इसे 5 मिनट के लिए अच्छी तरह से उबाल लें। आप इस दाल का सेवन बाजरे की रोटी, चावल और बाटी के साथ खा सकती हैं।
राजस्थानी लाल मसाला आलू की सब्जी बनाने की रेसिपी

आप बिना प्याज और लहसुन के इस सब्जी को भी बना सकती हैं। यह स्वाद से भरपूर होती है। इसे बनाने के लिए कढ़ाई में तेल गर्म करें और फिर साबुत लाल मिर्च, तेजपत्ता, लौंग, दालचीनी का टुकड़ा और लाल मिर्च डालकर अच्छी तरह से भूनें। दूसरी तरफ दही में लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर डालकर धीमी आंच पर इसे पकाएं। इसके बाद उबलते हुए आलू को हल्का सा दबाकर क्रश करें और ग्रेवी में डालें। आपको इसे 10 से 15 मिनट अच्छी तरह से पकाना है। और मसालों की खुशबू आने तक इसे अच्छी तरह से पकाएं। आप इस मसालेदार आलू की सब्जी को रोटी, पराठा और चावल के साथ सेवन कर सकती हैं। यह खाने में स्वादिष्ट और चटपटी होती है।
राजस्थानी भोजन बनाने के लिए जरूरी टिप्स
राजस्थान में दही और बेसन की ग्रेवी बहुत चलती है। आपको दही को हमेशा फेंटकर उपयोग करें और बेसन मिलाने से दही फटना नहीं है और ग्रेवी गाढ़ी बनती है। आपको हमेशा यह भी ध्यान रखना है कि मसालों को धीमी आंच पर भूनें। राजस्थानी भोजन में लाल मिर्च, धनिया, हल्दी और गर्म मसालों की भूमिका बहुत ही अहम होती है। आपको मसालों को धीमी आंच पर भूनने से उनका रंग और स्वाद दोनों बेहतर आते हैं। आपको यह भी ध्यान रखना है कि राजस्थानी खाने में पानी की जगह मसालों और दही का उपयोग करें आप बेसन का भी उपयोग अधिक कर सकती हैं। इससे आपकी ग्रेवी गाढ़ी हो जाती है, पतली नहीं रहती है। केर-सांगरी जैसे सूखी सब्जियों को अच्छी तरह से साफ करें। दही, बेसन, सूखी सब्जियों और पापड़ में नमक पहले से होता है। इसलिए नमक अंत में चखकर डालें। हींग और मेथी दाना तड़का लगाने से सुगंध बढ़ती है।