बारिश एक ऐसा समय होता है, जब भारत के लगभग हर राज्य में प्रकृति के महापर्व के रूप में इसे मनाया जाता है। ऐसे में बेहद हर राज्य में भोजन के रूप में क्या-क्या पकवान या व्यंजन बनाये जाते हैं। आइए जानने की कोशिश करते हैं।
अद्रा या आद्रा का खाना बिहार में

बिहार में अद्रा का खाना बेहद शौक से खाया जाता है और इसे शौक से बारिश के मौसम में पकाया भी जाता है, अद्रा की थाली की बात करें तो अद्रा की थाली में दाल की रोटी बनती है और दूध वाली खीर बनाई जाती है और साथ में आम खाया जाता है और वह भी लंगड़ा आम, लोग इसे बेहद शौक से खाते हैं। अगर बिहार में आद्रा की बात की जाए, तो यहां आद्रा नक्षत्र इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि यह मानसून के आगमन और धान की रोपाई के शुरुआत का प्रतीक है। इस दौरान, अच्छी बारिश और फसल की कामना के लिए भगवान इंद्र की पूजा की जाती है। आद्रा नक्षत्र में खीर, दाल-पूरी और आम जैसे पारंपरिक भोजन खाने की भी परंपरा है। आद्रा नक्षत्र बिहार की ग्रामीण संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसे उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है।
गोवा का लजीज खान-पान

गोवा के खान-पान की बात करें तो ऐसे कई व्यंजन हैं, जिन्हें बेहद शौक से खाया जाता है और सोल कड़ी पी भी जाती है, इसलिए इसे काफी शौक से लगातार बनाया जाता रहा है और बारिश के मौसम में इसे शौक से खाते हैं। गोवा के लोग इसे बिंदा सोलम (कोकम) कहते हैं। इस फल के बीज सफ़ेद मांसल फल होते हैं। उपयोग से पहले इन्हें धूप में सुखाया जाता है। धूप में सुखाने के बाद कोकम या मैंगोस्टीन कुछ इस तरह दिखता है। इस दौरान प्याज, नारियल और दाल का खूब उपयोग होता और अधिकांश गोवा के व्यंजनों में प्याज, कसा हुआ नारियल और दाल शामिल होते हैं, जो प्रोटीन, वसा और फाइबर का समृद्ध स्रोत प्रदान करते हैं। साथ ही एक खास डिश बनती है, जिसका नाम आलमी याकुटी।
केरल का खान-पान
बारिश के मौसम को केरल में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। परिप्पु वड़ा और कर्किडका कांजी भी बेहद शौक से खाया जाता है। परिप्पु वड़ा दाल से बना एक स्वादिष्ट, डीप-फ्राइड स्नैक है, जबकि कर्किडका कांजी एक औषधीय दलिया है, जिसे कर्किडकम महीने (जुलाई-अगस्त) के दौरान इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए खाया जाता है। यह दोनों ही चीजें केरल में एक आम स्ट्रीट फूड और चाय के समय के नाश्ते के रूप में खाई जाती है। साथ ही यह विभिन्न प्रकार की दालों और मसालों के साथ बनाया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ का लोकप्रिय खाना
बांस की टहनियों या स्थानीय रूप से 'गोंडी और करील' कहे जाने वाले मसाले, मिर्च, लौंग, करी पत्ते और मसाले के पाउडर से बना एक तीखा सूप होता है, जो वहां स्थानीय रूप से काफी खाया पिया जाता है और इसलिए भी सबको खाते-पीते रहना चाहिए, क्योंकि यह सेहत को भी बरकरार रखता है। इसलिए इसे बेहद शौक से बारिश में खाते हैं।
मेघालय का खान-पान

मेघालय पूरी दुनिया में खान-पान के लिए जानी जाती है, खाने-पीने के लिए भी यह मशहूर है और यहां की बारिश की वजह से भी। इसलिए यहां का खान-पान बहुत लोकप्रिय है। डलोह एक ऐसी डिश है, जो शौक से खाई जाती है। इसे चावल और मीट के साथ पकाया जाता है।
दिल्ली, उत्तर-प्रदेश और बंगाल का खान-पान

अब बारिश की बात हो और पकौड़ों की बात न हो, यह कैसे हो सकता है, जी हां, दिल्ली और उत्तर-प्रदेश में जम कर पकौड़े खाये जाते रहे हैं और मानसून में चाय के साथ पकौड़ों को खाने का एक अलग ही मजा होता है। वहीं बंगाल में खिचड़ी और बैगुन भाजा बहुत खाया जाता है।
महाराष्ट्र का दिलचस्प खान-पान
महाराष्ट्र में जमकर बारिश होती है, ऐसे में जहां तक बात है खान-पान की, तो इस दौरान लोग कई तरह की फिश खाते हैं, साथ ही भुट्टे का भी मजा लेते हैं और बॉम्बिल भुजना खूब शौक से खाते हैं, यह महाराष्ट्र के स्थानीय व्यंजनों में से एक है और इसे लोकप्रिय मछली 'बॉम्बिल' से बनाया जाता है जिसे 'बॉम्बे डक' के नाम से भी जाना जाता है। इस करी का सबसे ज्यादा मजा चावल के साथ लिया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश का खान-पान
अरुणाचल प्रदेश के खान-पान में से इसे एक माना जाता है। यह ताई खामती समुदाय की खासियतों में से एक है और इसका शाब्दिक अर्थ है कीमा बनाया हुआ मछली। इस मौसमी हरे सूप में ताजी नदी के पानी की मछलियां और स्थानीय रूप से उगाई जाने वाली जड़ी-बूटियां और मसाले होते हैं।
जम्मू का दिलचस्प खाना
जम्मू में बारिश के महीने में हरोलिया बनाई जाती है। यह जम्मू में मैदा और पानी से बने तरल आटे से बनी मानसून की विशेष रोटी होती है और इस तरल आटे को कई छेदों वाले मिट्टी के बर्तन में डाला जाता है और तवे पर जलेबी की तरह बनाया जाता है, जिसे खाने में बड़ा ही मजा आता है।
तमिलनाडु में उठाएं खान-पान का मजा
तमिलनाडु में खान-पान के मजे की बात करें तो तमिलनाडु में कुंजी परियनम, आमतौर पर पड्डू के नाम से जाना जाने वाला डिश है, यह व्यंजन चावल और काली दाल के खमीर उठे हुए घोल से बनाया जाता है, जिसे कच्चे लोहे के पैन में पकाया जाता है।
दिल्ली, उत्तर-प्रदेश में पकौड़े
अब बारिश की बात हो और पकौड़ों की बात न हो, यह कैसे हो सकता है, जी हां, दिल्ली और उत्तर-प्रदेश में जम कर पकौड़े खाये जाते रहे हैं और मानसून में चाय के साथ पकौड़ों को खाने का एक अलग ही मजा होता है। इसके अलावा, पहाड़ों पर मैगी खाने का अपना मजा होता है।
त्रिपुरा में खान-पान
त्रिपुरा में घोंघे, चावल का आटा, बांस के अंकुर, किण्वित मछली और मिर्च से बना एक ग्रेवी वाला व्यंजन बनाया जाता है और यह ग्रेवी आधारित व्यंजन बिना किसी तेल के बनाया जाता है और स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा रहता है।