हमारे देश में भाषाएं भिन्न-भिन्न हैं, लेकिन खाने का स्वाद ऐसा है, जिसे लेकर कभी कोई भेदभाव नहीं रहे हैं। यही वजह है कि कई सारे अनोखे व्यंजन हैं, जो कि हर किसी के स्वाद और रसोई का हिस्सा बन चुके हैं। ऐसी कई डिशेज होती हैं, जिनके बारे में हमें पता नहीं होता है, लेकिन वे काफी लोकप्रिय रहते हैं, तो आज हम आपको कुछ ऐसी ही कुल 7 कम लोकप्रिय, लेकिन स्वाद से भरपूर डिश के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
मध्य प्रदेश की डिश 'भुट्टे की किश'

मध्य प्रदेश की यह एक पारंपरिक लोकप्रिय डिश है। जो खासतौर पर सर्दियों और मानसून के समय बनाई जाती है। इस डिश को मकई, दूध, हरी मिर्च और मसालों को तैयार की जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले ताजे भुट्टे को छिलके उसके दाने निकाल लें। फिर इन दानों को मिक्सी में दरदरा पीस लें या कद्दूकस कर लें। बहुत बारीक पेस्ट न बनाएं। एक कड़ाही में घी या तेल गरम करें। इसमें राई डालें, जब यह चटकने लगे तो हींग और कटी हुई हरी मिर्च डालें। इसके बाद अदरक डालकर इसे एक मिनट के लिए भूनें। अब इसमें कद्दूकस किया हुआ दरदरा भुट्टा डालें। इसे 2 से 3 मिनट तक मध्यम आंच पर भूनें। फिर उसमें हल्दी, नमक और थोड़ी सी चीनी भी मिलाएं। इसमें दूध डालें और लगातार चलाते हुए पकाए,ताकि गांठें न बनें। इस मिश्रण में धीरे-धीरे दूध डालें। इससे दूध गाढ़ा हो जाता है। आखिरी में नींबू का रस मिलाएं। ऊपर से गार्निश करने के लिए हरा धनिया और नारियल डालें।
ओडिशा की डिश ‘छेना पोड़ा’ बनाने की विधि

‘छेना पोड़ा’ ओडिशा की सबसे पारंपरिक मिठाई है। इसे एक तरह से जला हुआ पनीर भी कहते हैं। यह मिठाई छेना (ताजा पनीर), चीनी, सूजी और ड्राई फ्रूट्स से बनती है और इसे धीमी आंच या ओवन में बेक किया जाता है, जिससे इसकी ऊपरी सतह पर हल्की-सी कैरेमलाइज्ड परत बन जाती है। इसे बनाने के लिए दूध को अच्छी तरह से उबालें। उबाल आने के बाद गैस को धीमी करें और नींबू का रस मिलाएं। दूध में नींबू डालने से यह फट जाएगा। इसे एक सूती कपड़े या मलमल के कपड़े में छान लें और ठंडे पानी से धो लें। आपको इसे 20 से 30 मिनट कर लटका कर रखना है। इससे छेने का पानी सूख जाएगा। अब इस छेना को एक बड़े बर्तन में डालें और हाथों से अच्छे से मलें जब तक वह स्मूथ और थोड़ा चिपचिपा न हो जाए। इसमें सूजी, चीनी, इलायची पाउडर और कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालें। अच्छी तरह से मिलाने के बाद इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर सूजी फूल जाएगी। इसके बाद बेकिंग के लिए टिन या स्टील की थाली को घी से अच्छे से ग्रीस करें। चाहे तो तली में थोड़ा कैरामेलाइज किया हुआ चीनी का सिरप डाल सकती हैं। इससे डिश का स्वाद बढ़ जाता है। अब छेना का तैयार मिश्रण इस बर्तन में डालें और ऊपर से थोड़ा ड्राई फ्रूट्स छिड़कें। आप बिना ओवन के भी इसे गैस पर भी बना सकती हैं। एक बड़ा बर्तन या कुकर लें, उसमें नीचे नमक या रेत की परत बिछाएं (2 इंच मोटी) होनी चाहिए। उसके ऊपर स्टैंड रखें और केक टिन को उस पर रखें। ढक्कन बंद करें और 40-50 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। पक जाने पर बाहर निकालें और पूरी तरह ठंडा करें। फिर उसे पलट कर निकालें और स्लाइस में काटें। इस तरह से आप छेना पोड़ा बना सकती हैं।
उत्तराखंड की डिश ‘भट्ट की चुड़कानी’

यह एक पौष्टिक दाल की सब्जी है जो भट्ट (काले सोयाबीन) से बनाई जाती है। इसे गर्म चावल के साथ परोसा जाता है। इसे बनाने के लिए सोयाबीन को अच्छे से धो लें। एक कड़ाही में बिना तेल के सोयाबीन भूनें, जब तक वो हल्के फूलने न लगे और खुशबू आने लगे। अब इसे कुकर में डालकर 3 से 4 सीटी आने तक पका लें। इसका मसाला तैयार करने के लिए एक पैन में सरसों का तेल गरम करें। तेल जब अच्छे से गरम हो जाए, तो उसमें जीरा और हींग डालें। फिर हल्दी, धनिया पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डालकर भूनें। इसके अलावा दही का घोल भी बनाना है। इसके लिए फेंटी हुई दही, एक बड़ा चम्मच चावल का आटा, गेहूं का आटा मिलाएं। अब इस दही के घोल को मसालों में धीरे-धीरे मिलाते हुए डालें और लगातार इसे चलाती रहें, जब तक यह उबल नहीं जाता है। इस घोल में उबले हुए सोयाबीन को डालें और अच्छी तरह से मिलाएं। इस मिश्रण को 10 से 15 मिनट पकाना है। आपके लिए यह खास डिश तैयार है।
उत्तर भारत की डिश ‘पटोड़े’

न सिर्फ उत्तर भारत में बल्कि इस डिश को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा की पारंपरिक लोकप्रिय डिश है। इसे अरबी के पत्ते पर बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए एक बाउल में बेसन लें। उसमें हींग, अजवाइन, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, अदरक-लहसुन पेस्ट, हरी मिर्च और नमक मिलाएं। पानी डालकर एक गाढ़ा घोल तैयार करें। घोल में गांठें न रहें इसे अच्छी तरह से फेंट लें। इसके बाद अरबी के पत्तों को अच्छी तरह से धो लें और तैयार किए गए बेसन के घोल को अच्छी तरह से पत्तों पर फैला लें और रोल तैयार करें। भाप पर पका लें। 25 मिनट बाद गैस बंद करें और रोल को अच्छी तरह से पीस में काट लें। आप इसका सेवन ऐसे ही कर सकती हैं या फिर इसे तेल में फ्राई भी कर सकती हैं। आप इसका सेवन चटनी के साथ कर सकती हैं।
झारखंड की पारंपरिक डिश ‘चुआर’

इसे बनाने के लिए मोटे दाने वाले पारंपरिक चावल को अच्छी तरह से धो लें। आप इसके साथ मूंग दाल को भी धोकर 15 से 20 मिनट के लिए भिगो लें। प्रेशर कुकर में पानी गर्म करें और उसमें धुले हुए चावल और दाल डालें। इसके बाद नमक, हल्दी और थोड़ा सा सरसों का तेल डालें। इस मिश्रण को धीमी आंच पर पकने दें। इसे बीच-बीत में हिलाते रहें। जब चावल और दाल पूरी तरह से गल जाएं। पूरा मिश्रण गाढ़ा हो जाए, तब गैस बंद कर देना है। अगर आप इसे कुकर में बना रही हैं तो 2 से 3 सीटी काफी होता है। आप इस चावल की डिश को आलू का चोखा, टमाटर की चटनी के साथ खा सकती हैं।
बुंदेलखंड की ‘बैगन की सब्जी’

बुंदेलखंड की बैंगन की पारंपरिक सब्जी को बनाने के लिए सबसे पहले बैंगनों को अच्छे से धोकर साफ कर लें और उसे भूनें जब तक उसका छिलका जलकर फट जाए और अंदर से नरम हो जाए। फिर ठंडा होने पर उनका छिलका उतारकर मसल लें या बारीक काट लें। इसके बाद छौंक लगाने के लिए एक पैन में तेल गर्म करें। जीरा डालें और फिर कटे प्याज को सुनहरा होने तक भूनें। इसके बाद कच्चापन जाने तक अदरक और लहसुन का पेस्ट भी भूनें। अब कटे टमाटर डालकर नरम होने तक पकाएं। हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं और तब तक पकाएं जब तक तेल मसाले से अलग न हो जाए। अब मसले हुए बैंगन डालकर अच्छी तरह मिलाएं।नमक और अमचूर पाउडर डालकर 5-7 मिनट धीमी आंच पर पकाएं, ताकि सब्जी में अच्छी खुशबू और स्वाद आ जाए।
छत्तीसगढ़ का ‘मोरा भात’

छत्तीसगढ़ में इसे खास तौर पर पसंद किया जाता है। यह एक पारंपरिक डिश है। इसे बनाने के लिए मूंग दाल को 15 से 20 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। इससे मूंग दाल जल्दी पक जाता है। इसके बाद चावल को अच्छी तरह से धोकर उसका पानी निकाल दें। एक गहरे पैन में घी गर्म करें और हींग डालकर थोड़ी देर के लिए भूनें। भीगी हुई मूंग दाल और धोए हुए चावल के साथ हल्दी और नमक भी मिलाएं। 3 कप पानी डालकर इसे ढक्कन से ढक दें। जरूरत हो तो थोड़ा गर्म पानी डालकर अपनी पसंद के अनुसार भात की बनावट कर सकती हैं। आप इस मोरा भात को दाल, सब्जी या फिर अचार के साथ सेवन कर सकती हैं।