भारतीय खान-पान में पूड़ियां का महत्व अलग है। शादी और त्योहार के साथ किसी धार्मिक पर्व के दौरान खासतौर पर पूड़ियों बनाई जाती हैं। आज हम आपको पूड़ियों के देश में लेकर चलते हैं। जी हां, भारत के पांच राज्यों में पांच अलग-अलग प्रकार की पूड़ियां बनाई जाती हैं। यह पूड़ियां न केवल स्वाद में लाजवाब होती हैं, बल्कि हर राज्य की सांस्कृतिक झलक भी इन पूड़ियों में दिखाई देती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
उत्तर प्रदेश की मसाला पूड़ी बनाने की रेसिपी

उत्तर प्रदेश में हर तरह के खास मौके पर मसाला पूरी बनाई जाती है। खासतौर पर इस मसाला पूड़ी को नाश्ते के साथ खाया जाता गै। यह पूड़ी स्वाद में हल्की-सी तीखी और मसालेदार होती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले अपनी आवश्यकता अनुसार बर्तन में गेहूं का आटा लें। इसमें आपको सभी तरह के सूखे मसालों को मिला लेना है। खासतौर पर सौंफ, अजवाइन, हल्दी, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और नमक मिलाएं। आपको थोड़ा पानी मिलाते हुए आटा गूंथना है। इसके बाद आपको इस 10 से 15 मिनट अच्छी तरह से ढक कर रख देना है। इसके बाद आपको छोटी-छोटी लोइयां बनाकर इसे पूरियों के आकार में बेलना है। इसके बाद आपको गर्म तेल में सुनहरी और फूली हुई पूरियां तलें। आपको फिर गर्म आलू टमाटर की सब्जी या फिर चने के साथ इसे परोसना है।
बंगाल की लुची बनाने की रेसिपी विस्तार से

लूची को बंगाल में कई तरह के त्योहार और दुर्गा पूजा के समय पर बनाया जाता है। लूची एक प्रकार की पूड़ी है, जो कि मैदे से बनाई जाती है। इसे बनाने के लिए मैदा को बड़े बाउल में मैदा छान लें। उसमें नमक और घी मिलाकर मोयन डालें। आप घी की जगह पर तेल भी डाल भी सकती हैं। आपको हाथ से अच्छी तरह आटे में घी या फिर तेल मिलाना है, जब तक आटा रेत जैसा हो जाए। अगर आप हाथ में थोड़ा सा आटा लेकर दबाएं और वह टिक जाए, तो मोयन सही है। आटे को गूंथने के लिए छोटी-छोटी लोइयां तोड़ लें। बेलन से बेलते समय लोई को बहुत पतला न बेलें , मध्यम मोटाई का रखें। ध्यान रखें की लोई का आकार गोल होना चाहिए और चाहें, तो आप लोई पर हल्का-सा तेल लगाकर भी इसे बेल सकती हैं। लूची को तलने के लिए आपको पैन में तेल डालना है। तेल मध्यम से तेज आंच पर अच्छी तरह गर्म होना चाहिए, लेकिन तेल में से धुआं नहीं निकलना चाहिए। अब एक के बाद एक लूची डालें और हल्के हाथ से फूली हुई होने तक इसे दबाते हुए तलें। दोनों तरफ से हल्का सुनहरा और फूला होने तक इसे तलें। आपको लूची को किचन पेपर पर निकालना है, ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए। आप लूची को आलू दम, छोलार दाल, मीठी दही, रसगुल्ला या संदेश के साथ भी सेवन कर सकती हैं।
गुजरात की बेड़मी पूरी बनाने की रेसिपी विस्तार से

बेड़मी पूरी गुजरात की पारंपरिक डिश है। इसका सेवन आलू की सब्जी या फिर अचार के साथ किया जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले उड़द दाल को रात भर भिगो कर रख दें। पानी निकालकर दरदरा पीस लें और आपको ध्यान रखना है कि इसका पेस्ट आपको नहीं बनाना है। ध्यान रखना है कि उड़द दाल हल्की और मोटी होनी चाहिए। भरावन के लिए एक पैन में बड़ा चम्मच तेल गर्म करें और उसमें सौंफ और हींग डालें। कुछ सेकंड बाद अदरक और हरी मिर्च भी डालें। अब पिसी हुई उड़द दाल को इसमें डालें और मीडियम आंच पर भूनना शुरू करें। दाल जब सूखने लगे और हल्की सुनहरी हो जाए, तब मसाला डालें। इसके साथ धनिया पाउडर,लाल मिर्च पाउडर के साथ गरम मसाला भी मिलाएं। आपको लगातार चलाते हुए इसे भूनना है, जब तक मिश्रण सूखा और भुरभुरा न हो जाए। भरावन तैयार होने के बाद एक बड़े बर्तन में गेहूं का आटा लें और उसमें नमक और तेल या फिर घी डालें और हाथ से मिलाएं। अब पूड़ी करे लिए सख्त आटा गूंथ लें और आटे को ढककर 15 से 20 मिनट के लिए रख दें। फिर आटे की छोटी लोइयां बनाएं और हल्का-सा बेलें और बीच में एक चम्मच भरावन रखें। चारों ओर से सील करें और फिर हल्के हाथ से बेल लें। आपको न ज्यादा मोटी और न ज्यादा पतली पूड़ी बेलने है। आपको सब पूड़ियों को इसी तरह तैयार करना है। आपको दोनों तरफ से सुनहरा होने तक इसे तलना है।
राजस्थान की मिर्ची पूड़ी बनाने की विधि विस्तार से

राजस्थान की मिर्ची पूड़ी तीखी और कुरकुरी होती है। इसे बनाने के लिए एक बड़े परात या बाउल में गेहूं का आटा लें और इसमें लाल मिर्च पाउडर, कटी हुई हरी मिर्च, हल्दी, अजवाइन, नमक के साथ तेल या फिर घी मिलाएं। आपको इन सारी चीजों को अच्छी तरह से मिलाना है। आपको पानी डालते हुए सख्त आटा गूंथ लेना है। ध्यान रखें कि पूड़ी के लिए आटा ज्यादा नरम नहीं होना चाहिए। आपको आटे को ढककर 15 से 20 मिनट के लिए रख दें। आटे से छोटी लोइयां बना लें। हर लोई को बेलन से मध्यम आकार की पूड़ी के रूप में बेलें। फिर आपको इस पूड़ी को तलना है और दोनों तरफ से सुनहरा और कुरकुरा होने तक इसे तल लेना है। आप इस पूड़ी को बूंदी या खीरे के रायते के साथ सेवन कर सकती हैं। आपको यह भी ध्यान रखना है कि पूड़ी को गर्म ही बनाएं और उसका सेवन करें।
केरल की केले की पूड़ी बनाने की विधि विस्तार से

केरल में इस पूड़ी को खासतौर पर शाम की चाय के साथ परोसा जाता है। इसे बनाने के लिए 2 पके हुए केले को लेना है। केले को छील लें और लंबाई में 2 या 4 टुकड़ों में इसे काट लेना है। ध्यान रखें कि आपको ऐसा केला लेना है, जो ज्यादा पका हुआ नहीं होना चाहिए। इसके बाद एक मिक्सिंग बाउल में मैदा, चावल का आटा, चीनी, इलायची पाउडर , हल्दी और नमक डालें। इन सभी को आटे में मिलाकर पानी डालते हुए गाढ़ा लेकिन बहने लायक घोल बनाएं। एक पैन में तेल गर्म करें और तेल के तैयार हो जाने पर थोड़ा घोल डालें। आप देखेंगे कि घोल ऊपर आ जाएगा। अब हर केले के टुकड़े को घोल में डुबोएं और धीरे से गरम तेल में डालें। मीडियम फ्लेम पर तलें ताकि अंदर से सुनहरा हो जाए। दोनों तरफ से सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें।
पूड़ी बनाने से पहले जरूरी सावधानी
पूड़ी बनाने से पहले आपको यह ध्यान रखना है कि ताजा गेहूं का आटा ही लेना है। पूड़ी को नरम बनाने के लिए एक या दो चम्मच तेल और घी मिलाएं। पूड़ी के लिए हमेशा सख्त आटा ही जरूरी होता है। आटे को हमेशा 15 से 20 मिनट तक ढककर रखें। पूड़ी को तेल में तलने से पहले यह ध्यान रखें कि तेल बहुत ठंडा नहीं होना चाहिए और बहुत ज्यादा गरम भी नहीं होना चाहिए। पूड़ी बेलते समय सूखा आटा कम से कम इस्तेमाल करें।