मां बनना वरदान होने के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी है। जिम्मेदारी न सिर्फ अपने बच्चे को संभालने की, बल्कि खुद की सेहत को भी महत्व देना है। नई मां बनना खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण अनुभव है। इस सफर में सही जानकारी और भावनात्मक सपोर्ट का होना बहुत जरूरी होता है। शिशु की देखभाल के साथ खुद को मानसिक और शारीरिक सेहत का महत्व समझना भी जरूरी होता है। आइए जानते हैं 5 बेहतरीन किताबों के बारे में, जो कि हर नई मां को जरूरी पढ़नी चाहिए।
'मैं से मां तक' किताब

अंकिता जैन द्वारा लिखित यह किताब मातृत्व एक बेहद व्यक्तिगत और अनुभव पर आधारित है। इस किताब में गर्भधारण से बच्चे के जन्म तक के जटिल शारीरिक, मानसिक और सामाजिक पहलुओं को साधारण हिंदी में बयान किया है। इस किताब की खूबी यह है कि इसमें गर्भावस्था के हर पहलू को बारीक तरीके से महसूस कराती है, जैसे कि हर रोज नए अहसास, शारीरिक असुविधाओं को भी दिखाती है, जो कि हर नयी मां की वास्तविक कहानी हो सकती है। 20 अध्याय में संकलित इस किताब में भावात्मक पक्ष के साथ ही चिकित्सा और तकनीकी पहलुओं जैसे कि सी-सेक्शन, गर्भपात,अंधविश्वास पर भी खुलकर बात की गई है। इस संतुलन के साथ यह किताब एक गाइडबुक ही नहीं बनाता, बल्कि भावनाओं को समझने वाली सहेली भी बनाता है। इस किताब में घरेलू माहौल और समाज की अपेक्षाओं जैसे कि कई बच्चे की किलकारी होगी, पुरानी पीढ़ी के अंधविश्वास इन चीजों पर भी तीखी चर्चा की है। यह किताब दिखाती है कि कैसे ये मान्यताएं और दबाव महिलाओं के मन में दरार ला देती है और उन्हें आत्म-संयम, आत्म संवाद और निर्णय-स्वतंत्रता की जरुरत होती है। इतना ही नहीं यह पुरुष पाठकों को भी गर्भावस्था और पति‑पत्नी संबंधों की गहराई से समझने की प्रेरणा देकर विशेषज्ञ से अलग बनाती है। कुल मिलाकर देखा जाए, तो यह किताब एक संवेदनशील, जानकारीपूर्ण है, जो कि मातृत्व के सफर को बिल्कुल उसी गहराई से प्रस्तुत करता है, जैसे एक साथी करती है।
'क्या करें जब मां बने' किताब

यह एक विस्तृत और अत्यंत लोकप्रिय गर्भावस्था गाइड है, जिसे हेडी और शेरॉन मैजल ने लिखा है और इसे कुछ साल पहले ही हिंदी में अनुवादित किया है। यह पुस्तक गर्भधारण से लेकर प्रसव और प्रसवोत्तर तक गहराई से जानकारी देती है। इसमें प्रीनेटल स्क्रीनिंग, दवाओं की सुरक्षा, और नई बर्थिंग प्रथाओं के बारे में नवीनतम अपडेट शामिल हैं। सिर्फ़ गर्भवती के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चे के पिता को भी इसमें महत्वपूर्ण सलाह मिलती है, इस तरह यह दोनों को सहयोगी दृष्टिकोण प्रदान करती है। तकनीकी जानकारी के साथ ही साथ हल्के-फुल्के, उपयोगी टिप्स और थोड़ा हास्य भी शामिल है जिससे पढ़ना सहज और रुचिकर बनाता है। ज्ञात हो कि अगर आप गर्भवती हैं या बनने की योजना बना रही हैं, या एक मां के तौर पर कुछ चीजें समझना चाहती हैं, तो यह किताब आपके लिए मार्गदर्शन का काम करेगी।
'बिगनिंग ऑफ मदरहुड' डाॅ रोहित ढींगरा की किताब

यह किताब नयी मां के लिए मार्गदर्शिका के तौर पर नयी मां के लिए काम करती है, जो कि गर्भावस्था, प्रसव के हर पहलू को सरल और सुलभ तरीके से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक खासतौर से उन महिलाओं और उनके परिवारों के लिए हैं, जो प्राकृतिक प्रसव, मानसिक स्वास्थ्य का देखभाल को विस्तार से बताती है। इसमें आयुर्वेदिक दृष्टिकोण, मानसिक स्वास्थ्य और बच्चा होने के बाद एक महिला को किस तरह अपना ध्यान देना चाहिए, इस पर विस्तार से बात की गई है। यह पुस्तक न केवल माताओं के लिए, बल्कि उनके सहयोगियों के लिए भी उपयोगी है, क्योंकि इसमें पिता की भूमिका और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को भी उजागर किया गया है। जान लें कि यह किताब न केवल माताओं के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक उपयोगी किताब है
'ब्रेन रूल्स फॉर बेबी' किताब

जॉन मेडिना द्वारा लिखित किताब 'ब्रेन रूल्स फॉर बेबी' एक तरह से बच्चों की देखभाल को सही तरीके से आगे बढ़ता हुआ दिखाता है। यह पुस्तक एक तरह से आपके बच्चे के दिमाग के विकास को आकार देने से पहले पांच सालों की प्रमुख भूमिका का पता लगाती है। माता-पिता और बच्चे के बीच संवाद एक निजी मामला है। इसलिए चिंता न करें, यह आपकी सामान्य माता-पिता बनने की विधि वाली किताब नहीं है। यह हमारे बच्चों के साथ हमारे रिश्तों को समृद्ध बनाने के लिए एक व्यवहारिक मार्गदर्शिका है, जिसे दो माता-पिता ने ऐसा करने के फैसले पर आधारित निजी अनुभवों के आधार पर तैयार किया है। यह पुस्तक माता-पिता के सामान्य संघर्षों, क्रोध और भाई-बहन के बीच झगड़े की खोज करती है। देखा जाए, तो यह एक तरह से बेहद व्यापक शोध-समीक्षा पर आधारित, जिसमें वे ऐसी बातों की पहचान करते हैं, जो वास्तव में असर डालती हैं। यह किताब बताती है कि बच्चों को स्मार्ट बनाने वाली चीजें साधारण लेकिन प्रभावशाली होती हैं, जैसे कि बातचीत, प्यार और प्रकृति में खेलना । गौरतलब है कि यह किताब गर्भावस्था से लेकर पाँच साल तक, लचीलापन, भावना, भाषा, नैतिक विकास सहित 22 नियमों को पांच खंडों (प्रेगनेंसी, रिलेशनशिप, स्मार्ट बेबी, हैप्पी बेबी, मोरल बेबी) में विभाजित किया गया है । विदित हो कि यह एक विचारशील और वैज्ञानिक पेरेंटिंग गाइड है, जो माता-पिता को यह समझने में मदद करता है कि बच्चे का दिमाग कैसे विकसित होता है और किन बातों पर ध्यान देना जरूरी है।
लिज क्लिमो द्वारा लिखित किताब 'आप मां है'

यह एक हल्की-फुल्की दिल को छू लेने वाली किताब है। किताब विविध पशु पात्रों और उनकी माँओं की प्यारी, सरल और सुंदर चित्र-श्रृंखला प्रस्तुत करती है—“माx” की छोटी‑छोटी खुशियों, चुनौतियों और दिल से जुड़े क्षणों का उत्सव करता है। यह किताब खासतौर पर माताओं को समर्पित है, जो कि मां की भूमिका निभाने वाले सभी व्यक्तियों के लिए है। यह किताब न केवल माताओं के लिए बल्कि मां जैसी, यानी कि नानी, दादी, मौसी और बुआ को भी समर्पित है। यह किताब तकनीकी मार्गदर्शन नहीं देती—“कैसे पालन-पोषण करें” पर व्यावहारिक सुझाव कम और भावनात्मक मूल्यांकन अधिक है।
पेरेंटिंग के लिए 5 जरूरी किताबें

डॉ रामकृष्ण शर्मा द्वारा लिखित किताब बाल मनोविज्ञान बच्चों की मानसिकता, सीखने की प्रक्रिया,डर, जिद और गुस्सा आदि को समझने में मददगार है। इसके अलावा 'बच्चों से बात कैसे करें कि वे सुनें और कैसे सुने कि वे बोलें' इस किताब को भी पढ़ना चाहिए। यह किताब एक तरह से प्रभावशाली संवाद कौशल के लिए प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुस्तक का हिंदी संस्करण। यह किताब सिखाती है कि बच्चों से सहयोग कैसे प्राप्त करें, यह सिखाती है। इसके साथ वसंत बाळाजी आठवले द्वारा लिखित 'आदर्श अभिभावक कैसे बनें, एक प्रभावी किताब है। इस किताब में बच्चों में अनुशासन उनकी दिनचर्या के साथ उन्हें संस्कार देने पर गहराई से चर्चा करती है। डॉ डैन सिगल व टाइना पायने ब्रायसन द्वारा लिखित किताब 'संपूर्ण मस्तिष्क वाला बच्चा' भी बच्चों को समझने के लिए दिलचस्प किताब है। यह किताब मस्तिष्क विज्ञान पर आधारित है। इस किताब में बच्चों के गुस्से, डर और निर्णय क्षमता को बेहतर तरीके से समझाने और सुधारने के लिए है। आप यह सभी किताबें ऑनलाइन खरीद सकती हैं।