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होम / एन्गेज / साहित्य / किताब-घर

राहत इंदौरी की शायरी में झलकता है 'जीवन का आईना'

टीम Her Circle |  सितंबर 28, 2023

19 साल की उम्र से मुशायरों में व्यस्त रहने वाले राहत इंदौरी का वास्तविक नाम राहत कुरैशी था। राहत इंदौरी की शायरी में जीवन का आईना झलकता था, यही वजह रही है कि हर उम्र के लोगों के दिलों में उनकी शायरी दस्तक देती रही  है। तो आइए हम उनके चुनिंदा शायरी को पढ़कर जीवन को जीने का नया दृष्टिकोण अपनाते हैं। पेश है राहत इंदौरी की चुनिंदा लोकप्रिय शायरी।

1.

लोग हर मोड़ पर रुक-रुक करके संभलते क्यों हैं,

इतना डरते है तो घर से निकलते क्यों हैं।

2.

शाखों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम,

आंधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहें।

3.

एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तों,

दोस्ताना जिंदगी से मौत से यारी रखो।

कहीं अकेले में मिलकर झंझोड़ दूंगा उसे,

जहां-जहां से वो टूटा है जोड़ दूंगा उसे,

मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का, 

इरादा मैंने किया था कि छोड़ दूंगा उसे।

4.

जा के कह दो कोई शोलों से, चिंगारी से,

फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से,

बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के न लिए,

हमने ख़ैरात भी मांगी है तो ख़ुद्दारी से।

5.

प्यास तो अपनी सात समंदर जैसी थी,

ना हक हमने बारिश का अहसान लिया।

6.

नए किरदार आते जाते रहे हैं,

मगर नाटक पुराना चल रहा है।

7.

मजा चखा के ही माना हूं मैं भी दुनिया को,

समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे।

8.

रोज तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,

चांद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।

9.

कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,

कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं,

ये कैंचियां हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी,

के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।

10.

उम्मीद टूटी तो उम्मीद करना छोड़ दिया,

सपने टूटे तो सपने देखना छोड़ दिया,

जबसे दिल टूटा है, सांसे तो ले रहे हैं,

पर अब उन्होंने जीना छोड़ दिया।

11.

विश्वास बनके लोग जिंदगी में आते हैं,

ख़्वाब बन के आंखों में समा जाते हैं,

पहले यकीन दिलाते है कि वो हमारे हैं,

फिर न जाने क्यों बदल जाते हैं।

12.

कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग,

हमको तो जीने की भी उम्मीद नहीं।

13.

राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंजिलें,

रास्ते आवाज देते हैं सफर जारी रखो। 

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे,

जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।

 

 

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