हम अपने पर्यावरण को बचाते हुए अगर उसको अपना करियर ही बना लें, तो कितनी अच्छी बात हो जायेगी। अहमदाबाद की शिखा शाह ने कुछ ऐसा ही तो कर दिखाया है। आइए जानते हैं विस्तार से।
कौन हैं शिखा शाह

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शिखा शाह एक महिला एंथ्रोप्रेन्योर हैं, जिन्होंने अहमदाबाद में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर कचरे से खूबसूरत चीज बना कर निकाला है और वस्त्र परंपरा का अद्भुत संगम दर्शाया है। उन्होंने सस्टेनेब्लिटी को महत्व देते हुए कमाल किया है। उन्होंने सस्टेनेब्लिटी यानी स्थिरता के मानदंडों को नए सिरे से गढ़ा है और उनका स्टार्टअप ‘ऑल्टमैट’ (AltMat), कृषि अपशिष्टों के प्रति हमारे नजरिये को बदलने की कोशिश कर रहा है। कृषि अवशेषों को अगर फेंकने या जलाने की बात की जाए, तो उन्हें प्राकृतिक रेशों में बदला जा रहा है जो फैशन उद्योग को ऊर्जा प्रदान करने की क्षमता रखते हैं। दरअसल, 2018 में स्थापित, ऑल्टमैट, प्रदूषण से निपटने और टिकाऊ सामग्री बनाने की एक कोशिश है।
सस्टेनेबल फाइबर है जरूरी
अगर बात की जाते, तो भारत में हर साल लाखों टन कृषि अपशिष्ट उत्पन्न होता है, खासतौर से अनानास के पत्तों, भांग के डंठलों और केले के तनों को जलाना या सड़ने देना पर्यावरण के लिए हानिकारक है, ऐसे में शिखा को यह बात समझ आई कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए और शिखा ने इस अप्रयुक्त संसाधन में एक शानदार अवसर देखा। फिर उन्होंने ‘ऑल्टमैट’ की मदद से इन अपशिष्ट पदार्थों को उपयोगी रेशों में बदलने का एक तरीका खोजा। इन प्राकृतिक रेशों का उपयोग फैशन और कपड़ा उद्योग कृत्रिम रेशों के विकल्प के रूप में एक हरित या पर्यावरण-अनुकूल विकल्प के रूप में कर सकते हैं।
सस्टेनेबल फैशन को बढ़ावा
शिखा अपने इस स्टार्टअप से यह करने की कोशिश कर रही हैं कि वह सस्टेनेबल फैशन को बढ़ावा देने की लगातार कोशिश करती रहती हैं। प्रदूषण के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक फैशन उद्योग है। इसकी गतिविधियों का पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप सूक्ष्म प्लास्टिक और पानी का अत्यधिक उपयोग होता है। ‘ऑल्टमैट’ इन सबका एक समाधान है। ‘ऑल्टमैट’ सिंथेटिक रेशों के बजाय प्राकृतिक रेशों का उपयोग करके उद्योग के कार्बन उत्सर्जन को कम करता है। डिज़ाइनर और निर्माता अब गुणवत्ता या रचनात्मकता से समझौता किए बिना पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बना सकते हैं। शिखा फैशन व्यवसाय को एक शानदार और सुरक्षित स्थान देने की कोशिश कर रही हैं।
क्यों बेस्ट है 'ऑल्टमैट'

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दरअसल, ऑल्टमैट के रेशे न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि बहुउद्देशीय भी हैं। और फैशन के अलावा, इनका उपयोग एक्सेसरीज और इंटीरियर डिजाइन सहित कई अन्य क्षेत्रों में भी किया जा रहा है। साथ ही सुचारू एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए, कंपनी निर्माताओं और डिजाइनरों के साथ मिलकर काम करती है।
शिखा की टीम का लक्ष्य ऐसी सामग्री तैयार करना है, जो व्यावहारिक और टिकाऊ दोनों हों।
किसानों की है भूमिका
यह प्रक्रिया किसानों से प्राप्त कृषि अपशिष्टों से शुरू होती है। इन सामग्रियों को रेशे निकालने के लिए साफ, उपचारित और संसाधित किया जाता है। शिखा की टीम यह सुनिश्चित करती है कि पूरी प्रक्रिया में कम से कम पानी और ऊर्जा का उपयोग हो, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल बनी रहे। फिर इन रेशों का उपयोग ऐसे कपड़े बनाने के लिए किया जाता है, जो सांस लेने योग्य, टिकाऊ और बहुमुखी हों। गौरतलब है कि यह व्यवसाय किसानों से कृषि अपशिष्ट खरीदकर, उन्हें आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करता है। इस व्यवस्था से ग्रामीण समुदायों और पर्यावरण, दोनों को ही बराबर का लाभ मिल रहा है और यह दर्शाता है कि कैसे कंपनियां ऐसे समाधान विकसित कर सकती हैं, जो लोगों और पर्यावरण, दोनों के लिए लाभकारी हों। दरअसल, ‘ऑल्टमैट’ आजीविका और स्थिरता को जोड़ने में मदद करता है।
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