हमें इस बात का एहसास भी नहीं होता है, लेकिन हमारे इर्द-गिर्द ऐसी कई चीजें हैं, जो फैशनबल हैं और हमने उसे हमारे ग्रामीण इलाकों से लिया है। आइए ऐसी कुछ फैशनेबल चीजों के बारे में विस्तार से जानें।
फुलकारी दुपट्टे

फुलकारी दुपट्टे काफी पसंद किया जाता है और ओढ़ा जाता है, इसे पंजाब की शान माना जाता है और इन्हें बेहद शौक से ओढ़ा जाता है। ऐसे में इनकी खासियत यही होती है कि यह काफी पसंद किया जाता है और हर तरह के सलवार और सूट पर इन्हें पहनना आसान होता है। यह हमारे पंजाब की ग्रामीण इलाकों के कलाकारों की देन है और इसे पूरी दुनिया और विदेशों में भी लोग शौक से ओढ़ते हैं। फुलकारी दुपट्टा, पंजाब की एक प्रसिद्ध कढ़ाई है, जो फूलों की कलाकारी के लिए जानी जाती है। फुलकारी शब्द फूल और कारी से बना है, जिसका अर्थ होता है फूलों का काम और यह एक पारंपरिक कढ़ाई है, जिसमें कपड़े पर जटिल फूल, प्राकृतिक रूपांकनों को उकेरा जाता है। इन्हें बेहद खास अवसरों पर ओढ़ा भी जाता है। तो फुलकारी के मुख्य प्रकारों में बाग और चोप शामिल हैं। बाग फुलकारी को फूलों का बगीचा कहा जाता है और इसे पंजाबी परिवारों में स्टेटस सिंबल माना जाता है। वहीं चोप एक और पारंपरिक फुलकारी है।
लॉन्ग स्कर्ट

हम अमूमन कई बार लांग स्कर्ट्स पहनते हैं और खासतौर से ट्रेडिशनल लांग स्कर्ट्स काफी पसंद से पहने जाते हैं। ऐसे में आपको बता दें कि यह भी लिया गया है ट्रेडिशनल जीवन से ही और ग्रामीण इलाकों से ही लिया गया है। इसलिए काफी पसंद भी किया जाता रहा है। इसलिए आपने देखा होगा, आजकल मेहंदी के फंक्शन में भी शौक से लड़कियां और हल्दी फंक्शन में भी शौक से पहना जा रहा है।
ट्रेडिशनल ज्वेलरी

ऑक्सीडाइज्ड ज्वेलरी से लेकर ऐसी कई ज्वेलरीज हैं, जो पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश से लिए गए हैं और इसलिए इन्हें काफी पसंद भी किया जा रहा है, लोग इन्हें पसंद कर रहे हैं और काफी एन्जॉय भी कर रहे हैं। तो हमारा यह कहना है कि ग्रामीण इलाकों को कमतर नहीं आंका जा सकता है। इन्हें कई मॉडल्स, स्टार्स, फैशन डिजाइनर्स अपने मॉडल्स को रैम्प पर भी पहनाते हैं, खासतौर से राजस्थान की ज्वेलरीज और हेड बो बेहद लोकप्रिय हैं।
मिरर एम्ब्रोडरी

मिरर एम्ब्रोडरी भी काफी लोकप्रिय हैं और इन्हें बेहद शौक से पहना जाता है, इनका काम आजकल बड़े डिजाइनर्स अपने कपड़ों पर और लेबल पर उतार रहे हैं, फिर चाहे वो कोट्स हों, श्रग्स, साड़ी या फिर दुपट्टे। गौरतलब है कि ये ट्रेडिशन भी पूरी तरह से गुजरात के ग्रामीण इलाकों से प्रभावित और इंस्पायर हैं। इसलिए बेहद पसंद भी किये जाते हैं और कई एग्जीबिशंस में इन्हें पसंद किया जा रहा है।
साड़ियां
अगर बात साड़ियों की की जाए, तो पूरे भारत में ऐसी कई साड़ियां हैं, जो ग्रामीण परिवेश से या तो प्रभावित है या फिर वहां के ट्रेडिशन से ली गयी है। जैसे मधुबनी पेंटिंग्स की गई साड़ियां पूरी तरह से मधुबनी से प्रभावित हैं, फिर अगर मिथिला पेंटिंग्स, इकट पेंटिंग्स की बात की जाये और बंगाल की साड़ियों की बात की जाए तो इन साड़ियों ने फैशनेबल दुनिया में अपनी पैठ जमा रखी है।