फैशन कितना भी बदलते रहे, हर दिन नए-नए लुक और स्टाइल आ जाएं, लेकिन कुछ फैशन स्टाइल हैं, जो कभी भी नहीं बदलते हैं और न ही कभी बदलेंगे, जिन्हें हमने अपनी दादी-नानी से लिया है और तब से वे चले ही आ रहे हैं और हर बार नए ट्रेंड के रूप में हमारे सामने होते हैं।
स्टाइलिंग

हम भले ही कितना भी आगे बढ़ जाएं, लेकिन कुछ स्टाइलिंग टेक्निक्स होते हैं, जिन्हें कभी भी कमतर नहीं आंका जा सकता कि अरे ! ये स्टाइल तो दादी-नानी के जमाने का है, हम इसे करेंगे तो ओल्ड फैशन लगेंगे, इसलिए बेहतर है कि स्टाइलिंग भी हम अपनी दादी-नानी से लें। तो दादी-नानी किस तरह के कपड़े पहनती हैं, किस तरह से वे स्टाइलिंग करती थीं, तो हमें उन टेक्निक्स को अपने आप पर लागू करने की कोशिश होनी चाहिए। जैसे साड़ियों में पैंट्स के साथ पहनना कोई बड़ी और नयी बात नहीं है, काफी पुराने दौर से इस स्टाइल को अपनाया जा रहा है।
विंटेज साड़ियां

बात ट्रेडिशन की हो या परंपराओं की और अपनी दादी-नानी की, एक चीज है जो हर महिला या लड़की अपने बड़े-बुजुर्गों से लेना चाहती हैं, वह है विंटेज साड़ियां। साड़ियां ऐसी चीज है, जो कई सालों से हमारे घर में नानी और दादी पहनती हैं और फिर उन्हें सहेज कर रखती हैं कि उनकी अगली जेनरेशन पहनेंगी, खासतौर से सिल्क और बनारसी साड़ियों की यह खूबी होती है, तो ऐसी साड़ियों को हम विंटेज साड़ियां कहते हैं और ये साड़ियां कभी भी आउट ऑफ फैशन नहीं होती हैं। लड़कियां उन्हें टॉप्स के साथ फिर से बार-बार स्टाइल करके पहनना पसंद करती हैं। कांजीवरम और बनारसी साड़ियां उनमें से हैं, जिन्हें कोई भी रिप्लेस नहीं कर सकता है। साथ ही साथ रेशम और कपास यानी सिल्क और कॉटन जैसी पारंपरिक भारतीय कपड़ों की बनावट और गुणवत्ता की परख भी हमें अपने पूर्वजों से ही लेनी चाहिए और फैशन की प्रेरणा के बारे में सोचना चाहिए।
हेरलूम ज्वेलरी

एक और चीज, जो हमें दादी-नानी की सहेज कर रखनी चाहिए और कभी नहीं बेचनी चाहिए, वह है हेरलूम ज्वेलरी। इन ज्वेलरीज की खास बात यही होती है कि यह बेहद खूबसूरत होती हैं और इनकी चमक कभी भी किसी लिहाज से कम नहीं होती हैं। बहुमूल्य पत्थर, सॉफ्ट गोल्ड और परिवार के आभूषण बक्सों से रखे शानदार डिजाइन कभी पुराने नहीं होते हैं और इन्हें शानदार तरीके से अपने खास मौके पर आप पहन सकती हैं, आपको बस चाहिए कि इनका ध्यान आप रखें और रख-रखाव का ध्यान रखें। साथ ही साथ घड़ियों को भी कभी ओल्ड नहीं समझना चाहिए, हमेशा उन्हें संभाल कर रखना चाहिए। रेट्रो ज्वेलरीज को भी हमेशा सहेज कर फिर से इस्तेमाल करना चाहिए।
सदाबाहर दुपट्टा
दुपट्टा ओढ़ने की अगर आप शौकीन हैं, तो आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए कि दुपट्टे कभी भी पुराने नहीं होते हैं। दादी-नानी के पास रखे दुपट्टे भी आपको हमेशा सहेज कर रखना चाहिए। फिर चाहे वह फुलकारी दुपट्टे हों या फिर रंगीन फुलकारी चुन्नी, इन सबको आप अपने सूट के साथ पहन सकती हैं, साथ ही चिकनकारी या क्लासिक कढ़ाई वाले दुपट्टों को भी अपनी दादी-नानी से लेना ही चाहिए।
ब्लाउज

दादी मां या नानी मां की यह खूबियां होती हैं कि वे हर चीज में परफेक्शन ढूंढने की कोशिश करती हैं, ऐसे में ब्लाउज वे एक से बढ़ कर एक बनवाती रहती हैं, तो ब्लाउज भी उनके सहेज रखना चाहिए और अपने पास उन्हें जब भी जरूरत हो इस्तेमाल में लाना चाहिए।