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होम / एन्गेज / संस्कृति / पॉप-कल्चर

जाने कहां गए वो ‘रविवार’ वाले दिन !! रखें बरकरार रविवार वाली जज्बात, बनाएं अपनों से बात

अनुप्रिया वर्मा |  सितंबर 30, 2025

पांच से छह दिन की भागदौड़ के बाद जब रविवार का दिन आता है, तो हम इसी कोशिश में रहते हैं कि किसी तरह से अपने हफ्ते के बचे कामों को कर लें और फिर चुटकी बजाते रविवार का दिन खत्म हो जाता है। लेकिन एक जमाने में रविवार सिर्फ एक दिन, बल्कि इमोशन हुआ करता था, जब पूरा परिवार एक साथ मिल कर कई दिलचस्प चीजें किया करता है। ऐसे में जबकि अब सोशल मीडिया काफी हावी है, फिर भी रविवार की वो पुरानी वाली फीलिंग का बरक़रार रहना बेहद जरूरी है। तो आइए जानें इसके बारे में विस्तार से कि क्यों रविवार का दिन मनाने की परंपरा जरूरी है। 

मिलता है अपनों का साथ 

हफ्ते में एक दिन ऐसा होना बेहद जरूरी है, जब सभी अपने एक साथ मिल कर खाना खाएं, साथ घूमें-फिरें क्योंकि एक दूसरे के साथ वक़्त बिताने का यही एक दिन होता है, जो लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है और रिश्तों में गरमाहट बनी रहती है, साथ ही एक दूसरे की पसंद या नापसंद के बारे में भी जानकारी मिलती है और फिर आप यह भी समझ पाते हैं कि एक दूसरे के जीवन में क्या गतिविधि चल रही है। 

मोबाइल से रहें कोसों दूर 

रविवार की संस्कृति को बरक़रार रखने के लिए बेहद जरूरी है कि आप इस एक दिन सोशल मीडिया या मोबाइल से दूर रहें। यह जरूरी नहीं कि उस दिन आप आपने परिवार के साथ समय कैसे बिताया है, इसका पूरा लेखा-झोखा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाए। इस एक दिन इंसानी जज्बात को जीना सबसे बेहतर होगा, फिर चाहे आपके कुछ कॉल्स मिस भी हो जाएं, तो दूसरे दिन उनसे बात कर लीजिए। 

स्पेशल नाश्ता 

संडे या रविवार का पूरा दिन सोकर गुजारने की बजाय अगर उस दिन कुछ अच्छा स्पेशल नाश्ता आप करेंगी अपने परिवार के साथ, तो इससे अच्छा स्ट्रेस बस्टर कुछ नहीं होगा। इस दिन परिवार के सभी लोग साथ मिल कर खाएं, पिएं। गप्पे लड़ाएं, जरूरी नहीं कि जरूरी बातें ही हों, बेमतलब की बातें भी हमेशा अच्छी होती है और कुछ नया ही आकार ले लेती हैं। सो, कोशिश करें कि बातें हों। 

शाम की फिल्म 

किसी दौर में जब केवल दूरदर्शन हुआ करता था, उस वक़्त सभी मिल कर शाम की फिल्में देखा करते थे। कुछ वैसा ही सिलसिला अब भी बरक़रार रखा जा सकता है, सबकी रजामंदी से कोई फिल्म या सीरीज सभी मिल कर देखें, हल्के-फुल्के स्नैक्स के साथ यह पूरे परिवार में एक अलग ही बॉन्डिंग बनाने का नायाब तरीका हो सकता है। 

हॉबी को पूरा करने का दिन 

एक खास बात, जो हर किसी को ध्यान में रखनी चाहिए कि चाहे जो हो जाए, रविवार के दिन काम की न करें, आपको इस एक दिन में ऐसी चीजें करनी चाहिए, ताकि आपकी हॉबी पूरी हो सके, आप अपनी क्रिएटिविटी को दर्शाएं और सिर्फ अपनी क्रिएटिविटी नहीं, आपके परिवार में भी अगर कोई क्रिएटिव हैं, तो उन्हें भी इस दिन कम से कम इस पर अपना वक़्त देने को कहें, इससे वह एक दिन अपनी जिंदगी अपने तरीके से तो जी पाएंगे। 

नियमित बोरिंग जिंदगी से इतर कुछ नया 

रविवार का दिन इस लिहाज से भी अच्छा और अलग बनाया जा सकता है कि इस दिन आप वे चीजें तो हरगिज न करें, जो आप हर दिन करते हैं, इससे आपकी एकरसता खत्म होगी और आप कुछ नया सोच पाएंगी, दरअसल, यह जरूरी है कि आपकी जिंदगी से एकरसता जाए, तभी कुछ नयापन आ पायेगा, तो यह कोशिश जरूर करनी चाहिए। 

गेम्स खेलें

यह दिन इस लिहाज से भी खास हो सकता है कि आप अपनी सेहत पर भी इस एक दिन काफी ध्यान दे सकती हैं, चाहें तो अपने परिवार वालों के साथ जाएं और कोई गेम्स खेलें, कोशिश करें कुछ आउटडोर गेम्स आपके संडे के दिन जरूर खेले जाएं, ताकि आप अपने आस-पास के लोगों से मिल पाएं। कुछ नहीं तो परिवार के सदस्यों के साथ मिल कर साइक्लिंग भी कर सकती हैं, क्रिकेट, बैडमिंटन भी खेले जा सकते हैं।

 

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