तुलसी का नाम जब भी मनोरंजन के क्षेत्र के संदर्भ में आता है, तो जेहन में एक शो का ही नाम आता है, जिसमें तुलसी मुख्य किरदार में रहीं, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा विलेज यानी गांव है, जिसका नाम तुलसी है और यह अलग तरह से दुनिया को मनोरंजन दे रहे हैं। यहां अधिकतर लोग यूट्यूबर्स हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
कहां है तुलसी गांव

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तुलसी गांव छत्तीसगढ़ के रायपुर के पास स्थित एक गांव है। और यह सच है कि इस गांव को "यूट्यूब गांव" के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहां के लगभग हर घर में यूट्यूब चैनल है और लोग कॉन्टेंट बनाकर जम कर ऑनलाइन कमाई कर रहे हैं।
कैसे बनें लोग यूट्यूबर

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दरअसल, तुलसी गांव में, लगभग हर चौथा व्यक्ति एक यूट्यूब कॉन्टेंट क्रिएटर है। आपको जानकर पूरी तरह से हैरानी होगी कि इस गांव में 1100 से ज्यादा यूट्यूब चैनल हैं। यहां न सिर्फ युवा, बल्कि बच्चे और बुजुर्ग सभी यूट्यूब पर कॉन्टेंट बनाते हैं। आपके लिए यह भी जानने योग्य बात होगी कि कई लोग इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं और दूसरों को भी इसे आय का स्रोत बनाने की राय दे रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि गांव में यूट्यूब पर वीडियो बनाने की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी और इसकी शुरुआत दो स्थानीय लोगों ने कर दी थी, इसकी खूबी यह थी कि यह केवल एक मनोरंजन का जरिया था, लेकिन बाद में इसे आय का स्रोत बनाया गया और गांव के कई लोगों को इससे जोड़ने का काम किया गया। अच्छी बात यह रही कि इस गांव के लोगों ने इस प्लेटफॉर्म के महत्व को समझा और इससे जुड़ गए और उन्होंने अपने-अपने चैनल बना लिये। आज पूरे भारत में इस गांव को यूट्यूब गांव के नाम से जाना जाता है। खास बात यह है कि युवाओं के साथ कई महिलाओं को भी सामजिक जागरूकता फैलाने के लिए और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए इस जगह का चुनाव किया। इस काम में उन्हें जिला प्रशासन की भी मदद मिली और उन्हें आधुनिक स्टूडियो का रूप दिया। अच्छी बात यह है कि और अन्य गांवों में भी ऐसे स्टूडियो को स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
छह हजार की आबादी में 1100 यूट्यूबर

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यह जानना बेहद रोचक है कि इस गांव में, जहां की आबादी छह हजार की है, वहां 1100 से अधिक यूट्यूबर हैं। यानी लगभग हर एक घर में एक यूट्यूबर हैं ही। ये यूट्यूबर नाचते, गाते हैं और एक्टिंग भी करते हैं। ब्लॉगिंग भी करते हैं। इससे उनकी फैन फॉलोइंग बढ़ी है और लोगों को यह बात सबसे ज्यादा आकर्षित करती है कि लोग गांव से इतने अच्छे कॉन्टेंट बना रहे। इससे जुड़े कॉन्टेंट क्रियेटर इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि उनके चैनल में किसी भी तरह के अश्लील कॉन्टेंट या आपत्तिजनक कॉन्टेंट न जाएं।
सोच को बदला
इस गांव ने पूरी तरह से इस बात को बदल दिया है कि गांव के लोग तकनीकी क्षेत्र में स्ट्रांग नहीं हो सकते। यहां के लोगों ने सीमित संसाधन में कमाल करके दिखाया है, वे खुद शूट करने से लेकर एडिटिंग का सारा काम खुद करते हैं। इन्होंने हमर फ्लेक्स नाम का स्टूडियो बनाया है, जहां पोस्ट प्रोडक्शन का काम होता है।
महिलाएं भी हो रही हैं शामिल
इस गांव के इस कमाल की खूबी यह है कि महिलाओं ने भी इस माध्यम से अपनी हिचक को तोड़ा है और वे इसमें कभी खुद क्रियेटर तो कभी जो भी विषय होते हैं, उनमें अपनी भागीदारी निभाती हैं और इस कमाल की चीज के साथ जुड़ कर खुशियां फैला रही हैं और खुद अपने लिए एक स्पेस बना रही हैं, जो स्पेस उन्हें लम्बे समय से नहीं मिल पा रहा था, अब उनकी भी अपनी पहचान बन गई है, जिससे वह काफी खुश हैं।