पैसों की ज़रूरत भला किसे नहीं होती? हम सभी यही चाहते हैं कि लोन लेने की ज़रूरत न पड़े लेकिन सच तो ये है कि ज़िंदगी में कई बार ऐसे मौक़े, ऐसी ज़रूरतें और कभी इमरजेंसी आ ही जाती है कि हमको लोन के अलावा कोई और विकल्प नहीं मिलता. ऐसे में बात पर्सनल लोन की हो तो कई लोग इसे लेना प्रिफ़र करते हैं, क्योंकि इसे लेना आसान है और ये जल्दी मिल भी जाता है, लेकिन बावजूद इसके अधिकांश लोग इसे लेने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि उनको इसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती. क्या आप भी ऐसे ही लोगों में से हैं जिनको पर्सनल लोन से जुड़े सभी फायदों और नुक़सान के बारे में पता नहीं है?
इस संदर्भ में हमें अधिक जानकारी दे रहे हैं फायनेंस एक्स्पर्ट पंकज सोनी…
फायदे
1. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये आपको आसानी से मिल जाता है. इसके लिए कोई सिक्योरिटी नहीं देनी पड़ती. आपकी इनकम, क्रेडिट स्कोर और रिपेमेंट की क्षमता को देखकर कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था आपको आसानी से पर्सनल लोन दे देती है,
2. आपको इसमें बैंक को ये नहीं बताना होता है कि आप इसे क्यों ले रहे हैं और इसे कहां खर्च करेंगे, जैसे कि अन्य लोन में होता है, होम लोन या कार लोन में इस्तेमाल को लेकर प्रतिबंध होते हैं, लेकिन पर्सनल लोन को आप किसी भी काम में यूज़ कर सकते हैं. चाहे हॉलिडे के लिए जाना हो, ज्वेलरी ख़रीदनी हो, शॉपिंग, शादी, इंटिरियर या बच्चों की एजुकेशन हो आप इसे जहां मर्ज़ी खर्च कर सकते हैं.
3. इसकी फ्लेक्सिबल अवधि इसे फ़ेवरेट बनाती है. इसके पुनर्भुगतान की अवधि 12 से 60 महीनों तक होती है. आप अपनी सहूलियत व ज़रूरत के अनुसार अवधि निर्धारित करके चुन सकते हैं.
4. इसमें बहुत कम पेपर वर्क की ज़रूरत पड़ती है. सिर्फ़ बैंक स्टेटमेंट और बेसिक डॉक्युमेंट्स जो केवायसी में यूज़ होते हैं.
5. इसमें आपको टैक्स में छूट भी मिलती है.
6. वैसे तो हर बैंक की अलग-अलग ब्याज दर होती है, लेकिन इन दिनों कॉम्पटिशन के चलते ब्याज दरों को काफ़ी आकर्षक रखा जाता है.
7. डायरेक्ट और फ़ास्ट पैसे मिलते हैं जिससे एमर्जेंसी की स्थिति में आपको काफ़ी मदद मिल जाती है.
8. बड़ी रक़म कम समय में मिलने के कारण ये बेहद पॉप्युलर हैं.
नुक़सान
इसलिए प्रॉसेसिंग फ़ीस बहुत हाई होती हैं.
अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो आपको पर्सनल लोन नहीं मिलेगा.
बिना इंकम प्रूफ़ के पर्सनल लोन नहीं मिलेगा.
पर्सनल लोन की ब्याज दर अन्य लोन के मुक़ाबले अधिक होती है.
इसमें आपको प्री पेमेंट चार्ज भी भरना होता है.
पर्सनल लोन की बजाय अगर आप गोल्ड या प्रॉपर्टी पर लोन लेते हैं तो आप ऊपर बताए तमाम नुक़सानों से बच सकते हैं.
सावधानियां
पर्सनल लोन ज़्यादा से ज़्यादा लाभदायक हो और आपको इसका नुक़सान न उठाना पड़े उसके लिए ज़रूरी सावधानियां बर
हर बैंक का इंटरेस्ट रेट अलग-अलग होता है इसलिए पहले ठीक से पता कर लें इस बारे में.
जल्दबाज़ी में कहीं आप फंस न जाएं. हर बैंक अलग-अलग ब्याज दर पर लोन देता है. कुछ बैंकों में ब्याज दर फ़िक्स होती है, वहीं कुछ बैंक रेड्यूसिंग बैलेंस पर ब्याज़ देते हैं. इसकी जानकारी हासिल करें.
बेहतर होगा अपने रेग्युलर बैंक से ही लोन लें क्योंकि वो भी आपको प्राथमिकता देंगे और कोऑपरेट करेंगे.
अगर आप अन्य बैंक या फ़ांयनेंशियल इंस्टिटयूट से लोन लेना चाहते हैं वहां के नियम और लोन प्रोसीजर को अच्छीतरह समझ लें.
हो सके तो एप्लीकेशन फ़ॉर्म को घर ले जाकर उसमें दिए गए सारे कॉलम व जानकारियां अच्छी तरह पढ़ें और पूरी तसल्ली कर लेने के बाद ही प्रोसीजर आगे बढ़ाएं.
लोन लेते समय तय कर लें कि आप फ़िक्स्ड रेट पर लोन लेना चाहते हैं या फ्लोटिंग रेट पर.
अपनी आय को देखते हुए ईएमआई की जानकारी ही हासिल कर लें. लोन चुकाने की अवधि से लेकर बाक़ी तमाम चीज़ें आपको पता होनी चाहिए वरना आगे चलकर आपका बजट बिगड़ सकता है.
स़िर्फ बैंक वालों की बातों पर आंख मूंदकर भरोसा करने की बजाय सारे टर्म्स और कंडीशन्स समझने के बाद ही लोन पेपर पर साइन करें.
पर्सनल लोन के लिए बैंक प्रोसेसिंग फ़ीस के बारे में जानकारी हासिल कर लें. इसके अलावा समय से पहले लोन भरने पर लगने वाले पेनल्टी चार्ज के बारे में भी पता कर लें. प्री क्लोजर चार्जेस व डॉक्यूमेंटेशन चार्जेस के बारे में भी जानकारी लेना काफी जरूरी होता है. सिर्फ़ ईएम आई और ब्याज दर ही नहीं ये सब भी ज़रूरी है.
अंत में ये भी ध्यान रहे कि उतना ही लोन लें जितने की ज़रूरत हो और जिसको आप आसानी से चुका सकें, वरना कई लोग ये सोचते हैं कि आसानी से लोन मिल रहा है तो ज़्यादा ले लेते हैं, लेकिन ये न भूलें कि जितना लेंगे उससे कई गुना चुकाना भी पड़ेगा.