यह एक अच्छे संकेत हैं कि महिलाएं केवल अब इन्वेस्ट यानी निवेश करने में सिग्नेचर करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बैकसीट से वह आगे आ चुकी हैं और महिला इंवेस्टर्स यानी महिला निवेशकों की संख्या बढ़ चुकी है, आइए जानें इसके बारे में विस्तार से।
क्या कहते हैं आंकड़े

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में महिलाओं की भागीदारी विभिन्न राज्यों में बढ़ रही है, हालांकि युवा निवेशकों की संख्या में कुछ कमी आई है। लेकिन लगातार कुछ सालों में यह संख्या बढ़ेगी, क्योंकि महिलाएं लगातार इस क्षेत्र में करियर बनाने और संवारने की कोशिशों में जुट गई हैं।
क्या हो सकते हैं विकल्प
आपको बता दें कि महिला निवेशक के लिए करियर के कई रास्ते हैं, इनमें वित्त प्रबंधन, वित्तीय विश्लेषण, निवेश बैंकिंग, रियल एस्टेट, ट्रेडिंग और वित्तीय शिक्षा जैसे भी कई विकल्प शामिल हैं, यह किसी भी कॉर्पोरेट क्षेत्र में एक सफल वित्तीय सलाहकार या निवेश प्रबंधक के रूप में करियर बनाने के लिए खास है। साथ ही आप चाहें तो आप अपनी खुद की वित्तीय फर्म की स्थापना भी कर सकती हैं और यह भी आपके लिए एक खास बात हो जाएगी। दरअसल, महिलाओं के पास करियर के विभिन्न स्तरों पर सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल होते हैं, जिससे वे अलग तरीके से इस्तेमाल करके अपनी एक खास पहचान बनाने में कामयाब हो जाती हैं।
एक महिला निवेश यात्रा कैसे शुरू करें
ऐसे भी माना जाता है कि महिलाएं निवेश के मामले में कमाल होती हैं, वह छोटी और स्थिर शुरुआत करने में भी यकीन रखती हैं और कमाल की बात यह है कि एक समझदारी भरा तरीका है। इसलिए छोटी से छोटी बचत भी आगे चल कर कमाल का काम करती है, दरअसल, जो लोग नए हैं और अस्थिरता से असहज हैं, उनके लिए सबसे प्रभावी विकल्पों में से एक है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP), जो आपके वेतन से हर महीने एक निश्चित राशि अपने आप काट लेता है। इसलिए एक महिला को कम से कम अपने पास एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान रखना ही चाहिए। यह भी हकीकत है कि धैर्य और निरंतरता, जोखिम के प्रति जागरूकता, भावनात्मक अनुशासन आदि जैसे गुण महिलाओं को बेहतरीन निवेशक बना सकते हैं। एक महिला के रूप में वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए आप स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना, बजट बनाना, आपातकालीन निधि बनाना, समय से पहले निवेश करना आदि जैसी रणनीतियों का उपयोग कर सकती हैं।
सक्रिय रहना है जरूरी

जी हां,हर एक्सपर्ट्स इस बात को मानते हैं कि हर एक महिला, जब निवेश करती हैं, तो उनका सतर्क रहना जरूरी होता है और इसे विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे एक जरूरत के रूप में देखा जाना चाहिए, क्योंकि अगर बात आंकड़ों की होगी, तो आंकड़ों का मानना है कि महिलाओं की जीवन प्रत्याशा लंबी होती है। साथ ही, कभी कोई अनहोनी हो जाए, जैसे पति की मृत्यु की स्थिति में भी पूरी वित्तीय जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ सकती है। इसलिए जरूरी है कि वह सजग रहें और पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सजग रहना ज्यादा जरूरी है और साथ ही अपने निवेश के मामले में भी उनका रूढ़िवादी होना फायदेमंद साबित होता है। इसलिए उन्हें हमेशा अधिक निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए और साथ ही जल्दी शुरुआत करके, वे चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति का लाभ उठा सकती हैं। यह भी गौरतलब है कि अक्सर महिलाएं जब कमाती हैं, तो वे खर्च से पहले बचत के बारे में भी सोच लेती हैं, इसलिए निवेश शुरू करना जरूरी है, ताकि उनका पैसा बैंक खाते में बेकार न पड़ा रहे।
क्या तरीके अपनाएं
एक बात जो जरूर समझने की कोशिश करनी पैसे बचाना यानी बचत करना बेहद जरूरी है। और इसकी शुरुआत आपके घर से ही होती है, और इसलिए आपको अपने बच्चों को बचपन से ही पैसे का समझदारी से प्रबंधन करना आ जाए, यह सिखाएं, फिर चाहे आपकी बेटी हों या बेटियां। जबकि युवा कमाने वाली महिलाओं के लिए, अपनी पहली तनख्वाह मिलने के दिन से ही निवेश करना शुरू कर दें। यही नहीं पैसे के संबंध में अपनी मूल्य प्रणाली के प्रति सचेत रहना भी जरूरी है और यह जान लें कि आपके वित्तीय नियोजन का प्रयास सीधे आपके परिवार की बेहतरी के लिए ही होता है। वहीं पैसों के मामलों और वित्तीय लक्ष्यों पर अपने पति के साथ बातचीत शुरू करना जरूरी है। यह भी जरूरी है कि कोई भी जो महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय है, उसे मिल कर ही लेना जरूरी है। हर महीने वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय जानकारी के लिए समय निकालें।
कैसे बन सकती हैं प्रोफेशनल इंवेस्टमेंट ब्रोकर

तो करियर के रूप में भी महिला निवेशिका अब स्टॉक ब्रोकर बनने में गुरेज नहीं कर रही हैं। आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि एक महिला निवेश ब्रोकर बनने के लिए क्या-क्या चीजें आपको करनी होगी, इसके लिए सबसे पहले आपको वित्त या संबंधित क्षेत्र में स्नातक की डिग्री हासिल करनी जरूरी है और फिर SEBI द्वारा निर्धारित आवश्यक परीक्षाएं पास करनी भी जरूरी होंगी और ब्रोकर का लाइसेंस प्राप्त करना भी होगा, साथ ही साथ आपको निवेश उत्पादों और बाजारों की गहन जानकारी होनी चाहिए, और ग्राहकों के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए विश्लेषणात्मक और पारस्परिक कौशल विकसित करने होंगे। वहीं अगर स्नातक डिग्री की बात करें तो वित्तीय बाजारों की गहन समझ के लिए वित्त, अर्थशास्त्र या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करना बेहद जरूरी होगा। और अगर कॉलेज के दौरान इंटर्नशिप या पार्ट-टाइम काम की बात करें, तो वित्तीय उद्योग में अनुभव प्राप्त करना भी जरूरी है और एक बेहद महत्वपूर्ण जानकारी, जो आपको होनी चाहिए कि सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा आयोजित की जाने वाली ब्रोकर परीक्षा पास करनी होती है। साथ ही आपमें वित्तीय डेटा का विश्लेषण करने और निवेश से जुड़े जोखिमों का मूल्यांकन करने की क्षमता होनी चाहिए और साथ ही साथ ग्राहकों के साथ विश्वास बनाना और उनकी वित्तीय जरूरतों को समझने का हुनर भी आना ही चाहिए। इसलिए कोशिश होनी चाहिए कि इस तरह की तैयारी आप जरूर करें और इस काम में अगर आपका पैशन है, तभी आपको यह काम करने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि यह काम समय मांगता है।