सिंगल मदर होना यानी कि बच्चे के पालन-पोषण बिना किसी सपोर्ट के खुद करना आसान नहीं होता। सिंगल मदर के लिए इस दौरान कई सारी आर्थिक समस्याएं आती हैं और फाइनेंशियल प्लानिंग भी करनी होती है। ऐसे में सिंगल मदर के लिए अपनी ओर बच्चों के लिए एक मजबूत फाइनेंशियल प्लानिंग करना बहुत जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई भी संकट आए, तो आप उससे निपट सकें। आइए जानते हैं विस्तार से कि कैसे सिंगल मदर को भविष्य की प्लानिंग करनी चाहिए।
वित्तीय लक्ष्य तय करना

सिंगल मदर को खुद का लक्ष्य तय करना जरूरी है। सबसे पहले सिंगल मदर को यह समझना होगा कि बच्चे की परवरिश बिना किसी वित्तीय दबाव के सोच के साथ करनी है। साथ ही बच्चे के समक्ष किसी भी तरह की वित्तीय समस्या को साझा नहीं करना है और चर्चा भी नहीं करनी चाहिए। इन सबके साथ सिंगल मदर को यह भी ध्यान में रखना है कि वित्तीय लक्ष्य में बच्चे की शिक्षा को भी शामिल करना है। साथ ही अगर घर खरीदने या फिर किसी भी तरह की प्रॉपर्टी खरीदने का विचार है, तो उसे भी अपने वित्तीय लक्ष्य में शामिल करना है। सिंगल मदर को यह भी समझना होगा कि बच्चे के साथ आखिर किस तरह उन्हें हर साल अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को आगे बढ़ाना है। बच्चे की शुरुआती शिक्षा और दवाई के खर्च के साथ सिंगल मदर को हर महीने के हिसाब से अपने वित्तीय लक्ष्य को बदलना होता है।
बजट बनाना और अपने खर्चों को नियंत्रण करना

सिंगल मदर के लिए यह भी जरूरी है कि बजट बनाना और खर्चों पर नियंत्रण करना। आपके पास जो भी आय है, उसका सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए एक बजट बनाना बहुत जरूरी है। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपका पैसा कहां जा रहा है और कहां कटौती की जा सकती है। साथ ही आवश्यक खर्चों को भी प्राथमिकता देनी जरूरी है। खासतौर पर घर का खर्च, बच्चों की शिक्षा और यहां तक स्वास्थ्य पर फोकस बनाए रखना जरूरी था। साथ ही आपको अपने वैकल्पिक खर्चों पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है। इसी के साथ आपातकालीन फंड भी बनाए रखना होगा। आपातकालीन फंड के लिए 3-6 महीने के खर्चों के बराबर फंड बनाना चाहिए।
मासिक बजट की योजनाएं बनाना

सिंगल मदर के लिए मासिक बजट तैयार करना जरूरी होता है। सिंगल मदर को एक बजट तय करना होगा कि आखिर उन्हें किस हिसाब से पूरे महीने का बजट तैयार करना है। छोटे-छोटे प्रयास से आप इसे बढ़ा सकती हैं, जैसे कि अतिरिक्त आय का हिस्सा इस फंड में डालना। साथ ही आपातकालीन फंड को ऐसी जगह रखना चाहिए जहां उसे आसानी से उपयोग किया जा सके, जैसे कि एक उच्च ब्याज वाला बचत खाता या लिक्विड म्यूचुअल फंड। इसका उद्देश्य यह है कि पैसे का मूल्य न घटे और उसे जल्द से जल्द निकाला जा सके। कभी-कभी आपको परिस्थितियों के कारण अपनी बचत को कम या रोकना पड़ सकता है, लेकिन आपातकालीन फंड को समय-समय पर बढ़ाना जरूरी है। यह आपके भविष्य के लिए एक मजबूत वित्तीय सुरक्षा जाल तैयार करता है।
निवेश करना जरूरी है

निवेश के साथ सिंगल मदर बच्चे के साथ अपने भविष्य को भी आर्थिक सुरक्षा की छतरी देती हैं। अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सिंगल मदर को अपने रिटायरमेंट के लिए भी योजना बनानी चाहिए। भविष्य में जब आय का कोई अन्य स्रोत नहीं होगा, तब उसके पास निवेश से प्राप्त आय हो सकती है। इस दिशा में पेंशन योजना, प्राइवेट पेंशन या रिटायरमेंट फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है। साथ ही सिर्फ सैलरी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक, रियल एस्टेट आदि में निवेश करने से नियमित आय प्राप्त हो सकती है। गोल्ड भी एक अच्छा पर्याय है, जहां पर निवेश किया जा सकता है। साथ ही रियल एस्टेट भी एक और निवेश कर सकती हैं।
लचीलापन बनाएं रखना और लक्ष्य के लिए छोटे कदमों का इस्तेमाल

सिंगल मदर होने के नाते जीवन में उतार-चढ़ाव होते हैं। ऐसे में लचीलापन बनाए रखना जरूरी है, ताकि आप बदलती परिस्थितियों के मुताबिक अपने फाइनेंशियल प्लान को अपडेट कर सकें। सिंगल मदर को आर्थिक मामले को लेकर कभी-भी कोई बड़ा कदम नहीं उठाना चाहिए। बड़े लक्ष्य पूरे करने के लिए छोटे कदम उठाना जरूरी है, जैसे छोटी-छोटी बचत की आदतें डालना, हर महीने थोड़ा निवेश करना, और खर्चों पर कंट्रोल रखना। किसी भी प्रकार के कर्ज को लेने से भी बचना चाहिए। यह आपके भविष्य को असुरक्षित कर सकता है। अगर आपके पास कोई कर्ज है, तो उसे जल्दी चुकता करने की योजना बनाएं। उच्च ब्याज दर वाले कर्जों को पहले चुका लें।