क्या आप जानती हैं कि घोस्ट खर्चे भी होते हैं, ये घोस्ट खर्चे वे खर्चे हैं, जो हम हर दिन करते हैं, लेकिन हमें इसका पता नहीं चलता है। आखिर इस पर कंट्रोल कैसे किया जा सकता है। आइए जानते हैं।
हर दिन के खर्च पर नजर

रोजाना के खर्चों में कटौती करने के लिए, सबसे असरदार पहले कदम हैं अपने खर्चों को ट्रैक करना, एक रियलिस्टिक बजट बनाना, और फिर सिस्टमैटिक तरीके से खाने, यूटिलिटीज, सब्सक्रिप्शन और ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े खर्चों को कम करना। सबसे जरूरी बात यह है कि जरूरतों और चाहतों के बीच फर्क करना बेहद जरूरी है, तभी जाकर आप यह समझ पाएंगी कि दरअसल, आप जिसको जरूरत समझ रही हैं, वह केवल आपके खर्च बढ़ा रहे हैं और यह ऐसे खर्चे हैं, जो हमें दिखाई नहीं देते हैं, इसलिए इन्हें घोस्ट खर्चा कहा जाता है।
एक महीने का टास्क
अगर हम हर महीने के टास्क की बात करें, तो आपको यह प्रैक्टिस करना होगा कि कम से कम एक महीने तक हमें अपने खर्च पर नजर रखना होगा, हमें कम से कम एक महीने के लिए, सभी खर्चों को रिकॉर्ड करें, चाहे वे कितने भी छोटे क्यों न हों, जैसे रोज की कॉफी या स्नैक। इससे आपको साफ पता चलेगा कि आपका पैसा असल में कहां जा रहा है और आपको पता भी नहीं चल रहा है, साथ ही आपको यह भी समझ में आएगा कि जहां आपने खर्च किया है, वहां खर्च करना सही होगा भी कि नहीं।
खर्चों को कैटेगरी में बांटें

आपको इस बात का भी पूरा ध्यान रखना होगा कि आप अपने खर्चों को पूरी तरह से जोड़ें और सबको अलग-अलग श्रेणी में बांटकर रखें, ताकि आप यह भी देख पाएं कि बेवजह के खर्च कहां पर हुए हैं और कहां आप आसानी से खर्चों को कम कर सकती हैं। जैसे खर्चों को अगर बांटने की बात करें, तो अपने खर्चों को किराया, किराने का सामान, बीमा जैसी जरूरी चीजें इन चीजों को जरूरतों में डालें और फिर आप जो खर्च करती हैं, जो केवल शौक को पूरी करने के लिए की जा रही हैं, तो उसमें देखें कि क्या-क्या चीजें शामिल हैं और कितना खर्च हो रहा है, जैसे बाहर खाना, मनोरंजन, नए कपड़े जैसी और ऐसी चीजें जिन्हें हर महीने करना जरूरी नहीं हैं, इनके बारे में लिखें तो आपके सामने एक स्पष्ट तस्वीर आएगी कि आपके लिए क्या सही है और क्या नहीं। आप चाहें तो अपने काम को आसान और ऑर्गनाइज करने के लिए एक शीट तैयार करें और साथ ही एक साधारण नोटबुक या बजटिंग ऐप का इस्तेमाल करें।
लागत बचाने के उपाय लागू करें
जी हां, यह एक महत्वपूर्ण स्टेप है कि आपको घर पर खाना बनाने के बारे में सोचना चाहिए। आपको यह समझना होगा कि खाना बनाना और काम पर पैक किया हुआ लंच ले जाना, बाहर खाने या टेकआउट लेने से काफी सस्ता होता है। इस बात का ध्यान पूरा रखना है कि अपने हफ्ते का मेन्यू सेल के हिसाब से बनाएं और बिना सोचे-समझे खरीदारी से बचने के लिए शॉपिंग लिस्ट पर टिके रहें। साथ ही समझदारी से खरीदारी करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको कौन से स्टोर-ब्रांड या जेनेरिक चीजों को चुनें, जो अक्सर सस्ती होती हैं लेकिन उनकी क्वालिटी नामी ब्रांड्स जैसी ही होती है। अगर आप खराब होने से पहले इस्तेमाल कर सकते हैं, तो खराब न होने वाली चीजें, बहुत मात्रा में न खरीदें। इन सबके अलावा, खराब होने से बचाने के लिए ज्यादा फल या सब्जियों को या बचे हुए खाने को फ्रिज में रखें।
ऑनलाइन शॉपिंग
ऑनलाइन शॉपिंग एक ऐसी चीज है, जिसमें हम वैसी चीजें भी ले लेते हैं, जिन्हें हमें नहीं लेना है, हम बस आकर्षण के चक्कर में उन्हें अपने पास रखने की कोशिश करते हैं। ऐसे में न सिर्फ उसके पैसे जाते हैं, बल्कि डिलीवरी चार्जेज भी पैसे बर्बाद करते हैं, ठीक वैसे ही एक चीज खरीदने के लिए हम जब होम डिलीवरी ऑप्शन लेते हैं, तो डिलीवरी फीस बचाने के लिए और चार चीजें लेते हैं, जिनकी हमको जरूरत नहीं हैं, इससे भी घोस्ट खर्च की सिचुएशन आती है, हमें पता नहीं चलता, लेकिन इस लत या आदत से आपके काफी पैसे खर्च हो जाते हैं। इसलिए इस स्थिति को भी संभालने की बेहद जरूरत होती है और इसके बारे में भी जरूर सोचा जाना चाहिए।
ऑफिस में होने वाले बेमतलब के खर्चें

हम इस बात को भी नहीं समझ पाते हैं, लेकिन ऑफिस में भी बेमतलब के खर्चे होते हैं, जैसे हर दिन अगर आपने 100 रुपये भी फिजूल के खर्च किये हैं, तो 22 दिन में 2200 फिजूल के खर्च होते हैं। जैसे कभी चाय-कॉफी, दोस्तों के साथ चले गए या फिर कोई प्रदर्शनी लगी है या सेल आया है, तो उसमें बिना किसी जरूरत के भी हम वे चीजें खरीद लेते हैं, इससे भी खर्च बढ़ता है।
मेहमान के आने पर जरूरत से ज्यादा खर्चे
यह भी हम बहुत करते हैं कि अगर कोई मेहमान आए हैं, तो हम जरूरत से ज्यादा सामान मंगा लेते हैं और फिर इस चक्कर में भी हमें बजट का पता नहीं चलता, जबकि काफी खर्च हो जाता है, इसलिए जरूरी है कि मेहमान के आने पर भी बजट को कन्ट्रोल में रखें, जरूरत मान-सम्मान ठीक रहता है, लेकिन लगातार खर्च करते रहना सही नहीं रहता है। इसलिए इन बातों का भी ख्याल रखना जरूरी है।
सब्सक्रिप्शन और मनोरंजन
इस बात का ध्यान रखें कि आपको इस्तेमाल न होने वाले सब्सक्रिप्शन कैंसिल कर देना है। आपको "सब्सक्रिप्शन ऑडिट" करें और किसी भी स्ट्रीमिंग सर्विस, जिम मेंबरशिप, या ऐप को कैंसिल करें, जिसका आप शायद ही कभी इस्तेमाल करते हैं। साथ ही ऐसी चीजों को मनोरंजन का हिस्सा बनाएं, जो मुफ्त हैं और किताबों, फिल्मों और इंटरनेट एक्सेस के लिए लाइब्रेरी जैसे मुफ्त लोकल संसाधनों का इस्तेमाल करें या मुफ्त कम्युनिटी इवेंट्स में शामिल हों। साथ ही साथ आपको खरीदारी के ट्रिगर्स के प्रति सचेत रहें और बिना सोचे-समझे खरीदारी को रोकने के लिए 48-घंटे या 72-घंटे के नियम का पालन करें, कोशिश करें कि जब तक आपको जरूरत नहीं है, वैसी चीजों से खुद को दूर रखें।