आप चाहे खुद का बिजनेस करती हो या फिर नौकरी, सबसे जरूरी होती है फाइनेंशियल प्लानिंग। जी हां, आपके अकाउंट में आपके हर महीने वेतन के 30 हजार आते हैं या फिर 3 लाख। अगर आप पूरी योजना के साथ फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करती हैं, तो आपकी कमाई किस रास्ते आ रही है और किस रास्ते चली जा रही है, इसका आपको कभी-भी अंदाजा नहीं पड़ेगा। इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग को समझने के लिए आप किसी जानकार की भी मदद ले सकती हैं, लेकिन शुरुआती स्टेप यही है कि आप खुद एक छोटी-सी योजना के साथ शुरुआत करें, एक सही फाइनेंशियल प्लानिंग की। आइए जानते हैं विस्तार से।
अपनी वित्तीय स्थिति को पहचानें
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फाइनेंशियल प्लानिंग को समझने के लिए सबसे जरूरी यह है कि आप सबसे पहले अपनी वित्तीय स्थिति को पहचानना। आपको अपने खर्च और बचत को भी देखना होगा कि कैसे आपको पूरे महीने का खर्च देखना है। इसके साथ ही आप कैसे अपने हर महीने की सैलरी से खर्च की राशि और बचत की राशि अलग रखती हैं, यह भी बहुत मायने रखता है। अपनी वित्तीय स्थिति को पहचानने के लिए आप हर महीने की पहली तारीख और हर महीने की आखिरी तारीख पर अपनी पगार को लेकर एक प्लानिंग कर सकती हैं। अपनी वित्तीय स्थिति को पहचानने में अगर आपको महीने की पहली तारीख को किसी भी तरह की दुविधा हो रही है, तो इसके लिए आप सबसे पहले अपने घर की जरूरत से जुड़ी चीजें, जैसे, घर का किराया, घर का मैंटेनेश, बिजली का बिल, फोन का बिल, आपके हर दिन के यातायात का खर्च और भी जरूरी खर्च को एक डायरी में नोट कर लें। इसके बाद हर खर्च के आगे आप यह नोट कर लें कि आपको किन चीजों पर कितना खर्च करना है। इसके बाद आप अपने महीने की सैलरी में से इन सारे खर्च की राशि को अलग कर दें और फिर बचे हुए रकम से वित्तीय योजना बनाएं। इससे आपको इस बात का भी अंदाजा लग जाएगा कि हर महीने आप अपनी जरूरत की चीजों पर कितना खर्च करती हैं और इसके बाद आपके पास कितनी रकम बचती है।
लंबी अवधि के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग
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अगर आप लंबी अवधि के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना चाहती हैं, तो यह जान लें कि आपके पास टर्म इंश्योरेंस होना आवश्यक है। टर्म इंश्योरेंस का लाभ यह है कि इसमें आप बहुत कम प्रीमियर पर एक बड़ा बीमा कवर ले सकती हैं। इसके बाद सबसे जरूरी है, हेल्थ इंश्योरेंस। इन दिनों मेडिकल के क्षेत्र में छोटी बीमारी हो या फिर बड़ी बीमारी बिल का बैलेंस हजारों और लाखों में आ जाता है। इस वजह से आपको अपनी सुरक्षा के लिए और परिवार की देखभाल के लिए एक अच्छा इंश्योरेंस का होना जरूरी है। इन सबके बीच आप अपने पास इमरजेंसी फंड रखना न भूलें। इमरजेंसी फंड आपके लिए आपातकालीन स्थिति में वरदान साबित होगा। जानकारों का मानना है कि हर व्यक्ति के पास उसके निजी अकाउंट में इमरजेंसी फंड जरूर होना चाहिए। इसके साथ आप अपने खाते में ऑटो स्वीप एफडी की सुविधा रखना न भूलें, इसके जरिए आप अपने खर्चे को पूरी तरह से अच्छी तरह से संभाल सकती हैं। यह भी याद रखें कि आपको अपने हर महीने में से एक योजना अपने रिटायरमेंट के लिए भी बनानी है। आप अपनी कमाई के साथ रिटायरमेंट के लिए भी प्लानिंग करना शुरू कर दें, इसका यह भी फायदा होगा कि एक वक्त के बाद आप अपने रिटायरमेंट के पैसे के साथ सरल जीवन की योजना बना सकती हैं। आपको किसी अन्य पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
छोटी अवधि के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग
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छोटी अवधि के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग में आपके हर महीने के खर्च के साथ अगर आप कोई यात्रा प्लान करती हैं या परिवार के किसी इवेंट के लिए की गई योजना को शामिल कर सकती हैं। अगर आपके घर में किसी की शादी या फिर आपको किसी जगह पर यात्रा करना है, तो हर महीने आपको अपने खर्च को भी इसी तरह प्लान करना होगा। आपको इसके लिए अपने हर महीने की कमाई में से कुछ पैसे सेविंग करने होंगे, ताकि आपको आखिरी मौके पर एक बड़ा अमाउंट अपनी सेविंग से न निकालना पड़े। कई बार ऐसा होता है कि शादी या फिर किसी यात्रा के लिए पैसे न होने पर आपको फिर पैसे की कमी का सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी छोटी- छोटी खुशियों को पूरा करने के लिए सेविंग करना न भूलें। छोटी सी सेविंग आपको एक यादगार यात्रा दे सकती हैं।
क्यों जरूरी है फाइनेंशियल प्लानिंग
अब इस बारे में भी जानकारी हासिल कर लेते हैं कि आखिर आपके लिए फाइनेंशियल प्लानिंग क्यों जरूरी है। फाइनेंशियल प्लानिंग के जरिए आप अपनी कमाई को मुनाफे की तरफ लेकर जाती हैं। आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग के जरिए अपनी कमाई के एक-एक पैसे का हिसाब रख सकती हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग के सहारे आप कम कमाई में भी अच्छी सेविंग कर सकती हैं। साथ ही आपको अपनी पहली कमाई के साथ ही पैसे को कैसे बचाना है, इसकी अच्छी आदत फाइनेंशियल प्लानिंग के कारण ही होती है।
फाइनेंशियल प्लानिंग के फायदे
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फाइनेंशिल प्लानिंग के एक नहीं कई फायदे भी हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग के कारण आप अपनी बचत बढ़ा सकती हैं। आप एक मजबूत योजना तैयार करने में सक्षम होंगी। इस आधार पर आप अधिक बचत कर सकती हैं। आपको अपने खर्चों में भी कटौती करने की सीख भी फाइनेंशियल प्लानिंग देता है। आप खुद को एक बेहतर जीवन स्तर पर लेकर जा सकती हैं। आपके पास एक अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग होने से आपको महीने के बिलों का भुगतान और बाकी के खर्च को आराम से निपटाने में भी मदद मिलती है। इसके जरिए आपको आपकी वर्तमान वित्तीय स्थिति को भी समझने में सहायता मिल सकती है।
फाइनेंशियल प्लानिंग से जुड़ी जरूरी बातें
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फाइनेंशियल प्लानिंग से पहले यह जान लें कि इसके कई सारे स्तंभ होते हैं। आप अपने आय और व्यय की निगरानी कर सकती हैं। अगर आप अपनी कमाई से अधिक खर्च करती हैं, तो इससे आपको अपने खर्च पर नियंत्रण रखना आएगा। आपको हर महीने मासिक बजट कैलकुलेटर का भी उपयोग करना चाहिए। मासिक कैलकुलेटर के आधार पर आप अपने महीने के अतिरिक्त खर्चों को भी जांच सकती हैं। आपको यह जानकारी हासिल होती है कि आपका आदर्श खर्च कितना होता है और आपको कैसे इसे मैनेज करना है। फाइनेंशियल प्लानिंग का एक प्रमुख फायदा यह भी है कि यह उन हालातों को खोजने में भी सहायक होता है, जो कि आपके लिए लाभदायक नहीं हो सकता है। एक फाइनेंशियल योजना आपको अपनी जिम्मेदारी से दूर किए बिना आपको अपने सपनों को पूरा करने के लिए भी एक मजबूत सहारा देती है। एक सुरक्षित भविष्य के लिए आपके लिए फाइनेंशियल प्लानिंग सबसे अहम है।
समझदारी के साथ निवेश और ज्यादा बचत
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फाइनेंशियल प्लानिंग आपको समझदारी से निवेश करने के रास्ते पर लेकर जाती है। इससे आपको ज्यादा से ज्यादा बचत करने की आदत पड़ती है। जाहिर सी बात है कि आपको अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए बचत करना जरूरी है और यह उन लोगों के लिए वरदान साबित होता है जो कि अधिक खर्चीले स्वभाव के होते हैं। आप अपनी महीने की सैलरी आने के साथ यह तय कर लें कि आपको कितना खर्च करना है और कितना बचत करना है। यह आपको सबसे पहले यह सीख देगा कि बेफिजूल के खर्च से खुद को कैसे दूर करना है। एक महीने की फाइनेंशियल प्लानिंग के आधार पर आप अपने अगले महीने की प्लानिंग की योजना बना सकती हैं। हर महीने के अंत में आप यह देखें कि आपने फाइनेंशियल प्लानिंग के लक्ष्य को पूरा किया है या नहीं, अगर ऐसा नहीं हो पाता है, तो निराश होने की जरूरत नहीं। आप अगले महीने फिर से अपना वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें और बीते हुए महीने में की गई गलतियों को समझते हुए यह कोशिश करें इसे दोहराना नहीं है। इस तरह से चार से पांच महीने के बाद आप कहीं न कहीं खुद की फाइनेंशियल प्लानिंग के हिसाब को समझ लेंगी और इसके साथ आप यह भी समझ जायेंगी कि किस तरह आपको बचत की तरफ बढ़ना है। फिर भी अगर आप हर महीने लगातार फाइनेंशियल प्लानिंग में विफल हो रही हैं, तो इसके लिए आप किसी एक्सपर्ट की राय ले सकती हैं। एक्सपर्ट की राय लेने से आपको यह भी फायदा होगा कि आपको खर्च और बचत को समझने में आसानी होगी। आप अपने बचत को भी सही दिशा में कमाई के दृष्टि और निवेश से आगे बढ़ा सकती हैं। एक्सपर्ट आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग को सही दिशा प्रदान कर सकती हैं। इसलिए निवेश से डरे नहीं। निवेश आपके भविष्य की सफलता की कुंजी साबित होगा।