मां बनने से सुखद कुछ नहीं होता, यह जिंदगी का सबसे बेहतरीन लम्हा है, जिसे हर महिला अनुभव करना चाहती हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब एक औरत मां बनती हैं, वह एक पल के लिए भी अपने बच्चे से दूर नहीं होना चाहती है, लेकिन वर्किंग वीमेन के लिए यह किसी परीक्षा की घड़ी से कम नहीं होती है, क्योंकि जब उन्हें मैटरनिटी लीव लेने के बाद, दोबारा काम पर लौटना होता है, तो वे कई तरह से मानसिक स्थितियों से गुजर रही होती हैं। उनके जेहन में कई बार यह बातें घर कर जाती हैं कि अब वह दुनिया के साथ कदमताल नहीं कर पाएंगी, वह कहीं न कहीं, इतने दिनों में थोड़ी पिछड़ गई हैं। लेकिन, यहां हम आपको यही बताने की कोशिश करना चाहते हैं कि ऐसा कुछ नहीं है, यह आपके करियर का अंत नहीं हैं और आप वापस लौट कर भी अपने करियर को बेहतरीन आकार दे सकती हैं, तो आइए जानें विस्तार से।
अपने सहयोगी से लें पूरा लेखा-झोंखा
अगर आप एक वर्किंग वीमन हैं और एक मैनेजर के पद हैं, तो यह आपकी जिम्मेदारी बन जाती है कि आपकी अनुपस्थिति में कंपनी में क्या बदलाव हुए हैं, किस हद तक कंपनी का मुनाफा हुआ है, कितना नहीं और हर स्तर पर किस तरह से बदलाव आये हैं, इसके बारे में जानकारी लें और फिर आपको जो भी इसमें अपने स्तर से इनपुट्स देने हैं, उसके बारे में विस्तार से सोच कर, टीम के साथ बात करें, मुमकिन है कि थोड़े गैप आने के बाद, आपके टीम मेट्स में से कुछ लोगों से आपको घुलने-मिलने में समय लगे, क्योंकि कई नए लोगों की ज्वाइनिंग हुई होगी, तो उनके साथ और अधिक बातें करें, ताकि वह आपके साथ एक हेल्दी प्रोफेशनल रिश्ता बना सकें।

नयी चुनौतियों के लिए तैयार रहें
लोगों की अमूमन यह सोच बन जाती है कि मां बनने के बाद, अब आप अधिक समय काम को नहीं देंगी और काम निबटाने जैसा ही करेंगी, ऐसे में यही वक्त है कि खुद को किसी के सामने प्रूव करने के लिए नहीं, बल्कि खुद में कितनी क्षमता है, उसका इस्तेमाल करके ऑफिस में दी गई चुनौतियों को खूब स्वीकारें, बढ़-चढ़ कर वैसे प्रोजेक्ट्स लें या नए आइडिया के साथ आएं, ताकि आप खुद को परख सकें कि आप विपरीत परिस्थितियों में भी कमाल कर सकती हैं। यकीन मानिए, आप जब यह सब कर लेंगी तो आप अपना ही बेस्ट वर्जन देख पाएंगी।
किसी आत्म-ग्लानि में खुद को काम के बोझ से भी न लादें
अक्सर कई महिलाओं को यह भी महसूस अचानक से होने लगता है कि अरे, मैंने तो इतनी अधिक छुट्टी ले ली थी, अब मुझे सिर्फ कंपनी को समय देना है और कोई छुट्टी नहीं लेनी है। ऐसे में जो भी काम दिए जा रहा है, आप आत्म-ग्लानि में किये जाती हैं, यह सोच एकदम गलत है, खुद के लिए चुनौतियों को तय करने का मतलब नहीं है कि आप बेवजह के खुद को लोड देती रहें, यह वह वक्त है, जब आपको पूरी तरह से स्मार्ट काम करना है, काम में गुणवत्ता लाने की कोशिश करें, न तो ओवर टाइम करने की कोशिश करें और न ही खुद को जरूरत से ज्यादा बोझ से दबा लें, अगर ऑफिस में बेवजह आप पर काम लादा जा रहा है, तो विनम्रता से अपने बॉस से इस बारे में बात करें।

सहयोगियों से मदद लेने में हिचकिचाएं नहीं, न ही बेबसी दर्शाएं
हो सकता है कि आप जब मैटरनिटी लीव पर जा रही थीं, तब में और अब में आपकी मनो: स्थिति में थोड़ा बदलाव आया हो, आपको कुछ चीजें समझ नहीं आ रही हों या आप कुछ भूल गई हों, आपको हमेशा से किसी भी काम के लिए आत्म-निर्भर रहने की आदत है, लेकिन इस वक्त आपको किसी की जरूरत है, तो आपको अपने सहयोगियों से किसी भी तरह की मदद, जैसे तकनीकी या फिर किसी नयी चीज को समझना, जो बदलाव हुए हैं, उसके बारे में बार-बार पूछने से हिचकिचाना नहीं चाहिए। साथ ही आपकी यह भी कोशिश होनी चाहिए कि आप खुद को कभी बेचारगी की स्थिति में महसूस न करें, आप पर कोई एहसान नहीं कर रहा है, यह स्वाभाविक बात है कि ये चीजें होती रहेंगी। सो, बिंदास होकर काम करें।
एक्सपेरिमेंट्स के लिए रहें तैयार
मैटरनिटी लीव से लौटना आपके करियर का अंत नहीं है, ऐसा नहीं है कि आपको बस यह सोच लेना चाहिए कि अब बस काम करें, सैलरी आये, आप खुद को पहले की तरह कॉम्पटीटिव न रखें, यह सोच बिल्कुल सही नहीं है। आगे बढ़ने के लिए, खुद को हर दिन अपडेट रखने की कोशिश करें, आप जिस क्षेत्र से हैं, उसके बारे में इस बीच क्या नए बदलाव आये हैं, उनके बारे में पढ़ें, जानकारों से बातचीत करें और खुद में हमेशा बदलाव लाने और प्रतिस्पर्धी स्वभाव को खत्म नहीं करें, क्योंकि आपकी यही भूख आपको करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें, यकीन मानिए, आप इन बातों को फॉलो करेंगी तो खुद महसूस करेंगी कि आपके लिए वापस काम पर लौटना कोई कठिन काम नहीं होगा।