आम तौर पर यही माना जाता रहा है कि पैसे कमाने के लिए शैक्षणिक योग्यताओं के साथ डिग्री बहुत जरूरी होती है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में ऐसे कई कामों की मांग मार्केट में बढ़ी है, जिसके लिए कॉलेज की डिग्री की कोई आवश्यकता नहीं। तो आइए ऐसे कुछ जॉब्स पर नजर डालते हैं, जिनके लिए डिग्री, सिर्फ कागज का एक टुकड़ा है और आपको हताश होने की जरूरत नहीं है, आप अपना लक्ष्य पूरा कर सकती हैं।
डिग्री के पीछे नहीं, कौशल के पीछे भागिए
रोजगार का दायरा जिस तरह विस्तृत होता जा रहा है, वहीं लगातार कार्यकुशल कर्मचारियों के साथ कौशल कुशल कर्मचारियों की मांग भी बढ़ती जा रही है। अधिकतर कम्पनी कॉलेज डिग्री से अधिक तकनीकी रूप से कुशल कर्मचारियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही वजह है कि जिन लोगों के पास कोई विशेष कौशल है, वो अपने पसंदीदा क्षेत्र में नौकरी पा जाते हैं। तो किसी कारणवश अगर आप अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए हैं, और आपके पास कॉलेज की डिग्री नहीं है, तो परेशान मत होइए। हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे जॉब्स, जिसमें आप अपना करियर बनाकर एक खुशहाल जिंदगी बीता सकती हैं।
इंटीरियर डिजाइनर
इस कारियर को अपनाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है आपके अंदर सौंदर्यबोध का होना। ये एक ऐसा प्रोफेशन है, जहां आपको तकनीक के साथ सौंदर्य का तालमेल बिठाते हुए खाली जगह को न सिर्फ भरना है, बल्कि सजाना भी है। एक अच्छा इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए आप डिग्री की बजाय इंटीरियर डिजाइन कोर्स का विकल्प चुन सकते हैं, जो अधिकतर कॉलेजेज में सिखाया जाता है। इसके अलावा, इलस्ट्रेटर, ऑटोडेस्क ऑटोकैड एलटी, स्केचअप प्रो और ऑटोडेस्क ३डी मैक्स सीखकर भी इसकी शुरुआत की जा सकती है।
जिम्मेदारियां
डिजाइन तैयार करके उसे मूर्त रूप देना।
शेड्यूल के साथ प्रोजेक्ट की समय सीमा निर्धारित करना।
प्रोजेक्ट की आवश्यकताओं पर रिसर्च करना।
मटेरियल और प्रोडक्ट सोर्सिंग की व्यवस्था करना।
फर्नीचर के टुकड़ों के साथ डिजाइन का सामंजस्य बिठाना।
डेकोरेटर, कन्स्ट्रक्टर और आर्किटेक्ट के साथ को-ऑर्डिनेट करना।
चार्टर्ड अकाउंटेंट
बिजनेस और फाइनांस से ताल्लुक रखनेवाले इच्छुक कर्मचारी एक कार्यकुशल चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर अपना प्रोफेशनल करियर चुन सकते हैं। बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट फाइनेंशियल मैनेजमेंट के साथ ऑडिटिंग और टैक्सेशन की गहरी समझ के साथ आप न सिर्फ अपनी कम्पनी या क्लाइंट के बजट को मेंटेन कर सकती हैं, बल्कि फाइनेंशियल स्टेटमेंट भी बना सकती हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस बिना डिग्री के जॉब में काफी अच्छी अच्छे पैसे मिलते हैं। बस इसमें अपना करियर बनाने के लिए आपको इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की एक परीक्षा पास करनी होगी। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आपको संबंध क्षेत्र से इसकी उचित जानकारी लेनी होगी।
क्लिनिकल लेबोरेट्री टेक्निशियन
एक बेहतर क्लिनिकल लेबोरेट्री टेक्निशियन का काम होता है, शरीर के सेल्स और तरल पदार्थों की जांच के साथ लेबोरेट्री से संबंधित अपने काम को पूरी मुस्तैदी से अंजाम देना। वे नियमों और मेडिकल प्रोफेशनल की रिपोर्ट के अनुसार रिसर्च करते हैं।
जिम्मेदारियां
शरीर के नमूने प्राप्त होने के बाद उन पर लेबल लगाना और उनका विश्लेषण करना।
स्टैण्डर्ड प्रक्रियाओं के अनुसार लेबोरेट्री टेस्टिंग करना।
वैजानिक तरीकों का उपयोग करके प्रयोग करना।
स्टैण्डर्ड और नियंत्रण के अनुसार परिणाम प्राप्त करना।
नियमित रूप से उपकरणों का सही रखरखाव करना और समय समय पर उसकी क्वालिटी चेक करते रहना।
निवेश सलाहकार
निवेश सलाहकार, मुख्य रूप से आपको शेयर बाजार में आपकी लम्बी अवधि के रिटर्न्स के लिए निवेश की सलाह देते हैं, जिससे आपको नुकसान न हो। इसके अलावा, आपकी पोर्टफोलियो के अनुसार वह आपको हालिया सिक्योरिटिज के प्रदर्शन के साथ फायदेमंद स्टॉक खरीदने का सुझाव भी देते हैं। इसी के साथ वह अपने ग्राहकों की सम्पत्ति का प्रबंधन भी करते हैं। शेयर बाजार से जुड़ा ये करियर न सिर्फ अच्छी खासी सैलरी वाला है, बल्कि इसमें विकास की बहुत संभावनाएं भी हैं। यदि आप भी इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM) और चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (CFA) की परीक्षा पास करनी होगी। इस परीक्षा को पास करने के बाद आपको निवेश सलाहकार के रूप में खुद को सिक्योरिटीज एन्ड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) में पंजीकृत करना होगा।
इसके अलावा, आप चाहें तो ‘स्टॉक मार्केट कोर्सेस एन्ड सर्टीफिकेशन्स’ के साथ एक प्रमाणित स्टॉक मार्केट प्रोफेशनल भी बन सकती हैं।
डिजिटल मार्केटर
एक अच्छा डिजिटल मार्केटर बनने के लिए आपको कोई विशेष डिग्री की आवश्यकता नहीं है, आप चाहें तो नॉर्मल ग्रेज्युएशन के बाद डिजिटल मार्केटर बड़ी आसानी से बन सकती हैं। बस इसके लिए जरूरी है एकाग्रता के साथ कुछ ज़िम्मेदारियों को निभाने की क्षमता, जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
जिम्मेदारियां
वेबसाइट ट्रैफिक के साथ वेबसाइट लीड रेशो और लीड जेनेरेशन में सुधार करना।
ई-मेल, सोशल मीडिया और वेबसाइट के जरिए कम्पनी के प्रदर्शन पर नजर रखना।
सेल्स के सुधार के लिए डिजिटल मार्केटिंग कैम्पेन की योजना बनाना और उसे मूर्त रूप देना।
नए इंडस्ट्री ट्रेंड्स के अनुसार रणनीति बनाकर ब्रांड जागरूकता बनाना।
अन्य टीमों के साथ मिलकर मार्केटिंग में सुधार करना।
ब्रांड प्रमोशन के लिए विज्ञापन सेवाएं चलाना।
प्रभावी मार्केटिंग रणनीतियों के लिए डिजिटल मार्केटिंग टूल्स का उपयोग करना।
ग्राफिक डिजाइनर
किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास करने के बाद एक अच्छे करियर की तरफ कदम बढ़ा रहे युवा चाहें तो ग्राफिक डिजाइनर बन सकते हैं। बस इसके लिए आपको इन सॉफ्टवेयर्स का ज्ञान होना जरूरी है। जैसे, एडोब इलस्ट्रेटर, फायरस्टेज, एडोब इन डिजाइन, एडोब फोटोशॉप, स्केच, प्रूफहब और एडोब आफ्टर इफेक्ट्स। इन सॉफ्टवेयर्स के अलावा, अगर आपको HTML और CSS का ज्ञान है तो ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। एक ग्राफिक डिजाइनर, इन सॉफ्टवेयर्स के साथ वीडियो का डिजिटल रूप से इस्तेमाल करके अपने आइडियाज के जरिए लोगों से सम्पर्क स्थापित करता है।
जिम्मेदारियां
दिए गए ब्रीफ के आधार पर ड्राफ्ट तैयार करना।
लेआउट और ग्राफिक्स बनाना।
ब्रोशर, पत्रिकाओं, प्रेजेंटेशन, विज्ञापन, और कॉर्पोरेट रिपोर्ट के लिए प्रोडक्शन डिजाइन बनाना।
सॉफ्टवेयर के जरिए डिजाइन बनाना।
एयर-होस्टेस
आम तौर पर एक एयरहोस्टेस का करियर लगभग 10 से 12 वर्षों का होता है। इस जॉब प्रोफाइल के लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं होती। अगर आपने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर ली है और आपकी आयु कम से कम 17 वर्ष है, तो आप इस ग्लैमरस जॉब प्रोफाइल के लिए तैयार हैं. इसके अलावा जरूरी है कि लड़कियों की न्यूनतम ऊंचाई 157 सेंटीमीटर और लड़कों की 170 सेंटीमीटर हो। हालांकि इस इंडस्ट्री के अंतर्गत आपको लगातार लोगों के संपर्क में रहना होता है, इसलिए जरूरी है कि आपके पास सॉफ्ट स्किल्स हों।
जिम्मेदारियां
फ्लाइट शेड्यूलिंग मीटिंग्स में हमेशा शामिल रहना।
फ्लाइट में अंदर आते और जाते समय यात्रियों को अभिवादन करना और पूरी यात्रा के दौरान उनकी जरूरतों का ख्याल रखना।
टेक-ऑफ और लैंडिंग से संबंधित नियमों की जानकारी देना।
आपातकालीन स्थितियों में यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखना।
यात्रियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देना।
उड़ान समाप्त होने के बाद रिपोर्ट लिखना और किसी भी असामान्य घटना का उल्लेख करना।
कमर्शियल पायलट
ये एकमात्र ऐसा प्रोफेशन है, जहां डिग्री के अभाव में भी न सिर्फ अच्छी खासी सैलरी मिलती है, बल्कि ये लोगों को काफी आकर्षित भी करता है। इसके लिए जरूरी है कि आपकी आयु कम से कम 18 वर्ष हो और आपके पास कमर्शियल पायलट सर्टिफिकेट के साथ 1000 घंटे हवाई जहाज उड़ाने का अनुभव हो। टूर पायलट, कार्गो पायलट और बैककंट्री पायलट के तौर पर उड़ान भरनेवाले ये पायलट आगे चलकर उड़ान प्रशिक्षक भी बन सकती हैं।
जिम्मेदारियां
निर्धारित समय के अनुसार हवाई जहाज उड़ाना।
उड़ान योजनाएं बनाते समय हवाई जहाज की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
रख-रखाव और क्रू मेंबर्स के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए शेड्यूल बनाना।
उड़ान से पहले सुरक्षा जांच करते हुए सभी मुद्दों का समाधान करना।
संतुलित भार सुनिश्चित करने के लिए कार्गो पर नजर रखना।
हवा में सुरक्षित उड़ान स्थितियों को बनाये रखना।