यह भारतीय महिलाओं और पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ वीमन एयरलाइन पायलट्स की हाल ही में जारी किये गए रिपोर्ट के अनुसार भारत में महिला पायलटों की संख्या पूरे विश्व में सबसे अधिक है। जी हां, रिपोर्ट के अनुसार के अनुसार विश्व के सभी देशों में कुल 5. 8 फीसदी महिला पायलट हैं, एक बात और गौरतलब है कि महिला पुरुष अनुपात की बात की जाए, तो भारत में 12. 4 फीसदी के साथ सबसे आगे है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल वी.के. सिंह ने हाल ही में इसकी जानकारी दी थी कि भारत में 17,726 पंजीकृत पायलटों में से 2764 पायलट महिलाएं हैं। जबकि विश्व का सबसे बड़े एविएशन मार्केट माना जाने वाला अमेरिका में यह 5.5 प्रतिशत है। ऑस्ट्रेलिया का यह 7.5 प्रतिशत, कनाडा का 7 प्रतिशत और यूके में 4.7 प्रतिशत है। तो आइए, आज जान लेते हैं कि अगर महिलाएं सेना में जाना चाहती हैं और पायलट बनना चाहती हैं, तो उन्हें क्या करना चाहिए।
कैसे शुरू करें प्रक्रिया
चरण 1 : सबसे पहले जो महिलाएं या लड़कियां इसमें शामिल होना चाहती हैं, उन्हें सबसे पहले यही काम करना है कि उन्हें आईएफ के फ़्लाइंग ब्रांच में प्रवेश करना होगा। अब ऐसे में उनके पास दो विकल्प हैं। उन्हें दो रास्ते आजमाने से इसे करने में आसानी होगी। पहला, 12 वीं स्तर के लिए राष्ट्रीय रक्षा एकेडमी ( एनडीए) की परीक्षा या फिर दूसरा, स्नातक स्तर पर ही एयर फोस कॉमन एडमिशन टेस्ट पास करनी होगी।
चरण 2 : एनडीए परीक्षा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है। और आप सबको अगर अधिक जानकारी चाहिए, तो इसके लिए आपको आधिरकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर पूरी जानकारी मिल जाएगी।
चरण 3 : इसके अलावा, एनसीसी एयर विंग में सी सर्टिफिकेट प्राप्त हो जाए, तो महिला उम्मीदवार को भारतीय वायु सेना के फ्लाइंग ब्रांच में एंट्री मिल सकती है, जिसके लिए आइएएफ द्वारा वर्ष में दो बार जून और दिसंबर माह में रोजगार समाचार में विज्ञापन जारी किये जाते हैं।
चरण 4 : एनडीए और सीडीएस की जो परीक्षाएं होती हैं, उनमें एक महिला उम्मीदवार किस तरह से अपना प्रदर्शन करती हैं, इस आधार पर उम्मीदवार को रक्षा मंत्रालय के सेवा चयन बोर्ड द्वारा संचालित इंटरव्यू में शामिल होना पड़ता है।
चरण 5 : फिर मेरिट और प्रिफ्रेंस देखा जाता है और फिर एयर फोर्स ट्रेनिंग बेस पर खास ट्रेनिंग दी जाती है।
चरण 6 : अभी प्रकिया यही खत्म नहीं होती है।
चरण 7 : इसके बाद एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर स्थाई कमीशन दिया जायेगा और फिर यहां से आपकी ऑफिसर फाइटर पायलट का सफर शरू हो जायेगा। इसके बाद, एक देश भक्त की तरह आपको एक पायलट की जिम्मेदारी पूरी करनी है।
पायलट के अलावा और भी रास्ते हैं
एक महिला, विमान इंजीनियर, अग्निशामक, ग्राउंड क्रू, हवाई अड्डे की सुरक्षा आदि के रूप में भी करियर बना सकती हैं। कैप्टन निवेदिता भसीन भारत की महिला पायलट हैं। उल्लेखनीय है कि कैप्टन निवेदिता भसीन दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला जेट कमांडर बनीं। और कीर्तिमान स्थापित किया, यही नहीं उन्होंने ड्रीमलाइनर, बोइंग 787 को उड़ाने वाली दुनिया की पहली महिला एयरलाइन पायलट बनीं।