अगर आप साल में दो बार नौकरी बदलने का फैसला लेती हैं, तो यह आपके लिए गलत फैसला हो सकता है। इसकी वजह यह है कि भले ही आप अधिक सैलरी के लिए या फिर किसी अन्य जरूरी वजह के कारण नौकरी बदलने का फैसला कर रही हैं, तो जरा एक बार सोचिए। नौकरी छोड़ने के साथ कुछ जरूरी बातों को जरूर अपनी डायरी में नोट कर लें। आइए जानते हैं विस्तार से।
करियर पर नकारात्मक असर
कई बार ऐसा होता है कि साल में 2 बार नौकरी छोड़ने का फैसला आपके करियर पर नकारात्मक असर डाल सकता है। इसकी वजह यह है कि इससे आपके बायोडाटा पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर ऐसा आप हर साल करती हैं, तो इससे भले ही आपके बायोडाटा पर कई सारी कंपनियों के नाम जुड़ जाएं, लेकिन आपकी काबिलियत पर शक होने लगता है। कई बार यह भी माना जाता है कि आप जिस तरह से बीते 2 साल से नौकरी बार-बार बदल रही हैं, ऐसा आप नई कंपनी के साथ भी कर सकती हैं। इससे आप अपने करियर में आए अच्छे मौके को भी गंवा देंगी।
सैलरी पर भी पड़ेगा बुरा प्रभाव
हर बार नई नौकरी आपके सैलरी पर भी बुरा असर डाल सकती है। जब भी आप नई कंपनी के एचआर विभाग से सैलरी और अपने साल भर के पैकेज पर बात करेंगी, तो सबसे पहले सवाल यही होगा कि क्या वजह है कि आप इस तरह हर छह महीने पर नौकरी बदल रही हैं, इससे आपका सैलरी पैकेज भी कम हो सकता है।
नेगेटिव इमेज का हो सकते हैं शिकार
हर बार नई नौकरी के साथ यह भी सोच आती है कि आप अपने काम को लेकर गंभीर नहीं है। साथ ही इससे यह भी साबित होने लगता है कि काम को लेकर आपकी मेहनत भी समय और दूसरी कंपनी से मिले नए पैकेज पर आधारित है। ऐसा करना कहीं न कहीं आपको गैर जिम्मेदार बना देता है।
नौकरी छोड़ने का फैसला आखिर क्यों
नौकरी छोड़ने का फैसला जब भी करें, तो यह याद रखें कि कम से कम आप कंपनी में 1 या 2 साल का वक्त जरूर बिताएं। साथ ही दूसरी जगह पर नौकरी मिलने पर सबसे पहले आप अपने सालाना पैकेज पर बात कर लें। जब आपको यह लगे कि मिलने वाले पैकेज से आप संतुष्ट हैं, तभी आप अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला करें। साथ ही आप जहां पर भी रहें , वहां पर अपने काम में सौ प्रतिशत दें।