आप हमेशा ही इंस्टग्राम पर स्क्रॉल करती रहती हैं और दूसरों के हॉलीडे डेस्टिनेशन को लेकर यह सोचती रहती हैं कि अरे, मुझे भी काश! घूमने का मौका मिल जाए, लेकिन फिर जब आपके जेहन में यह बात आती है कि आपके अकाउंट में उतने पैसे नहीं, तो मन को दुखी करने के अलावा आपके पास कोई विकल्प नहीं होता है। लेकिन अगर आप अपनी ट्रैवलिंग योजना को सही तरीके से तैयार करें, तो आराम से अपने बजट को कंट्रोल करते हुए अपने पसंदीदा डेस्टिनेशन पर जा सकती हैं।
ट्रैवल इंश्योरेंस
इस बारे में अक्सर हम नहीं सोचते हैं कि मेडिकल इंश्योरेंस ट्रैवलिंग का एक अहम हिस्सा है, क्योंकि कभी भी मेडिकल इमरजेंसी तो आ ही सकती है। जबकि इसको लेकर भी हमें अलर्ट होना चाहिए। आपकी यात्रा के दौरान चिकित्सकीय आपात स्थिति के लिए रेवेल बीमा कवर भी जरूरी होती है। ट्रैवल बीमा अन्य यात्रा-संबंधी जोखिमों के लिए भी कवर प्रदान करता है, जैसे कि पासपोर्ट, व्यक्तिगत सामान और चेक-इन सामान का नुकसान, अन्य। इसमें यात्रा में रुकावटें भी शामिल हैं, जैसे किसी कारण से यात्रा को रद्द करना या घटाना। यह रद्द की गई बुकिंग के लिए कवरेज भी प्रदान करता है, जिसमें पूरी यात्रा कैंसिल करना शामिल है, चाहे आप या टूर कंपनी द्वारा इसे कैंसिल किया जा रहा हो।
आपका क्रेडिट कार्ड आपका बेस्ट सपोर्ट

इस बात को ध्यान में रखें कि आपको आपके क्रेडिट कार्ड के बारे में पूरी जानकारी रखनी है, क्योंकि सही तरीके से अगर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जाए, तो ट्रैवलिंग एक्सपेंस को अच्छे से हैंडल किया जा सकता है। कई ऐसे ट्रैवलिंग कार्ड होते हैं, जो आपको एयर माइल्स, रियायती हवाई किराए, हवाई अड्डे के लाउंज का उपयोग, होटल छूट, ईंधन अधिभार छूट और बंडल यात्रा बीमा मुहैया कराते हैं, तो आप इनका भी पूरा उपयोग कर सकती हैं। सो, पहले से सही कार्ड का चुनाव करें। साथ ही अपनी क्रेडिट कार्ड कंपनी को अपनी यात्रा की पूरी जानकारी भी देकर रखें। प्रीपेड ट्रेवल कार्ड भी बनवा कर रखें।
ट्रैवल फंड
जिस तरह से आप फाइनेंशियल साल में बाकी फंड की प्लानिंग बनाते हैं, ठीक उसी तरह आपको अपने ट्रैवल फंड का इंतजाम करना चाहिए। यह फंड बनाने के लिए आपको कहीं भी जाने की प्लानिंग करने के तीन महीने पहले से इसके बारे में सोचना चाहिए। आप अपनी यात्रा के लिए विशेष रूप से बनाए गए एक अलग बचत खाते में कम से कम तीन महीने पहले पैसे बचाकर शुरुआत कर सकती हैं। इस बचत को आप किसी रिटर्न बजट के रूप न देखें, इसे ट्रैवल फंड के रूप में ही देखें। इसके लिए लिक्विड फंड जैसे विकल्प का इस्तेमाल करें। शॉर्ट टर्म डेबिट फंड को भी चुन सकती हैं।
बजट के अनुसार ही डेस्टिनेशन

किसी को भी देख कर प्रभावित होने की जरूरत नहीं है कि वो तो वहां गया था, तो मैं भी वहीं जाऊंगी। आपको अपने बजट का पूरा ख्याल रखते हुए ही यह स्टेप लेना है। आप फ्लाइट, ट्रेन, होटल और खाने पीने का एक अंदाजन बजट बना ही लें और उसके बाद ही उन जगहों पर जाएं, ताकि बाद में छुट्टियां बीता कर आने पर आप टेंशन में न आएं कि हमने ये क्या कर दिया। याद रखें, घूमना जरूरी है, महंगे डेस्टिनेशन पर ही घूमें ये जरूरी नहीं है। अपने अनुमानित बजट में 20 प्रतिशत ज्यादा ही मान कर चलें कि खर्च होगा, तो उसका इंतजाम करके रखें।
रिसर्च
कई बार वे जगह जहां आपको जाना होता है, वहां आप अचानक उठ कर चले जाते हैं, ऐसे में कई जरूरी जगह घूमना भूल जाते हैं। और फिर बेवजह के पैसे वहां जाने में और रुकने में बर्बाद करते हैं, जैसे अगर आप जैसलमेर या किसी भी टेंट वाली जगहों पर जा रहे हैं, तो पूरी जानकारी लें, क्योंकि इन जगहों पर जाकर अगर सही से आपको जगह न मिले, तो आपके पास कुछ और करने को नहीं होता है। फिर आप वहां जाकर फंस जाते हैं, इसलिए पूरी जानकारी ले लेना ही बेहतर है।