प्रोफेशनल जिंदगी में सबसे जरूरी इस बात को समझना कि आप एक ऐसी जगह पर हैं, जहां पर दिल नहीं दिमाग की जरूरत है, जहां आपको यह सोचना जरूरी नहीं है कि किसने आपके बारे में क्या बोला है? आपके लिए ये समझना जरूरी है कि आप यहां पर काम करने आए हैं, लेकिन कई बार यह सारी बातें समझने के बाद भी प्रोफेशनल जिंदगी में भावुकता का आगमन हो जाता है। आपके काम को प्रभावित करने के साथ कई बार आपको भी चिंता में डाल सकता है, जिसका असर सीधे तौर पर आपकी निजी जिंदगी पर होता है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में कि कैसे आप प्रोफेशनल जिंदगी से इमोशन के कनेक्शन को हटा सकती हैं। इसके लिए कुछ जरूरी बातों को ऑफिस जाने से पहले गांठ बांध लें।
दिल पर मत लें
काम के दौरान कई बार मीटिंग के बीच या फिर ऑफिस के कर्मचारियों के बीच ऐसा होता है कि कोई बात मजाक में आपके साथ की गई हो या फिर किसी वजह से आपको काम के सिलसिले में फटकार पड़ी हो, ऐसे में यह नियम बना लें कि ऑफिस में एंट्री के साथ ही दिल पे मत ले यार वाली पॉलिसी अपना लें। अगर आपको किसी की कोई बात बुरी भी लगती है, तो उसे एक कान से सुनें और दूसरे कान से निकाल दें।
मामले को तूल न दें
ऑफिस में अगर आपको किसी की बात बुरी लगती है या फिर अगर आपकी कोई तारीफ भी करता है, तो इस बात को लंबा न खींचें यानी कि उस पर अधिक विचार न करें। अगर आपकी तारीफ पर भी आप ज्यादा विचार करती हैं और उसकी चर्चा चार लोगों से करती हैं, तो यह आफिस के कलिंग के बीच इस सोच को जन्म दे सकता है कि आप अपने मुंह से अपनी तारीफ किए जा रहे है। वहीं अगर कोई बात बुरी लगती है, तो उस पर भी दोस्तों के बीच बैठकर और चर्चा न करें। इसे नकारात्मक वातावरण आपके आपके आस-पास पैदा होता है, जो कि आपकी मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
आगे बढ़ना सीखें
आगे बढ़ने की पॉलिसी निजी और प्रोफेशनल जिंदगी में काफी काम आती है। अगर किसी वजह से आपसे कोई गलती हो जाती है, तो उसके बारे में विचार करके खुद को अंदरूनी तौर पर परेशान न करें, बल्कि गलती से सीख कर आगे बढ़े और नए काम की तरफ खुद को अग्रसर करें। अगर आप किसी किसी की बात से दुखी होकर या फिर अपनी हार में दुख जताने लगेंगे, तो यह आपको प्रोफेशनल जिंदगी में आगे बढ़ने से रोकता है। इसलिए जरूरी है कि ऑफिस आते वक्त सकारात्मक के कदम को आगे बढ़ाएं और ऑफिस से घर जाने के दौरान नकारात्मकता को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते हुए जाएं।
अपनाएं ये तरीका
ऑफिस में खुद को भावुक तौर पर जोड़कर न रखें। अगर किसी वजह से आप परेशान हो भी रहे हैं, तो इसके लिए आप अपने आप को भावुकता से सुरक्षित रखने के लिए आप ऑफिस में खुद को काम के बीच मिलने वाले बकाया समय में संगीत सुनकर या फिर आफिस के बाहर चाय पर 5 मिनट की वॅाक के साथ भी दूर रख सकते हैं। साथ ही ऐसे लोगों से दोस्ती न करें, जो कि आपके नकारात्मक दिमाग में और भी नकारात्मक विचारों को शामिल करें। आप चाहें, तो अपने पास सकारात्मक किताबें भी रख सकती हैं, जो कि आपको नकारात्मक ख्यालों से दूर रखती हैं।
सबसे होती है गलती
ऑफिस में किसी भी काम, मीटिंग या फिर दोस्तों के बीच अगर आपसे कोई गलती हो जाए, तो खुद को अपराधी न मानें। अगर आप ऐसा करती हैं, तो आप ऑफिस में लोगों को दूसरे की अपेक्षा कम आंकने लगते हैं। इसका असर आपको निजी जीवन में भी निराशा और अंधकार की तरफ लेकर जाता है। ऐसे में गलती होने पर आपको यह सोचना चाहिए कि आप इसे फिर से नहीं दोहरायेंगे और अपने खुद में बदलाव लाकर खुद को सही साबित करेंगे, क्योंकि हर कोई परफेक्ट नहीं होता है।