img
हेल्प
settings about us
  • follow us
  • follow us
write to us:
Hercircle.in@ril.com
terms of use | privacy policy � 2021 herCircle

  • होम
  • कनेक्ट
  • एक्स्क्लूसिव
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प

search

search
all
communities
people
articles
videos
experts
courses
masterclasses
DIY
Job
notifications
img
Priority notifications
view more notifications
ArticleImage
होम / एन्गेज / करियर & फ़ायनांस / करियर

सकारात्मक सुनने की कला से हर दिन होगी नई सुबह, ऐसे भरें जीवन में रंग

प्राची |  अक्टूबर 15, 2023

सकारात्मकता जीवन में सकारात्मक लोगों के साथ रहकर सिर्फ नहीं आती है, बल्कि आप कैसे अपने जीवन की हर घटना के साथ सकारात्मक विचार धारा को जोड़ते हैं, उससे भी जुड़ी होती है। अगर आप नेगेटिव जीवनशैली से सकारात्मक जीवन की तरफ खुद को बढ़ाते हैं, तो करियर के साथ निजी जीवन के हर पड़ाव पर आप सुकून की सांस ले सकती हैं, क्योंकि हार और जीत जीवन का हिस्सा है, लेकिन मन की शांति पाना हर जीत से कई बढ़कर है। इसलिए आइए जानते हैं विस्तार से कि कैसे आप अपने मन और दिमाग में सुनने की कला को विकसित कर सकती हैं।

लिखना न छोड़ें 

सकारात्मक विचार से खुद को उज्जवल करने के लिए लिखना सबसे जरूरी है। आप अपने हर दिन के कामकाज के साथ किसी से हुई मुलाकात का भी जिक्र डायरी में करें। एक डायरी बनाएं या फिर मोबाइल अथवा लैपटॉप पर अपने पूरे दिन पर एक पेज की व्याख्या लिखें। घर से ऑफिस आने तक और ऑफिस से घर जाने के बाद अंत में आपको अपने पूरे दिन में क्या जरूरी बातें याद आती हैं, उसे जरूर लिखें। लिखने से आपको खुद के बारे में यह जानकारी मिलेगी की आप कितने प्रतिशत नेगेटिव सोच से जीती हैं। अगर आपकी लेखनी शिकायत और दुख से भरी है, तो समझ लें कि नेगेटिव सोच आप पर हावी हो रही है। जरूरी है कि अपने लिखने के तरीके में खुद को क्या महसूस हुआ यह लिखने की बजाय सामने वाले व्यक्ति की खूबी पर बात करें। इससे आपके मन के भीतर सकारात्मक विचार घर बनाने की शुरुआत करेंगी। आप अपनी लिखी हुई बातों को पढ़कर ध्यान से सुनें। इसी सकारात्मक सुनने की कला को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।

मेडिटेशन का अभ्यास

सकारात्मक सोच खुद के भीतर विकसित करने के लिए मेडिटेशन कारगार उपाय है। मेडिटेशन के दौरान आप अपने मन के भावों को अच्छी तरह से सुन और समझ पाती हैं। इसे आप अपने मन को एकाग्र कर सकती हैं। इससे आपको करियर में अपने लक्ष्य को पाने में भी फोकस बढ़ेगा, क्योंकि जिस व्यक्ति के पास लक्ष्य नहीं होता, वह अपनी ऊर्जा को अनचाही परिस्थिति में लगाना शुरू करता है, जिसका परिणाम मन के विपरीत होता है।

निंदा सुनने से बचें

कौन किसके बारे में क्या बात कर रहा है, किसने किसकी बुराई की, कौन किसके बारे में कैसा सोचता है, इन सारी बातों से खुद को अलग रखें। हमेशा किसी की भी निंदा सुनने से बचें। ऐसे लोगों के साथ रहें, जो सकारात्मक विचारधारा के साथ जीवन जीना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों से दूरी बना कर रखें, जो दूसरों की निंदा करने में यकीन रखते हैं। अगर आप दूसरे की निंदा सुनने के समय में खुद के कान और एनर्जी को नहीं लगाती हैं, तो आप खुद को नेगेटिविटी से दूर रखती हैं। 

खुद को कोसना बंद करें

मैंने ऐसा क्यों किया, मेरे साथ ऐसा क्यों होता है, मैं यह काम नहीं कर सकती, इस तरह के सवाल के साथ खुद को कोसना बंद करें। खुद को कोसने के दौरान आप हमेशा से नेगेटिव विचार धारा खुद के बारे में सुनते हैं। जब भी हम खुद को कोसते हैं, तो कहीं न कहीं खुद से एक संवाद करते हैं, इस तरह के संवाद हमारे आत्मविश्वास को बढ़ा भी सकते हैं और घटा भी सकते हैं। इसलिए जब भी आप खुद के बारे में कोई विचार सोचें, तो हमेशा यही याद रखें कि जो होगा अच्छा होगा। अगर आपसे कोई गलती हो जाती है, या कोई बड़ी परेशानी आ जाती है, तो भी यही सोच अपनाएं कि ये वक्त गुजर गया, आने वाले वक्त पर आप खुद में सुधार करेंगे। 

सकारात्मक पढ़ें और उसे दोहराएं

खुद में सकारात्मक सुनने की कला को ईजाद करने के लिए सकारात्मक बातों को बोल कर पढ़ें। यह ठीक वैसा ही है, जैसा आप स्कूल में किताब पढ़ने के दौरान करती थीं। सकारात्मक किताब या फिर कोई जानकारी पढ़ रही हैं, तो उसका उच्चारण करते हुए दोहराएं। ऐसा माना गया है कि बोल-बोल कर पढ़ने से याददाश्त अच्छी होती है और बोली गई बातें हमें याद रहती हैं। इस तरह से आप सकारात्मक सोच को आसानी से अपना सकती हैं।




शेयर करें
img
लिंक कॉपी किया!
edit
reply
होम
हेल्प
वीडियोज़
कनेक्ट
गोल्स
  • © herCircle

  • फॉलो अस
  • कनेक्ट
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प
  • हमें जानिए
  • सेटिंग्स
  • इस्तेमाल करने की शर्तें
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • कनेक्ट:
  • email हमें लिखें
    Hercircle.in@ril.com

  • वीमेंस कलेक्टिव

  • © 2020 her circle