ग्रीन इकोनॉमी में करियर बनाना आज के वक्त में न केवल पर्यावरण की जरूरत है, बल्कि हम सभी के लिए भी जरूरी है। ग्रीन इकोनॉमी में करियर आखिर कैसे बनाया जाए, यह सवाल आपके सामने जरूर आ रहा होगा, लेकिन हम आपके लिए एक साथ कई सारे विकल्प लेकर आ रहे हैं, जो कि आपको ग्रीन इकोनॉमी में करियर बनाने की राह आसान कर सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
सोलर पैनल टेक्नीशियन यानी कि नवीकरणीय ऊर्जा में विकल्प

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत यह क्षेत्र सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायोगैस जैसे विकल्पों पर काम करता है। इसका उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना है। इसमें करियर विकल्प इस तरह का है, जहां पर सोलर पैनल टेक्नीशियन, एनर्जी इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर और ऊर्जा सलाहकार के तौर पर काम कर सकती हैं। इसके लिए आपके पास इंजीनियरिंग, एनर्जी मैनेजमेंट या फिर पर्यावरण विज्ञान में डिग्री होनी चाहिए। इसके लिए कई सारे शॉर्ट-टर्म कोर्स भी मौजूद है।
सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर

ग्रीन बिल्डिंग और पर्यावरण के अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में आप काम कर सकती हैं। इसमें ऐसा ढांचा तैयार किया जाता है, जो ऊर्जा की कम खपत करते हैं। इसमें करियर के कई सारे विकल्प मौजूद है। जहां पर ग्रीन आर्किटेक्ट, सस्टेनेबल डिजाइन इंजीनियर के तौर पर काम कर सकती हैं।। इसके लिए आवश्यक योग्यता आर्किटेक्चर और सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए। इन दिनों सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी चलन में है।
वेस्ट मैनेजमेंट और सर्कुलर इकोनॉमी

इस क्षेत्र में कचरे को कम करने और उसका फिर से उपयोग करने का काम किया जाता है। इसमें वेस्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट, साॅलिड वेस्ट इंजीनियर, रिसाइकलिंग टेक्नीशियन जैसे कई सारे करियर पर्याय मौजूद हैं। इसके लिए आवश्यक योग्यता पर्यावरण विज्ञान, केमिकल इंजीनियरिंग या सस्टेनेबिलिटी मैनेजमेंट में डिग्री क्षेत्र में अनुभव बहुत उपयोगी होता है।
पर्यावरण विशेषज्ञ के तौर पर करियर

पर्यावरण विशेषज्ञ के तौर पर करियर बनाना आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण और मांग में है, क्योंकि हर उद्योग और सरकार पर्यावरण संरक्षण की तरफ बढ़ रही है। बतौर पर्यावरण विशेषज्ञ के तौर पर आप पर्यावरण पर रिपोर्ट बनाना, प्रदूषण नियंत्रण करना, जल, वायु और मिट्टी की गुणवत्ता पर निगरानी, पर्यावरण संरक्षण प्रोजेक्ट्स को डिजाइन और लागू करने के साथ पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम चलाने का काम करना होता है। इसके लिए पर्यावरण विज्ञान में बैचलर या फिर मास्टर डिग्री होनी चाहिए। इसमें सरकारी विभाग, एनजीओ, अंतरराष्ट्रीय संगठन में करियर के कई अवसर हैं।
ग्रीन फाइनेंस और इंवेस्टमेंट

यह क्षेत्र उन फाइनेंशियल गतिविधियों से जुड़ा है जो पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं में निवेश करते हैं। इसमें कई सारे विकल्प मौजूद हैं। ग्रीन फाइनेंस एडवाइजर या मैनेजर के तौर पर भी आप काम कर सकती हैं। इसके लिए फाइनेंस, इकोनॉमिक्स में एमबीए की डिग्री होना जरूरी है। साथ ही इसमें महीने में आप एक मोटी रकम की कमाई भी कर सकती हैं। अगर आप पर्यावरण में दिलचस्पी रखती हैं और पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहती हैं, तो ग्रीन इकोनॉमी में करियर आपको आर्थिक तौर पर भी बल देती है।