ठंड के मौसम में बदलाव आ ही जाते हैं। ऐसे में इसका असर बच्चों पर भी पड़ता ही है। आइए जानें कैसे उनकी नाजुक त्वचा का ख्याल आप रख सकती हैं।
कुछ बातों का रखें ख्याल

सर्दियों में शिशु की त्वचा की देखभाल के लिए, नहलाते समय उसे कम समय के लिए गुनगुना रखें, तुरंत बाद उसे मॉइस्चराइज करें और हवा में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। शिशु को मुलायम, हवादार कपड़े पहना दें और बाहर जाते समय ठंडी हवाओं से उसकी त्वचा को सुरक्षात्मक कपड़े और सनस्क्रीन से बचाएं। ठंड का मौसम त्वचा को रूखा बना सकता है। त्वचा के लिए जरूरी नमी के स्तर को बनाए रखना जरूरी होता है। जी हां, यह शिशुओं की त्वचा के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि उनकी त्वचा वयस्कों की तुलना में कम परिपक्व होती है। नमी को बनाए रखने वाली स्किन बैरियर अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है। नतीजतन, आपके शिशु की त्वचा, खासकर सर्दियों के महीनों में, रूखी, पपड़ीदार और चिड़चिड़ी हो सकती है। इसलिए कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
मॉइस्चराइजिंग
एक बात का आपको ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि आपको नहलाते समय बच्चे को पानी में बहुत देर तक नहीं छोड़ना है, क्योंकि अपने शिशु को कम बार नहलाना ही सही होता है और सबसे बेहतर तो यह होगा कि गुनगुने पानी से अधिकतम 5-10 मिनट तक ही नहलाएं। साथ ही आपको सौम्य उत्पादों का उपयोग करने से भी बचने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि त्वचा से प्राकृतिक तेल हटा दिए जाएं। साथ ही सुगंध-रहित और साबुन-रहित क्लींजर चुनना अच्छा होगा। यह भी जान लें कि नमी बनाए रखने के लिए नहलाने के तुरंत बाद अपने शिशु की नम त्वचा पर पर्याप्त मात्रा में गाढ़ा, हाइपोएलर्जेनिक, सुगंध-रहित लोशन या क्रीम लगा देना अच्छा होता है और पूरे दिन मॉइस्चराइज करना अच्छा होता है, क्योंकि चेहरे और होंठों जैसे बहुत रूखे या फटे हुए हिस्सों पर दिन में कम से कम दो बार या ज्यादा बार मॉइस्चराइजर लगा लेना अच्छा होता है। वहीं उन हिस्सों में जहां बहुत शुष्क या फटे हुए हिस्से नजर आ रहे हैं, उसमें पेट्रोलियम जेली या इसी तरह के बाम की एक पतली परत लगा देंगी, तो सुरक्षात्मक कवच के रूप में कार्य कर सकती है। बादाम के दूध जैसे उच्च मॉइस्चराइजिंग प्राकृतिक तत्वों से बने बेबी लोशन का इस्तेमाल करें। मुरुमुरु बटर शिशु की त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। बादाम का दूध त्वचा को भरपूर नमी प्रदान करता है, जिससे त्वचा की नमी वापस लौटती है और त्वचा बेहद मुलायम, कोमल और चमकदार बनती है। वहीं दूसरी ओर, मुरुमुरु बटर में एंटी-क्लॉगिंग गुण होते हैं, जो त्वचा की नमी को बहाल करके पूरे दिन भरपूर नमी प्रदान करते हैं।
कपड़ों का भी रखें ख्याल

आपको इस बात का खास ध्यान रखना है कि आपको बच्चों को लेयर्स में कपड़े तो पहनाने हैं, लेकिन सोच समझ कर, क्योंकि अगर आपका बच्चा मुलायम या हवादार परतों वाले कपड़े नहीं पहनेंगे, तो उन्हें परेशानी होगी और लेयर्स में कपड़े पहनने से यह होगा कि उन्हें जरूरत के अनुसार खोला या उतारा जा सकेगा और एक बात का ख्याल रखें कि उन्हें ऊन जैसे खुरदुरे कपड़ों को सीधे त्वचा पर लगाने से बचें। इसके साथ ही साथ अपने शिशु को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए उसे लंबी बाजू के कपड़े पहनाएं और बाहर जाते समय उसके सिर, कान और गर्दन को ढकें। इसके साथ ही सनस्क्रीन का सही तरीके से इस्तेमाल करें, खासतौर से जाने से पहले,अगर आपका शिशु लंबे समय तक सीधी धूप में रहेगा, तो हवा और सनबर्न से बचने के लिए शिशु के लिए सुरक्षित सनस्क्रीन लगाएं।
घर में साफ-सफाई
इस बात का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि घर में साफ-सफाई रखी जाए, क्योंकि अगर घर में साफ-सफाई नहीं होगी, तो भी इसका असर बच्चों की त्वचा पर होगा। घर के अंदर हीटिंग से हवा शुष्क हो सकती है, इसलिए बच्चे के कमरे में हवा में नमी वापस लाने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। वहीं कमरे का तापमान आरामदायक रखें, लेकिन ज्यादा गरम होने से बचें, क्योंकि इससे पसीना आ सकता है जिससे त्वचा में जलन हो सकती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि त्वचा में जलन से बचने के लिए अपने बच्चे के सभी कपड़े, बिस्तर और तौलिये धोने के लिए हल्के, सुगंध-रहित डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें। साथ ही अपने बच्चे को पर्याप्त मात्रा में स्तन का दूध या फार्मूला दूध देकर उसे अंदर से अच्छी तरह हाइड्रेटेड रखें।
जलन होने वाली चीजों का उपयोग न करें

त्वचा में जलन किसी भी चीज से हो सकती है। चाहे वह बबल बाथ हो, बच्चे के कपड़े या बिस्तर धोने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला डिटर्जेंट हो या घर में इस्तेमाल होने वाला कोई परफ्यूम हो। इसलिए अगर आपके बच्चे की त्वचा में जलन होने की संभावना ज्यादा है, तो जब भी ऐसा हो, उस पर ध्यान दें और कारण जानने की कोशिश करें। आपके लिए यह सही होगा। एक बात का आपको और ख्याल रखना है कि अगर आपके डॉक्टर की अनुमति हो, तो आप अपने बच्चे को नहलाने से पहले उसकी त्वचा पर जैतून के तेल या नारियल के तेल से मालिश कर सकती हैं। तेल एक सुरक्षात्मक परत बना देगा और पानी व साबुन को त्वचा से नमी छीनने से रोकेगा।