दादी और नानी के जमाने से हम यह सुनते आए हैं कि तेल शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। इसलिए लोग नहाने के बाद अपने शरीर की त्वचा पर तेल लगाते थे। साथ ही बालों को भी हर दिन तेल का पोषण देते थे। लेकिन क्या आप जानती हैं कि नाभि को तेल के पोषण की जरूरत होती है। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि त्वचा और बालों की सेहत के लिए बेली बटन में तेल लगाने की परंपरा कैसे लाभदायक हो सकती है। साथ ही कौन-से तेलों का इस्तेमाल बेली बटन में किया जा सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से।
तिल का तेल नाभि में लगाने का फायदा

आयुर्वेद में तिल के तेल को सर्वश्रेष्ठ तेल माना गया है। इसे नाभि यानी कि बेली बटन में लगाने की परंपरा बहुत पुरानी है। यह एक तरह से प्राकृतिक औषधि है, जो कि शरीर,त्वचा और मानसिक सेहत के लिए काफी लाभकारी माना गया है। तिल के तेल में विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा फैटी एसिड से भरपूर होता है। यह त्वचा को अंदर से मॉइस्चराइज करता है और शुष्कता को दूर करता है। साथ ही चेहरे की त्वचा को अंदरूनी तौर पर साफ करने में भी मदद करता है। साथ ही 40 के बाद आपके चेहरे की त्वचा को सेहतमंद बनाए रखने में भी तिल तेल काफी लाभकारी माना गया है। आयुर्वेद में यह माना गया है कि नाभि में तिल का तेल लगाने से वात दोष शांत होता है। साथ ही यह शरीर और मन को भी शांत करता है, जिससे मानसिक तनाव में राहत मिलती है। यह भी माना गया है कि रात को सोने से पहले नाभि में तिल का तेल लगाने से नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। जानकारों के अनुसार यह बालों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। बालों की जड़ को भी पोषण देता है। नाभि में तिल का तेल लगाने के लिए तेल को सबसे पहले हल्का गर्म करें और फिर रात को सोने से पहले पेट और नाभि की सफाई करें। आपको 2 से 4 बूंदें तिल का तेल नाभि में डालना है। हल्के हाथों से गोलाई से मसाज करें और रातभर उसे ऐसे ही रहने दें और सुबह हल्के गर्म पानी से नाभि पोछ लें। हालांकि इसे नाभि में लगाने से पहले इसका पैच टेस्ट जरूर कर लें। इससे आपको एलर्जी हो रही है या नहीं, यह पता चल जाता है।
नारियल का तेल नाभि में लगाने का फायदा

नारियल का तेल नाभि पर लगाना भी काफी फायदेमंद है। इसकी वजह यह है कि त्वचा की गहराई से मॉइस्चराइज करता है। नारियल तेल में लॉरिक एसिड, विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कि त्वचा को अंदर से पोषण करता है। ड्राई स्किन, फटे होंठ और खुरदरी त्वचा में राहत देता है। साथ ही त्वचा को कोमल, मुलायम और चमकदार बनाता है। जानकारों के अनुसार नारियल तेल को नाभि पर लगाने से नसों को आराम मिलता है, जिससे नींद बेहतर आ सकती है। यह बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचाने में सहायक माना जाता है। इससे बाल घने और चमकदार हो सकते हैं। इसके साथ ही यह पाचन और लिवर की कार्यक्षमता पर भी अच्छा प्रभाव डाल सकता है। त्वचा के लिए भी नारियल का तेल काफी लाभकारी होता है। नारियल तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जिससे चेहरे की त्वचा को कई तरह से लाभ मिलता है। नाभि में इसे लगाने के लिए एक चम्मच शुद्ध नारियल का तेल लें। रात को सोने से पहले पेट और नाभि की सफाई करें इसके बाद 2 से 3 बूंद तेल नाभि में डालें और फिर मसाज करें। आपको इस तेल को रातभर ऐसे ही रहने दें। हालांकि तेल का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
नीम का तेल नाभि पर लगाने का फायदा

नीम का तेल भी शक्तिशाली तेल माना जाता है। आयुर्वेद में यह एक शक्तिशाली औषधीय तेल माना जाता है। इसमें कई सारे गुण होते हैं। खासतौर पर एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। नीम का तेल आमतौर पर त्वचा के रोगों के लिए खास तौर पर प्रयोग किया जाता है। नीम का तेल बालों के झड़ने पर भी काफी फायदेमंद होता है। नीम का तेल बालों के स्कैल्प पर अच्छी तरह से काम करता है। नाभि में लगाने से यह सिर की नसों पर भी प्रभाव डालता है। इससे बालों का झड़ना कम हो सकता है। साथ ही डैंड्रफ की समस्या में भी काफी सुधार होता है। नीम का तेल रक्त को शुद्ध करने वाला माना जाता है। नाभि में इसका नियमित उपयोग त्वचा की अंदरूनी सफाई में मदद कर सकता है जिससे त्वचा साफ, निखरी और हेल्दी दिखती है। हालांकि नीम के तेल को सीधे नाभि पर लगाने से पहले आपको जरूरी बातों का ध्यान रखना है। इसके लिए 1 से 2 बूंद नीम का तेल लें और इसे नारियल के तेल या फिर तिल के तेल के साथ मिलाएं। इस मिश्रण को गुनगुना करें। रात को सोने से पहले साफ नाभि में 2 से 3 बूंद डालें और हल्के हाथ से मसाज करें।
अरंडी का तेल नाभि में लगाने का फायदा

अरंडी का तेल नाभि पर लगाने के एक नहीं कई सारे फायदे हैं। अरंडी का तेल बालों की जड़ों को मजबूती देता है, और स्कैल्प की सेहत को बेहतर करता है। नाभि में इस तेल को लगाने से रक्त का संचार शरीर में सही तरीके से होता है। इससे बालों को पोषण मिलता है। यह बालों में डैंड्रफ और खुजली की समस्या कम हो सकती है। नाभि पर लगाने से यह तनाव कम करने और अच्छी नींद लाने में मदद कर सकता है। नाभि पर लगाने से कब्ज, गैस या सूजन जैसी समस्याओं में अप्रत्यक्ष रूप से राहत मिल सकती है। महिलाओं को पीरियड्स दर्द या अनियमित माहवारी में लाभ हो सकता है। अरंडी का तेल नाभि में लगाने के लिए आपको एक या दो चम्मच अरंडी का तेल लें और फिर उसे हल्का-सा गर्म कर लें और रात को सोने से पहले नाभि साफ कर लें। फिर इसे 2 से 4 बूंद नाभि में डालें और हल्के हाथ से मसाज करें। इसे रातभर छोड़ दें और सुबह पानी से पोंछ लें। अगर आपको तेल काफी गाढ़ा लग रहा है, तो नारियल या तिल के तेल के साथ मिलाकर उपयोग करें।
सरसों का तेल नाभि के लिए फायदा

सरसों के तेल को भी नाभि में लगाने के कई सारे फायदे हैं। सरसों का तेल त्वचा को गहराई से मॉइस्चराइज करता है। नाभि में लगाने से यह पूरे शरीर में रक्त संचार को बेहतर करता है और त्वचा को ड्राईनेस को दूर करता है। सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन E और जिंक बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करते हैं। नाभि में लगाने से स्कैल्प तक तेल के गुण पहुँचते हैं (पारंपरिक मान्यता अनुसार), जिससे बाल झड़ना, डैंड्रफ और समय से पहले सफेदी जैसी समस्याएं कम होती हैं। सरसों का तेल गर्म तासीर का होता है और इसमें एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-वायरल गुण होते हैं। सर्दी और जुकाम में काफी फायदेमंद होता है। सर्दियों में नाभि में लगाने से सर्दी-जुकाम, नाक बंद रहना या ठंड लगने की समस्याओं में लाभ मिल सकता है। छोटे बच्चों की नाभि में सरसों का तेल लगाने से सर्दी-जुकाम, पेट दर्द, गैस जैसी समस्याओं में आराम मिलता है। इसे लगाने के लिए 2 चम्मच शुद्ध सरसों का तेल लें और इसे हल्का गुनगुना कर लें और फिर नाभि को साफ करते हुए इसे नाभि में लगाएं और मसाज करें। यह भी ध्यान रखें कि सरसों का तेल थोड़ा तीखा होता है, इसलिए जलन या चुभन महसूस हो सकती है। ऐसे में नारियल या तिल का तेल मिलाकर प्रयोग करें।