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प्रेरणा

छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर की महिलाएं मछली पालन कर बन रही हैं आत्म-निर्भर

टीम Her Circle |  दिसंबर 09, 2022

महिलाएं चाहें तो क्या नहीं कर सकती हैं, वे अपनी सूझ-बूझ से एक नया संसार अपने लिए बसा रही हैं। जी हां, छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर के ग्राम पंचायतों में महिलाओं ने मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया है। यह एक अद्भुत पहल है, क्योंकि इस क्षेत्र में इस काम में अब तक पुरुष ही आगे थे। लेकिन, यहां की महिला संगठनों ने मिल कर, प्रारंभिक तौर पर जिले में 50 समूहों के माध्यम से मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया है। 

खास बात यह है कि अब तक जिले में 200 महिलाएं जुड़ी हैं और वे इससे सालाना करीब दस लाख रुपये कमा रही हैं। यहां के सोनहत वनांचल के पंचायत में महिलाएं मछली पालन कर रही हैं। गौरतलब है कि इन महिलाओं के दिमाग में यह बात इस तरह से आयी कि पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश का पानी जिस तरह से सालभर जमा हो जाता है, ऐसे में इसका सही से सदुपयोग करना जरूरी है, इसलिए महिलाओं ने यह कदम उठाया। 

उन्हें शुरू में जाहिर है कि कई कठिनाइयां भी आयीं, जिनमें सीड्स से बच्चे को तैयार करना, इसकी ट्रेनिंग का खर्चा, आय, बाजार और मार्केटिंग यानी इसे बाजार तक कैसे पहुंचाया जाए, इसके लिए काफी मेहनत की गयी। लेकिन अच्छी बात यह रही कि इस काम के लिए उन्हें सीड्स आसानी से मिले और कम खर्च में मिले। तो यही वजह रही कि महिलाओं को इस इलाके के गोठानों में बने तालाब में मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया गया, कई स्वयं सहायता समूह इसमें आगे आये और महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया। साथ ही घरेलू कामकाज में व्यस्त रहने वाली महिलाओं के लिए आजीविका बढ़ाने के लिए इसकी शुरुआत हुई। गौरतलब है कि इस समूह की महिलाएं कुछ करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें सही से दिशा नहीं मिल रही थी, ऐसे में सभी ने मिल कर, इस काम को करने का निर्णय लिया और अब उनकी मेहनत रंग लायी है, उन्हें सालाना अच्छी कमाई हो रही है। 

वाकई, ये महिलाएं इस बात की मिसाल हैं कि हाथ पर हाथ रखे बैठने से अच्छा है कि कुछ काम किया जाए और कुछ नयी सोच की पहल की जाए, ग्रामीण इलाकों में ऐसी सोच की बेहद जरूरत है।

*Image used is only for representation of the story

 

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