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पंजाब के पंचायती राज इंस्टिट्यूशन में महिला प्रतिनिधि की जगह अब नहीं चलेगी पुरुषों की प्रॉक्सी

टीम Her Circle |  सितंबर 03, 2022

पंजाब में महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। पिछले कई सालों से ये खबरें हैं कि पंचायती राज इंस्टिट्यूशन (पीआरआई) में महिला प्रतिनिधि को चुना तो जाता है मगर, जब इसकी मीटिंग्स होती हैं या कोई बड़ा फैसला लेना होता है, तो चुनी हुईं महिला प्रतिनिधि के बजाय उनके पति, बेटे या अन्य रिश्तेदार प्रॉक्सी लगवाकर आ जाते हैं। लेकिन, अब इस चलन को रोकते हुए राज्य सरकार ने प्रॉक्सी लगाने वाले पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि सिर्फ महिला प्रतिनिधि को चुनने का यह फैसला बहुत समय पहले महिलाओं को सही मायने में सशक्त बनाने के लिए लिया गया था, न कि केवल जुबानी देने के लिए। गौरतलब है कि राज्य में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण है।

धालीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस संबंध में डिविजनल डेप्यूटी डायरेक्टर (पंचायत), एडिशनल डेप्यूटी कमिशनर (विकास), जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद और पंचायत अधिकारियों को यह फैसला सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार के आदेश पर कोई भी अगर उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि पहले भी कई बार निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि किसी भी महिला प्रतिनिधि के पति, बेटे या परिवार के किसी अन्य सदस्य को उनकी ओर से पंचायती राज संस्थाओं की बैठकों में शामिल नहीं होने दिया जाए। लेकिन इसके बावजूद यह देखा गया है कि जब भी निर्वाचित जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की बैठक होती है, तो प्रतिनिधि करने वाली महिलाओं के बजाय उनके पति या परिवार के अन्य सदस्य बैठक में शामिल होते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश की सीमाओं की रक्षा से लेकर वकील, जज, डॉक्टर, इंजीनियर बनने और अन्य क्षेत्रों में कमाल का प्रदर्शन करने तक विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की समान भागीदारी देखी जाती है, इसलिए इसकी जरूरत नहीं है कि कोई और पंचायत स्तर पर मीटिंग और अन्य कार्यक्रमों में उनका प्रतिनिधित्व करे। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश की प्रगति में महिलाओं की अहम भूमिका है।

धालीवाल ने आगे कहा कि अगर भविष्य में बैठक में किसी महिला पदाधिकारी की जगह उसके पति या पुत्र या परिवार के किसी अन्य सदस्य ने ली या लेने की कोशिश की, तो ऐसी स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

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