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कोलकाता में केवल महिलाओं ने संभाली दुर्गा पूजा की बागडौर, पहले साल ही लोगों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

टीम Her Circle |  अक्टूबर 03, 2022

कोलकाता में न्यू टाउन एक्शन एरिया- I के आस-पास एक दुर्गा पूजा पंडाल (मार्की) जीएलएस न्यूटाउन शारबोजनिन दुर्गोत्सव में पूजन से लेकर, पूरे आयोजन की बागडौर महिलाओं को दी गई है और पहले ही वर्ष में यह पूजा समिति लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। आइए जानें विस्तार से। 

देश भर में दुर्गा पूजा की धूम है। ऐसे में इस साल दुर्गा पूजा में यह भी खास बात रही है कि इस साल महिलाओं ने पूजा में हर बार से अधिक हिस्सा लिया है। वह पिछली बार की तुलना में अधिक बढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। आयोजन के इंतजाम से लेकर भोग बनाने तक वह साथ में हैं। 

ऐसे में कोलकाता में खासतौर से पंडालों में महिलाओं की रचनात्मकता भी देखते ही बन रही है। खासतौर से कोलकाता के न्यू टाउन एक्शन एरिया- I के आस-पास एक दुर्गा पूजा पंडाल (मार्की) जीएलएस न्यूटाउन शारबोजनिन दुर्गोत्सव, अपने पहले वर्ष में ही भीड़ को आकर्षित करने में कामयाब रहा है। 

पंडाल की सबसे खास बात यह है कि इसका प्रबंधन, अनुष्ठानों के संचालन सहित सबकुछ ही महिला टीम द्वारा किया जाता है, जिसमें स्वयंसेवक और ढाकी (ढोलकिया) शामिल होते हैं। साथ ही, पूरे टाउनशिप के लिए यह पहली सामुदायिक पूजा है। अब तक केवल प्रखंड समितियां और आवास समितियां ही अपनी पूजा का आयोजन करती थीं। दरअसल, अब तक महिला संघों द्वारा प्रबंधित दुर्गा पूजा पंडाल भी कभी-कभी महिला पुजारियों को नियुक्त करने से हिचकिचाते रहे हैं। लेकिन न्यू टाउन कमेटी के आयोजकों ने इस बार छह महिला पुजारियों की एक टीम बनाई है, जो पूजा में अनुष्ठान भी करवा रही हैं और पूजा-अर्चना भी करवा रही हैं। उद्घाटन समारोह के दौरान भी, पूरे बंगाल की 10 महिलाओं को 'महिषासुर मोर्दिनी' (राक्षस महिषासुर का वध करने वाली) के रूप में सम्मानित किया गया।

इस पूजा समिति का आयोजन करने वाले समिति के सहायकों का कहना है कि यह उनके लिए पूजा का पहला वर्ष है। और यहां अधिकांश स्वयंसेवक महिलाएं हैं,  जो भीड़ सहित सब कुछ संभालेंगी। छह महिला पुजारी पूजा की बागडौर संभालेंगी। साथ ही यहां कोई भी पुरुष पुजारी नहीं होगा। उनका कहना है कि हम महिला सशक्तिकरण का जश्न मनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इस विषय को चुना।
गौरतलब है कि जीवंत चित्रों से सजे पंडाल में बंगाल की अनूठी और सुंदर कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। इसके अलावा, पंडाल में स्ट्रिंग कठपुतली, डोकरा मूर्तियां, लकड़ी की मूर्तियां और मिट्टी के मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं।

बता दें कि पंडाल को 150 फीट गुणा 150 फीट के घेरे के आकार के मैदान में बनाया गया है। इसे लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी से इस कदर सजाया गया है, जो 'बंगा जननी' थीम को पूर्ण रूप से दर्शा रही है।

 

 

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