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कश्मीर में महिलाएं ‘हर घर तिरंगा’ कैम्पेन के लिए कर रही हैं योगदान

टीम हर सर्कल |  अगस्त 10, 2022

भारत के 75 वें आजादी के जश्न में पूरा देश शामिल है, ऐसे में भारत के हर राज्य से महिलाएं अपना योगदान दे रही हैं। खासतौर से हर घर तिरंगा कैंपेन में इस वर्ष महिलाओं का योगदान खास रहा है। उत्तर कश्मीर की कुपवाड़ा जिले की महिलाएं भी इस बार पीछे नहीं हैं। वह भी भारतीय राष्ट्रीय ध्वज बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। आजादी का जश्न मनाने के लिए खासतौर से काफी महिलाएं एक दूसरे के साथ मिल कर काम कर रही हैं, अब चूंकि आजादी के दिन में केवल कुछ दिन ही बचे हैं, इस कैम्पेन को और अधिक तवज्जो दिया जा रहा है। यह तिरंगा, बाकी तिरंगों से यूनिक भी है। वजह यह है कि इस पर बने कढ़ाई किये गए अशोक चक्र इसे खास बना रहे हैं और इसमें बेहद खूबसूरत पारंपरिक कश्मीरी कला दर्शाई गई है।

खास बात है कि कवारी और कुनान पोशपोरा गांव की लगभग 50 महिलाएं, इस काम के लिए आगे आई हैं और उन्होंने बढ़-चढ़ कर इस पहल में हिस्सा लिया। भारतीय आर्मी द्वारा सहयोग किये जा रहे इस कैम्पेन को पूरी तरह से महिलाओं का सहयोग मिल रहा है। खास बात यह है कि वह दिन-रात एक करके इन तिरंगों को बना रही हैं, जो स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऑफिस और विद्यालयों में फहराये जायेंगे।

इस बारे में केंद्र की प्रमुख नाजिमा समुंदर का कहना है कि वह सबसे पहले तो भारतीय आर्मी को धन्यवाद कहना चाहती हैं कि उन्होंने इस केंद्र को बनाया ही। उन्होंने ही सिलाई करने वाली मशीन से लेकर, कच्चे माल और बाकी ऐसी कई चीजें भी उपलब्ध कराई हैं। उनका कहना है कि वह इस बात से खुश हैं कि वह कुछ ऐसा कर रही हैं, जो राष्ट्रीय सम्मान की बात है। उनका कहना है कि हर दिन लगभग 100 तिरंगे बनाये जा रहे हैं और हमलोग लगातार काम कर रहे हैं, ताकि अपना लक्ष्य पूरा कर पाएं और हमें जितने भी तिरंगे की जरूरत है, उसे बनाना पूरा कर लें। यहां 12 -12 घंटे काम हो रहे हैं और रात में भी महिलाएं इस काम को पूरा करने में जुटी हुई हैं। पहले यह तिरंगे कुपवाड़ा में नहीं बनने वाले थे, लेकिन फिर जब यह मौका मिला, तो सभी के लिए यह किसी प्राउड मोमेंट से कम नहीं था। नाजिमा का कहना है कि यहां की महिलाएं बस यही चाहती हैं कि उनके बनाये गए तिरंगे, लोग ज्यादा से ज्यादा फहराएं और राष्ट्र का सम्मान करें।

गौरतलब है कि यह विचार इंडियन आर्मी की तरफ से ही आया था, जिन्होंने महिलाओं को काम देने के लिए, यह छोटे ही सही प्रयास किये। लगभग 30 लड़कियां हर दिन 60 तिरंगे बना रही हैं और यह सारे ध्वज या तिरंगों पर अशोक चक्र वाली कारीगरी कमाल लग रही है। वहां की महिलाएं चाहती हैं कि यह ध्वज भारत के हर घर में पहुंचे। इन ध्वजों की खासियत है कि इस पर की गई कारीगरी पूरी तरह से हाथों से की गई है, जो इसे और खास बना रहा है। अच्छी बात यह भी है कि इंडियन आर्मी की मदद से अब ये महिलाएं ई-कॉमर्स वेंचर से जुड़ने को तैयार है, ताकि वह पूरे भारत से जुड़ सकें।

 

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